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जामताड़ा: गर्मी की दस्तक संग ही गहराया पेयजल संकट, लोग डोभा का पानी पीने के लिए मजबूर - जामताड़ा में पेयजल का संकट

गर्मी की दस्तक के साथ ही जामताड़ा में पेयजल का संकट गहराने लगा है. लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है. शुद्ध पेयजल को लेकर लोगों की चिंता बढ़ गई है. तमाम लोग डोभा का पानी पीने के लिए मजबूर हो गए हैं.

drinking water crisis in jamtara
जामताड़ा में पेयजल का संकट
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Published : Mar 7, 2021, 6:44 PM IST

Updated : Mar 7, 2021, 7:00 PM IST

जामताड़ा: गर्मी की दस्तक के साथ ही जामताड़ा में पेयजल संकट गहराने लगा है. नदी, पोखरे, हैंडपंप सूखने लगे हैं और भूजल स्तर काफी नीचे पहुंच गया है. इससे पानी के लिए लोग परेशान हैं. नतीजतन तमाम लोग डोभा का पानी पीने के लिए मजबूर हो गए हैं.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- हजारीबाग के जयनगर में एकसाथ उठी पिता-पुत्र की अर्थी, सिलीगुड़ी में सड़क हादसे में हुई थी मौत

पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं लोग

कहने के लिए तो लोगों को पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए ग्रामीण और शहरी जलापूर्ति योजना चलाई जा रही है. इसके लिए लाखों-करोड़ों की लागत से जल मीनार बनवाए गए हैं. लेकिन इनमें से अधिकतर या तो बंद हैं या फेल हो चुकी हैं. इससे लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है. स्थानीय लोग बताते हैं कि कुएं सूख गए हैं, चापाकल खराब हो गए हैं. ऐसे में लोगों को सप्लाई वाटर पर ही निर्भर रहना पड़ता है लेकिन वो भी नियमित रूप से नहीं आता है. इससे हालात बिगड़ रहे हैं. नतीजतन लोगों पानी के लिए दूर-दराज के इलाकों में भटकना पड़ता है. जामताड़ा भाजपा जिला अध्यक्ष का कहना है कि जामताड़ा में नदी, पोखरे सूख गए हैं. इससे पानी का संकट गहरा गया है. लेकिन प्रशासन बेफिक्र है.


क्या है पेयजल संकट को लेकर प्रशासन की तैयारी

पेयजल और स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता ने कहा कि जितने भी चापाकल खराब हैं, उसका खराब पाइप बदला जा रहा है और मरम्मत कराने का काम किया जा रहा है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि प्रखंड स्तर पर और जिला स्तर पर कंट्रोल रूम का गठन किया गया है. जहां पर लोगों की शिकायत सुनी जाएगी.

जामताड़ा: गर्मी की दस्तक के साथ ही जामताड़ा में पेयजल संकट गहराने लगा है. नदी, पोखरे, हैंडपंप सूखने लगे हैं और भूजल स्तर काफी नीचे पहुंच गया है. इससे पानी के लिए लोग परेशान हैं. नतीजतन तमाम लोग डोभा का पानी पीने के लिए मजबूर हो गए हैं.

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पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं लोग

कहने के लिए तो लोगों को पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए ग्रामीण और शहरी जलापूर्ति योजना चलाई जा रही है. इसके लिए लाखों-करोड़ों की लागत से जल मीनार बनवाए गए हैं. लेकिन इनमें से अधिकतर या तो बंद हैं या फेल हो चुकी हैं. इससे लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है. स्थानीय लोग बताते हैं कि कुएं सूख गए हैं, चापाकल खराब हो गए हैं. ऐसे में लोगों को सप्लाई वाटर पर ही निर्भर रहना पड़ता है लेकिन वो भी नियमित रूप से नहीं आता है. इससे हालात बिगड़ रहे हैं. नतीजतन लोगों पानी के लिए दूर-दराज के इलाकों में भटकना पड़ता है. जामताड़ा भाजपा जिला अध्यक्ष का कहना है कि जामताड़ा में नदी, पोखरे सूख गए हैं. इससे पानी का संकट गहरा गया है. लेकिन प्रशासन बेफिक्र है.


क्या है पेयजल संकट को लेकर प्रशासन की तैयारी

पेयजल और स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता ने कहा कि जितने भी चापाकल खराब हैं, उसका खराब पाइप बदला जा रहा है और मरम्मत कराने का काम किया जा रहा है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि प्रखंड स्तर पर और जिला स्तर पर कंट्रोल रूम का गठन किया गया है. जहां पर लोगों की शिकायत सुनी जाएगी.

Last Updated : Mar 7, 2021, 7:00 PM IST
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