ETV Bharat / state

सरकारी उपेक्षा के कारण दम तोड़ रहा जामताड़ा का पबिया टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, प्रशासन मौन - जामताड़ा के पबिया टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज की स्थिति

जामताड़ा में स्थित पबिया टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. यह कॉलेज पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. यहां तक कि भवन के खिड़की दरवाजे तक टूट चुके हैं, लेकिन इस पर सरकार और प्रशासन दोनों ही ध्यान नहीं दे रहे हैं.

worse condition of pabia teachers training college in jamtara
जामताड़ा का पबिया टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज
author img

By

Published : Feb 12, 2021, 11:42 AM IST

Updated : Jun 7, 2021, 6:06 PM IST

जामताड़ा: जिले का पबिया टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. सरकारी उपेक्षा के कारण यह संस्थान दम तोड़ रहा है. जिसके प्रति सरकार और विभाग दोनों ही संवेदनशील नहीं हैं. पूरा भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है. हालात यह है कि भवन के खिड़की दरवाजे तक खत्म हो चुके हैं.

देखें पूरी खबर

गुलजार रहा करता था कॉलेज
संयुक्त बिहार के समय जामताड़ा का पबिया टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज काफी गुलजार रहा करता था. पूरे बिहार के छात्र-छात्राएं यहां पर ट्रेनिंग लेने पहुंचते थे. माहौल शैक्षणिक वातावरण में तब्दील रहता था. चारों तरफ संस्थान के पेड़ पौधे की हरियाली से वातावरण काफी मनमोहक रहता था, लेकिन आज सरकारी देखरेख और उपेक्षा के कारण यह बदहाली के कगार पर पहुंच चुका है.

1995 तक चला यह संस्थान

पबिया का खंडहर बना टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज 1995 तक संयुक्त बिहार में ठीक-ठाक चला. 1995 के बाद एनसीईआरटी की मान्यता नहीं मिलने के कारण यह बंद पड़ गया. धीरे-धीरे यहां के स्टाफ भी दूसरी जगह प्रतिनियुक्त हो गए. उचित देखरेख के अभाव में यहां सब नष्ट होते गया. स्थिति यह है कि आज इसे देखने वाला कोई नहीं है. संपत्ति नष्ट हो रही है.

इसे भी पढ़ें- कोडरमा: जर्जर स्कूल की छत का प्लास्टर गिरा, शिक्षक हुए घायल

अलग राज्य बनने के बाद भी नहीं हो पाया चालू

झारखंड राज्य बनने के बाद यह उम्मीद जगी थी कि खंडहर बना पबिया टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज का भाग्योदय होगा. अलग राज्य में अपनी सरकार ध्यान देगी. अलग राज्य बने 20 साल बीत गए, लेकिन पबिया टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज का भाग्योदय आज तक नहीं हुआ. सरकार और विभाग दोनों इसकी सुध लेना उचित नहीं समझते.

क्या कहते हैं प्रभारी पदाधिकारी
खंडहर बना पबिया का टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के प्रभारी पदाधिकारी ने बताया कि मान्यता प्राप्त नहीं रहने के कारण यह संस्थान बंद पड़ा हुआ है, स्थिति यह है कि देखरेख के अभाव में, सुरक्षा, चहारदीवारी नहीं रहने के कारण आज जामताड़ा का यह धरोहर बर्बाद हो रहा है. उन्होंने बताया कि इसके लिए कई बार सरकार और विभाग को पत्र लिखा गया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया है.

जामताड़ा: जिले का पबिया टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. सरकारी उपेक्षा के कारण यह संस्थान दम तोड़ रहा है. जिसके प्रति सरकार और विभाग दोनों ही संवेदनशील नहीं हैं. पूरा भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है. हालात यह है कि भवन के खिड़की दरवाजे तक खत्म हो चुके हैं.

देखें पूरी खबर

गुलजार रहा करता था कॉलेज
संयुक्त बिहार के समय जामताड़ा का पबिया टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज काफी गुलजार रहा करता था. पूरे बिहार के छात्र-छात्राएं यहां पर ट्रेनिंग लेने पहुंचते थे. माहौल शैक्षणिक वातावरण में तब्दील रहता था. चारों तरफ संस्थान के पेड़ पौधे की हरियाली से वातावरण काफी मनमोहक रहता था, लेकिन आज सरकारी देखरेख और उपेक्षा के कारण यह बदहाली के कगार पर पहुंच चुका है.

1995 तक चला यह संस्थान

पबिया का खंडहर बना टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज 1995 तक संयुक्त बिहार में ठीक-ठाक चला. 1995 के बाद एनसीईआरटी की मान्यता नहीं मिलने के कारण यह बंद पड़ गया. धीरे-धीरे यहां के स्टाफ भी दूसरी जगह प्रतिनियुक्त हो गए. उचित देखरेख के अभाव में यहां सब नष्ट होते गया. स्थिति यह है कि आज इसे देखने वाला कोई नहीं है. संपत्ति नष्ट हो रही है.

इसे भी पढ़ें- कोडरमा: जर्जर स्कूल की छत का प्लास्टर गिरा, शिक्षक हुए घायल

अलग राज्य बनने के बाद भी नहीं हो पाया चालू

झारखंड राज्य बनने के बाद यह उम्मीद जगी थी कि खंडहर बना पबिया टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज का भाग्योदय होगा. अलग राज्य में अपनी सरकार ध्यान देगी. अलग राज्य बने 20 साल बीत गए, लेकिन पबिया टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज का भाग्योदय आज तक नहीं हुआ. सरकार और विभाग दोनों इसकी सुध लेना उचित नहीं समझते.

क्या कहते हैं प्रभारी पदाधिकारी
खंडहर बना पबिया का टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के प्रभारी पदाधिकारी ने बताया कि मान्यता प्राप्त नहीं रहने के कारण यह संस्थान बंद पड़ा हुआ है, स्थिति यह है कि देखरेख के अभाव में, सुरक्षा, चहारदीवारी नहीं रहने के कारण आज जामताड़ा का यह धरोहर बर्बाद हो रहा है. उन्होंने बताया कि इसके लिए कई बार सरकार और विभाग को पत्र लिखा गया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया है.

Last Updated : Jun 7, 2021, 6:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.