खूंटी: नवंबर में अवैध अफीम की पैदावारी के साथ-साथ जिला प्रशासन की परेशानियां भी बढ़ जाती हैं. इसी को लेकर डीसी लोकेश मिश्रा की अध्यक्षता में एनसीओआरडी की बैठक हुई. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष भी जिले के खूंटी, मुरहू और अड़की प्रखंड क्षेत्रों में वृहद पैमाने पर अफीम की खेती की गई है. इस बार योजनाबद्ध तरीके से अवैध अफीम की खेती को नष्ट करने का अभियान जिला प्रशासन चलाने जा रहा है.
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जिले में पहली बार सीआरपीएफ और पारा मिलिट्री के जवानों को अफीम की खेती नष्ट करने के अभियान में लगाया जाएगा. जिले के लिए अभिशाप बने अवैध अफीम की खेती को रोकना जिला प्रशासन के लिए चुनौती है. प्रशासन हर साल हजारों एकड़ अफीम की फसलों को नष्ट करते आ रहा है. इसके बावजूद माफिया खेती का दायरा बढ़ाते जा रहे हैं.
इस वर्ष जिला प्रशासन ने अफीम की खेती को बढ़ने से पहले विनष्ट करने का प्लान बनाया है. डीसी ने जिले के प्रशासनिक अधिकारियों समेत वन विभाग व एसपी को भी निर्देश दिया है कि सूचना संकलन कर अपने स्तर से खेतों को नष्ट करें. इस अभियान में सीआरपीएफ और पारा मिलिट्री के जवान भी शामिल होंगे. डीसी लोकेश मिश्रा अवैध फसलों को लेकर विगत दो माह से ही अधिकारियों के साथ बैठक कर इस पर चर्चा कर चुके हैं. वहीं बैठक में इस विषय पर अधिकारियों को दिशा निर्देश देते रहे हैं.
एनसीओआरडी की बैठक में डीसी ने मादक द्रव्य पदार्थों पर नियंत्रण के लिए समीक्षा की. साथ ही संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए. मौके पर डीसी ने पिछले माह पुलिस द्वारा अफीम की खेती के विरुद्ध चलाये गए अभियान में तेजी लाने की बात कही. उन्होंने एनसीकोर्ड से संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि ग्राम प्रधान व मुखिया के साथ बैठककर वैकल्पिक खेती के लिए उन्हें प्रेरित करें. बैठक में डीसी ने संबंधित अंचलाधिकारी, थाना प्रभारी एवं रेंजर के नेतृत्व में टीम का गठन कर छापेमारी करने को कहा. डीसी ने प्रखंड के सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि थाना प्रभारी, अंचल अधिकारी को मादक द्रव्य पदार्थों को नष्ट करने को लेकर अभियान चलाने की बात कहें.