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सफेद हाथी साबित हो रहा महिला औद्योगिक विद्यालय, करोड़ों खर्च होने के बाद भी खंडहर में तब्दील भवन - झारखंड समाचार

महिलाओं के उत्थान के जामताड़ा में करोड़ों की लागत से महिला औद्योगिक विद्यालय का निर्माण कराया गया था. लेकिन प्रशासन की उदासीनता के कारण यह बर्बादी की कगार पर आ चुका है.

स्कूल की तस्वीर
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Published : Jul 27, 2019, 10:02 AM IST

जामताड़ा: करोड़ों की लागत से बना महिला औद्योगिक विद्यालय बेकार साबित हो रहा है. यह अब खंडहर में तब्दील हो चुका है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग झारखंड सरकार द्वारा जामताड़ा में महिलाओं के उत्थान एवं आत्मस्वलंबन बनाने के उद्देश्य से करोड़ों रुपए खर्च कर यह भवन का निर्माण कराया गया था.

देखें पूरी खबर
बताया जाता है कि शुरुआत में उद्घाटन के कुछ दिन बाद तक महिलाओं के लिए बना विद्यालय ठीक-ठाक चला उसके बाद इस पर ग्रहण लग गया. जो अब बर्षों से बंद पड़ा है, जब यह विद्यालय शुरू हुआ था तब यहां महिलाओं को उम्मीद जगी थी कि अब महिलाओं को तकनीकी शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें- रांची के अनाथ आश्रम से तीन किशोर फरार, तलाश में जुटी पुलिस

आलम ये है कि भवन में रखे कीमती सामान बेकार हो रहे हैं, छात्राओं के जगह विद्यालय परिसर में जंगल-झाड़ उग आए हैं. स्थानीय समाजसेवी और आनंद टुडू ने इसे सरकार की विफलता बताया है. बहरहाल जिस उद्देश्य से महिला औद्योगिक विद्यालय का निर्माण कराया गया था, उस उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पा रही है.

जामताड़ा: करोड़ों की लागत से बना महिला औद्योगिक विद्यालय बेकार साबित हो रहा है. यह अब खंडहर में तब्दील हो चुका है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग झारखंड सरकार द्वारा जामताड़ा में महिलाओं के उत्थान एवं आत्मस्वलंबन बनाने के उद्देश्य से करोड़ों रुपए खर्च कर यह भवन का निर्माण कराया गया था.

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बताया जाता है कि शुरुआत में उद्घाटन के कुछ दिन बाद तक महिलाओं के लिए बना विद्यालय ठीक-ठाक चला उसके बाद इस पर ग्रहण लग गया. जो अब बर्षों से बंद पड़ा है, जब यह विद्यालय शुरू हुआ था तब यहां महिलाओं को उम्मीद जगी थी कि अब महिलाओं को तकनीकी शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा.

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आलम ये है कि भवन में रखे कीमती सामान बेकार हो रहे हैं, छात्राओं के जगह विद्यालय परिसर में जंगल-झाड़ उग आए हैं. स्थानीय समाजसेवी और आनंद टुडू ने इसे सरकार की विफलता बताया है. बहरहाल जिस उद्देश्य से महिला औद्योगिक विद्यालय का निर्माण कराया गया था, उस उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पा रही है.

Intro:करोड़ों की लागत से जामताड़ा में बना महिला औद्योगिक विद्यालय बेकार साबित हो रहा है । करोड़ की लागत से बना या महिला औद्योगिक विद्यालय भूत बंगला में तब्दील हो चुका है।


Body:विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग झारखंड सरकार द्वारा जामताड़ा में महिलाओं के उत्थान एवं आत्मस्वलंबन बनाने के उद्देश्य से करोड़ों रुपए खर्च कर यह भवन का निर्माण कराया गया। बताया जाता है कि प्रारंभ में उद्घाटन के कुछ दिन बाद तक महिलाओं के लिए बना विद्यालय ठीक-ठाक चला उसके बाद ग्रहण लग गया है ।जो कि बर्षों से बंद पड़ा हुआ है। बताया जाता विद्यालय निर्माण के बाद चालू हुआ था तब यहां महिलाओं को उम्मीद जगी थी कि अब महिलाओं को तकनीकी शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा । जामताड़ा उनके घर में ही तकनीकी शिक्षा मिल पाएगी और स्वरोजगार कर स्वावलंबी बनने का मौका मिलेगा ।किसी पर आश्रित और बाहर जाने की नौबत नहीं आएगी ।पर हुआ वही ढाक के तीन पात सारे उम्मीदों पर पानी फिर गया है। भवन में रखे कीमती सामान बेकार हो रहे हैं। छात्राओं के जगह विद्यालय के परिसर में जंगल झाड़ उग आए हैं । स्थानीय समाजसेवी और आनंद टुडू ने इसे सरकार की विफलता बताया है। कहां है यह सिर्फ नाम का औद्योगिक विद्यालय है। सिर्फ 5 साल में एक बार विधानसभा चुनाव का मतगणना के लिये भवन उपयोग होता है। उसके बाद बंद पड़ा रहता है।
बाईट आनंद टू डू समाजसेवी


Conclusion:बहराल जिस उद्देश्य से महिला औद्योगिक विद्यालय का निर्माण कराया गया था ।उस उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पा रही है। नहीं इसका लाभ जामताड़ा के महिलाओं को मिल पा रहा है ।एक तरफ सरकार महिलाओं के उत्थान एवं विकास के लिए करोड़ों रुपया खर्च करती है। लंबे लंबे दावे करती है। वहीं दूसरी तरफ जामताड़ा में बंद पड़ा यह महिला औद्योगिक विद्यालय सरकार के तमाम दावों को मुंह चिढ़ा रहा है।
संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा
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