जामताड़ा: दुर्गा पूजा में विजयदशमी के दिन अपराजिता फूल और पौधे का विशेष महत्व है. इस दिन श्रद्धालु अपराजिता पौधे और फूल से मां देवी की पूजा-अर्चना करते हैं और यात्रा बनाते हैं. सालभर यात्रा बनाकर फूल और पौधे को घर में रखते हैं. जिससे उनके सामने आने वाली हर बाधा से मुक्ति मिल सके.
इसे भी पढ़ें- दुमका में सिंदूर खेला के साथ महिलाओं ने दी मां दुर्गा को विदाई, सुहाग की रक्षा के लिए मांगी मन्नत
विजयदशमी को अपराजिता फूल और पौधे का विशेष महत्व
अपराजिता यानी जिसे कोई पराजित नहीं कर सकता है. इसका पौधा और फूल से मां दर्गा की पूजा विजयदशमी के दिन होती है. श्रद्धालु अपराजिता के फूल और पौधे से मां को अर्पित कर उस फूल और पौधे को गांठ लगाकर अपने दाहिनी बाजू में बांधते हैं.
ऐसी मान्यता है कि अपराजिता के फूल और पौधे से विजयादशमी के दिन मां देवी की आराधना करने से मां भक्तों की सभी मनोवांछित मनोकामना पूरा करती है और घर में सुख समृद्धि आती है. यही कारण है कि विजयादशमी के दिन श्रद्धालु मां देवी कि अपराजिता फूल और पौधा से पूजा अर्चना कर यात्रा बनाते हैं. जिससे वो हर प्रकार के शत्रु को पराजित कर हर बाधा को पार कर सके.
क्या कहते हैं पुजारी
पुजारी बताते हैं कि अपराजिता का फूल और पौधे का विशेष महत्व है. विजयादशमी के दिन इस दिन यात्रा बनाकर सालभर रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है और सारे विघ्न और बाधा दूर होती है. आचार्य का कहना है कि अपराजिता का पौधा मां देवी का ही एक अंग है. जिससे भक्तों की मनोवांछित फल पूरी होती है.
अपराजिता का पौधा घर में रखते हैं श्रद्धालु
विजयादशमी के दिन मां दूर्गा की पूजा अपराजिता फूल और पौधे से करने के बाद उनको संभालकर लाल कपड़े में बांधा जाता है. फूल और पौधे को गांठ लगाकर अपने दाहिनी बाजू में बांधते हैं. श्रद्धालु बताते हैं कि वो अपराजिता के फूल और पौधे को सालभर घर में रखते हैं. इससे घर में सुख समृद्धि आती है, साथ ही बाहर जब जाते हैं तो यात्रा बनाकर घर से निकलते हैं, जो शुभ माना जाता है.