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जामताड़ाः विश्व आदिवासी दिवस पर कार्यक्रम, जेवीएम सुप्रीमो मरांडी हुए शामिल

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Published : Aug 9, 2019, 11:07 PM IST

जामताड़ा में विश्व आदिवासी दिवस काफी धूमधाम के साथ मनाया गया. इस दौरान आदिवासी समाज संगठन द्वारा रैली निकाली गई और कई कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. संविधान द्वारा दिए गए आदिवासियों के अधिकार पर भी चर्चा की गई.

कार्यक्रम का उद्घाटन करते बाबूलाल मरांडी

जामताड़ा: जिले के गांधी मैदान में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर भव्य समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान भारी संख्या में लोगों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया. मुख्य अतिथि के रूप में बाबूलाल मरांडी ने इस समारोह में शिरकत की. उनका स्वागत परंपरागत रीति रिवाज से किया गया. बाबूलाल मरांडी ने दीप प्रज्वलित कर समारोह की शुरूआत की और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाकर रखने का संकल्प भी लिया.

देखें पूरी खबर

इस मौके पर बाबूलाल मरांडी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अलग राज्य बनने के बाद भी यहां के लोगों का जो सपना था, वह पूरा नहीं हो पाया है. आज भी यह सपना अधूरा है. आदिवासी समाज का जो विकास होना चाहिए था नहीं हो पाया है. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार आदिवासियों को उनकी जमीन से उजाड़ने पर आमादा है. आज भी आदिवासी अपने जमीन के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. बड़ी संख्या में आदिवासियों के राज्य से पलायन को लेकर चर्चा करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आदिवासियों के लगातार पलायन से उनकी संख्या में कमी हो रही है, जो चिंता का विषय है. वहीं उन्होंने आदिवासियों को अपने अधिकार के प्रति सजग रहने की भी बात कही.

एक और जहां विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आदिवासी समाज संगठन ने अपनी संस्कृति की सुरक्षा को लेकर संकल्प लिया, वहीं दूसरी ओर संविधान द्वारा उनको मिले अधिकार को सही रूप से नहीं मिल पाने पर चिंता भी जताई.

जामताड़ा: जिले के गांधी मैदान में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर भव्य समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान भारी संख्या में लोगों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया. मुख्य अतिथि के रूप में बाबूलाल मरांडी ने इस समारोह में शिरकत की. उनका स्वागत परंपरागत रीति रिवाज से किया गया. बाबूलाल मरांडी ने दीप प्रज्वलित कर समारोह की शुरूआत की और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाकर रखने का संकल्प भी लिया.

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इस मौके पर बाबूलाल मरांडी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अलग राज्य बनने के बाद भी यहां के लोगों का जो सपना था, वह पूरा नहीं हो पाया है. आज भी यह सपना अधूरा है. आदिवासी समाज का जो विकास होना चाहिए था नहीं हो पाया है. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार आदिवासियों को उनकी जमीन से उजाड़ने पर आमादा है. आज भी आदिवासी अपने जमीन के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. बड़ी संख्या में आदिवासियों के राज्य से पलायन को लेकर चर्चा करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आदिवासियों के लगातार पलायन से उनकी संख्या में कमी हो रही है, जो चिंता का विषय है. वहीं उन्होंने आदिवासियों को अपने अधिकार के प्रति सजग रहने की भी बात कही.

एक और जहां विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आदिवासी समाज संगठन ने अपनी संस्कृति की सुरक्षा को लेकर संकल्प लिया, वहीं दूसरी ओर संविधान द्वारा उनको मिले अधिकार को सही रूप से नहीं मिल पाने पर चिंता भी जताई.

Intro:विश्व आदिवासी दिवस जामताड़ा में काफी धूमधाम के साथ मनाया गया। आदिवासी समाज एवं संगठन द्वारा रैली निकाली गई एवं कई कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।


Body:विभिन्न आदिवासी समाज एवं आदिवासी संगठन विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर जामताड़ा में अपने अधिकार और संस्कृति की रक्षा की मांग को लेकर जहां रैली निकाली ।वहीं दूसरी ओर जामताड़ा के गांधी मैदान में भव्य समारोह का भी आयोजन किया गया। जहां काफी संख्या में आदिवासी समाज के लोग इस अपने आदिवासी दिवस मनाने को लेकर जुटे थे। मुख्य अतिथि बाबूलाल मरांडी इस समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे ।जहां उनका भव्य आदिवासी समाज द्वारा परंपरागत रीति रिवाज के ढंग से स्वागत किया गया ।बाबूलाल मरांडी ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किए ।समारोह में आदिवासी समाज संगठन द्वारा परंपरागत नृत्य संगीत प्रस्तुत किया गया। समारोह में अपनी संस्कृति घरोहर को बचाकर रखने का संकल्प लिया। एवं अपने अधिकार के प्रति सजग रहने की भी चर्चा की गई। इस मौके पर बाबूलाल मरांडी ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि अलग राज्य बनने के बाद भी यहां के लोग का जो सपना था। वह पूरा नहीं हो पाया है। आज भी यह सपना अधूरा है। आदिवासी समाज का जो विकास होना चाहिए था नहीं हो पाया है ।बाबूलाल मरांडी ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। बाबूलाल मरांडी ने कहा किस सरकार आदिवासियों के जमीन से उजाड़ने पर आमादा है। आदिवासी पूजा उनके जमीन से बेदखल करने का आरोप लगाया कहां कि आज भी आदिवासी अपने जमीन की लड़ाई लड़ रहे हैं ।बड़ी संख्या में आदिवासियों के राज से पलायन को लेकर चर्चा करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य से बड़ी संख्या में आदिवासियों का पलायन हो रहा है ।इससे आदिवासियों की संख्या में कमी हो रहीं हैं । जो चिंता का विषय है।
बाईट बाबूलाल मरांडी झाविमो सुप्रीमो।


Conclusion:एक और जहां विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आदिवासी समाज संगठन अपनी संस्कृति अपनी सुरक्षा को लेकर संकल्प लिया ।वहीं दूसरी ओर आदिवासी समाज आदिवासी दिवस के मौके पर संविधान द्वारा उनके मिले अधिकार को सही रूप से नहीं मिल पाने पर भी चिंता जताई और मौलिक अधिकार दिए जाने की मांग की ।
संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा
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