खूंटी: जिले के खूंटी, मुरहू और अड़की प्रखंड क्षेत्र के घने जंगलों और खेतों में अवैध अफीम की खेती को नष्ट करने का सिलसिला जारी है. 10 दिसंबर को शुरू हुए इस ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने 10 दिनों के अंदर 50 एकड़ से ज्यादा अफीम की फसल को नष्ट कर दिया.
बुधवार को 18 एकड़ में लगे फसल को किया गया नष्ट: अवैध अफीम को नष्ट करने के लिए खूंटी पुलिस ने बुधवार को पूरे दिन खूंटी, मुरहू और अड़की प्रखंड क्षेत्र में अभियान जारी रखा. बुधवार शाम तक जिले के खूंटी, मुरहू, सैको, मारंगहादा और अड़की थाना क्षेत्रों में अवैध अफीम के खिलाफ अभियान चलाया गया और 18 एकड़ से अधिक में लगी अफीम की खेती को नष्ट कर दिया गया. इसके साथ ही सैको, मुरहू और अड़की पुलिस ने गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चलाया.
अभियान से प्रभावित होकर ग्रामीणों ने खुद ही कई एकड़ में लगी अफीम की फसल को ट्रैक्टर से रौंद कर नष्ट कर दिया. पुलिस के जागरूकता अभियान और ग्रामीणों द्वारा खुद ही अफीम को नष्ट करने से पुलिस गदगद है. ग्रामीणों ने यह भी कहा कि पुलिस ने कानूनी जानकारी दी है. दोबारा ये लत नहीं पालूंगा. ग्रामीण इसके स्थान पर रबी फसल लगाने पर सहमत हुए.
लोगों को किया जा रहा जागरूक: यहां बता दें कि अलग-अलग थाना क्षेत्रों में गठित पुलिस टीमें गुप्त सूचना के आधार पर लगातार छापेमारी कर रही हैं. जिला पुलिस ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अपने आसपास हो रही नशे की खेती के खिलाफ एक जागरूक नागरिक होने का परिचय देते हुए पुलिस को गुप्त सूचना दें.
इस दौरान पुलिस ने अवैध अफीम और इसके दुष्प्रभावों सहित अफीम से होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी दी और लोगों को जादू-टोना की रोकथाम और जादू-टोना अधिनियम 2001 के अपराध और सजा से संबंधित प्रावधानों के बारे में जागरूक किया. साथ ही मॉब लिंचिंग, यातायात नियम, बाल विवाह और अवैध अफीम की खेती के बारे में भी जागरूक किया.
जागरूकता कार्यक्रम का हो रहा असर: जिले के पुलिस कप्तान भी मानते हैं कि जिले के खूंटी में पिछले कई वर्षों से अफीम की खेती हो रही है. इस बार भी कई इलाकों में अफीम की खेती की जा रही है. एसपी अमन कुमार ने बताया कि सूचना संकलन का कार्य नवंबर माह से शुरू कर दिया गया है तथा 10 दिसंबर से अफीम फसल को नष्ट करने का अभियान शुरू किया गया है. सूचना के आलोक में प्रतिदिन विभिन्न थाना क्षेत्रों में अफीम नष्ट करने का कार्य किया जा रहा है. जिले के थाना क्षेत्रों में यह अभियान लगातार जारी रहेगा. साथ ही ग्रामीणों को अफीम की खेती नहीं करने के लिए लगातार जागरूक भी किया जा रहा है. एसपी ने दावा किया है कि जागरूकता कार्यक्रम का असर भी हो रहा है और कई इलाकों में ग्रामीण खुद ही अफीम की फसल को नष्ट कर रहे हैं. जिला प्रशासन और जिला पुलिस लगातार ग्रामीणों को अफीम की जगह वैकल्पिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है और हर संभव मदद कर रही है.
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