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जामताड़ा में अतिरिक्त प्रभार में चल रहा भूमि संरक्षण विभाग, गुणवत्ता और ईमानदारी पर उठ रहे हैं सवाल

सरकार सूबे के विकास का संपूर्ण दावा करती है और हर विभाग को पहले से ज्यादा दुरुस्त बनाने की कोशिश में जुटी हुई है. लेकिन जामताड़ा में चल रहे भूमि संरक्षण विभाग में कोई स्थाई पदाधिकारी नहीं है और इसका असर वहां होने वाले कामों पर भी पड़ता है.

भूमि संरक्षण विभाग कार्यालय.
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Published : Apr 3, 2019, 2:03 PM IST

जामताड़ा: जिले का भूमि संरक्षण विभाग अतिरिक्त प्रभार पर चल रहा है. यहां ना भूमि संरक्षण पदाधिकारी पदस्थापित है और ना ही कनीय अभियंता, दोनों पदाधिकारी दूसरे जिले में पदस्थापित हैं.

जानकारी देती कांग्रेस नेता

जामताड़ा स्थित भूमि संरक्षण विभाग में स्थाई रूप से भूमि संरक्षण पदाधिकारी पदस्थापित नहीं है. यहां पर न ही कनीय अभियंता पदस्थापित हैं. दोनों ही पदाधिकारी दूसरे जिला में पदस्थापित हैं और अतिरिक्त प्रभार में जामताड़ा भूमि संरक्षण विभाग का कार्यभार देख रहे हैं. यहां के दोनों पदाधिकारियों में एक धनबाद में और दूसरा दुमका में पदस्थापित हैं. धनबाद में भूमि संरक्षण पदाधिकारी सुबोध प्रसाद पदस्थापित हैं. अतिरिक्त जामताड़ा जिला प्रभार में है.

वहीं, अभियंता दुमका जिला में पदस्थापित हैं और जामताड़ा जिला अतिरिक्त प्रभार में है. जब भूमि संरक्षण विभाग पदाधिकारी से जब संपर्क कर पूछा गया तो उन्होंने खुद स्वीकार किया कि वे धनबाद में पदस्थापित हैं. जामताड़ा जिला उनको अतिरिक्त प्रभार में दिया गया है. 3 दिन यहां काम करते हैं और 3 दिन अपने मूल पदस्थापित जगह पर काम करते हैं.

सरकार द्वारा भूमि संरक्षण विभाग के माध्यम से किसानों के लिए कई तरह की योजनाएं चलती हैं. करोड़ों रुपए डोभा एवं पोखरा के नाम पर खर्च किए जा रहे हैं, जिसका जिम्मा देखभाल पदाधिकारियों और अभियंता के ऊपर निर्भर रहता है. लेकिन यह दोनों पदाधिकारी अपने मन मुताबिक समय निकालकर यहां आते हैं और सिर्फ कागजी घोड़ा दौड़ा कर चले जाते हैं. कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मुक्ता मंडल ने बताया भूमि संरक्षण विभाग में यह दोनों पदाधिकारी सिर्फ अपना हाजिरी बनाते आते हैं और सरकारी राशि कागज में सही कर फिर चले जाते हैं.

जामताड़ा: जिले का भूमि संरक्षण विभाग अतिरिक्त प्रभार पर चल रहा है. यहां ना भूमि संरक्षण पदाधिकारी पदस्थापित है और ना ही कनीय अभियंता, दोनों पदाधिकारी दूसरे जिले में पदस्थापित हैं.

जानकारी देती कांग्रेस नेता

जामताड़ा स्थित भूमि संरक्षण विभाग में स्थाई रूप से भूमि संरक्षण पदाधिकारी पदस्थापित नहीं है. यहां पर न ही कनीय अभियंता पदस्थापित हैं. दोनों ही पदाधिकारी दूसरे जिला में पदस्थापित हैं और अतिरिक्त प्रभार में जामताड़ा भूमि संरक्षण विभाग का कार्यभार देख रहे हैं. यहां के दोनों पदाधिकारियों में एक धनबाद में और दूसरा दुमका में पदस्थापित हैं. धनबाद में भूमि संरक्षण पदाधिकारी सुबोध प्रसाद पदस्थापित हैं. अतिरिक्त जामताड़ा जिला प्रभार में है.

वहीं, अभियंता दुमका जिला में पदस्थापित हैं और जामताड़ा जिला अतिरिक्त प्रभार में है. जब भूमि संरक्षण विभाग पदाधिकारी से जब संपर्क कर पूछा गया तो उन्होंने खुद स्वीकार किया कि वे धनबाद में पदस्थापित हैं. जामताड़ा जिला उनको अतिरिक्त प्रभार में दिया गया है. 3 दिन यहां काम करते हैं और 3 दिन अपने मूल पदस्थापित जगह पर काम करते हैं.

सरकार द्वारा भूमि संरक्षण विभाग के माध्यम से किसानों के लिए कई तरह की योजनाएं चलती हैं. करोड़ों रुपए डोभा एवं पोखरा के नाम पर खर्च किए जा रहे हैं, जिसका जिम्मा देखभाल पदाधिकारियों और अभियंता के ऊपर निर्भर रहता है. लेकिन यह दोनों पदाधिकारी अपने मन मुताबिक समय निकालकर यहां आते हैं और सिर्फ कागजी घोड़ा दौड़ा कर चले जाते हैं. कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मुक्ता मंडल ने बताया भूमि संरक्षण विभाग में यह दोनों पदाधिकारी सिर्फ अपना हाजिरी बनाते आते हैं और सरकारी राशि कागज में सही कर फिर चले जाते हैं.

Intro:जामताड़ा का भूमि संरक्षण विभाग अतिरिक्त प्रभार पर चल रहा है । यहां ना भूमि संरक्षण पदाधिकारी पदस्थापित है और ना ही कनीय अभियंता ।दोनों पदाधिकारी दूसरे जिले में पदस्थापित ।


Body:जामताड़ा का भूमि संरक्षण विभाग में स्थाई रूप से भूमि संरक्षण पदाधिकारी पदस्थापित नहीं है। यहां पर न ही कनीय अभियंता पदस्थापित है ।दोनों ही पदाधिकारी दूसरे जिला में पदस्थापित हैं। और अतिरिक्त प्रभार में जामताड़ा भूमि संरक्षण विभाग में लिए बैठे हुए हैं। एक धनबाद में पदस्थापित हैं तो.दूसरा दुमका में पदस्थापित है ।धनबाद में भूमि संरक्षण पदाधिकारी सुबोध प्रसाद पदस्थापित है ।अतिरिक्त जामताड़ा जिला प्रभार में हैं वही अभियंता दुमका जिला में पदस्थापित हैं और जामताड़ा जिला अतिरिक्त प्रभार में है। दोनों ही पदाधिकारी दोनों जगह अपने सरकारी काम का निपटारा कितना ईमानदारी से कितना गुणवत्ता से देखकर निष्पादित करते होंगे यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है ।कनीय अभियंता कब आते हैं कम एमबी बुक में सही कह कर चले जाते हैं। किसी को पता ही नहीं चलता है । ।जब भूमि संरक्षण विभाग पदाधिकारी से जब संपर्क कर पूछा गया तो उन्होंने खुद स्वीकार किया कि वे धनबाद में पदस्थापित हैं। जामताड़ा जिला उनको अतिरिक्त प्रभार। में दिया गया है ।3 दिन यहां काम करते हैं और 3 दिन अपने मूल पदस्थापित जगह पर काम करते हैं। और उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि दुमका से कनीय अभियंता जामताड़ा आते हैं को देखरेख करते हैं।

बाईट सुबोध प्रसाद भूमि संरक्षण पदाधिकारी जामताड़ा

V2 सरकार द्वारा भूमि संरक्षण विभाग के माध्यम से किसानों को को कई तरह की. योजनाएं चलाती। करोड़ों रुपए डोभा एवं पोखरा के नाम पर खर्च किए जा रहे हैं ।जिसका जिम्मा देखभाल पदाधिकारियों और अभियंता के ऊपर निर्भर रहता है। लेकिन यह दोनों पदाधिकारी अपने मन मुताबिक समय निकालकर यहां आते हैं और सिर्फ कागजी घोड़ा दौड़ा कर चले जाते हैं। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मुक्ता मंडल ने बताया भूमि संरक्षण विभाग में यह दोनों पदाधिकारी सिर्फ अपना हाजिरी बनाते आते हैं और सरकारी राशि कागज में सही कर फिर चले जाते हैं। कांग्रेस की अध्यक्षा ने विभाग द्वारा उनके कार्य शैली औंर कराए गए सभी कार्यों की जांच की मांग की हैं।

बाईट मुक्ता मंडल जिला अध्यक्ष कांग्रेस


Conclusion:बाहर हाल अतिरिक्त प्रभार पर चल रहा जामताड़ा का भूमि संरक्षण विभाग में किए जा रहे कार्य सरकारी योजनाओं का कितना ईमानदारी और सही रूप से निष्पादन किया जाता होगा
इसे लेकर विभाग के पदाधिकारियों के कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है।
संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा
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