ETV Bharat / state

जामताड़ा रेलवे साइडिंग में कोयला ढुलाई का कार्य ठप, करोड़ों रूपए का हुआ नुकसान

जामताड़ा में बीते 15 दिनों से चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक कोयले की ढुलाई का कार्य बंद है, जिसके कारण प्रबंधन को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

railway coal siding closed in Jamtara
railway coal siding closed in Jamtara
author img

By

Published : Dec 15, 2020, 3:49 PM IST

जामताड़ा: जिले में बीते 15 दिनों से चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक कोयले की ढुलाई ठप है. कोयले की ढुलाई नहीं होने से कोयले के संप्रेषण का काम भी ठप पड़ गया है, जिसके कारण प्रबंधन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है. साथ ही रेलवे को होने वाले राजस्व की भी हानि हो रही है.

देखें पूरी खबर

खनन विभाग ने लगाई रोक

जानकारी अनुसार, चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक कोयले की ढुलाई को लेकर ई-चालान की आवश्यकता है. इसे चितरा कोलियरी को लेना अनिवार्य है. बिना ई-चलान के लिए कोयले की ढुलाई को लेकर खनन विभाग की ओर से रोक लगा दी गई है.

कोयले की ढुलाई बंद

जिला के खनन पदाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि चितरा कोलियरी को बिना ई-चालान के कोयले की ढुलाई नहीं करने दी जाएगी. परिवहन विभाग में भी वाहन से कोयले की ढुलाई को लेकर फरमान जारी किया है. जिला परिवहन पदाधिकारी वन विभाग की ओर से कोयले की ढुलाई में प्रयोग किए जाने वाले डंपर वाहन को बिना परमिट, बिना कागजात के परिचालन नहीं करने दिया जाएगा.

ये भी पढ़े- झारखंड में कोरोना से 1000 लोगों की मौत

कार्रवाई की चेतावनी

चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक डंपर से कोयले की ढुलाई की जाती है. इसमें अधिकतर डंपर ओवरलोड क्षमता से अधिक और बिना नियम कानून के ताक में रखकर परिचालन किया जाता है, जिसे लेकर कई बार परिवहन विभाग की ओर से कार्यवाई की भी चेतावनी दी गई.

भूखमरी की स्थिति उत्पन्न

मजदूरों के नेता का कहना है कि 15 दिनों से कोयले की ढुलाई ठप रहने से डंपर चालक और मजदूरों के सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसके कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जामताड़ा: जिले में बीते 15 दिनों से चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक कोयले की ढुलाई ठप है. कोयले की ढुलाई नहीं होने से कोयले के संप्रेषण का काम भी ठप पड़ गया है, जिसके कारण प्रबंधन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है. साथ ही रेलवे को होने वाले राजस्व की भी हानि हो रही है.

देखें पूरी खबर

खनन विभाग ने लगाई रोक

जानकारी अनुसार, चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक कोयले की ढुलाई को लेकर ई-चालान की आवश्यकता है. इसे चितरा कोलियरी को लेना अनिवार्य है. बिना ई-चलान के लिए कोयले की ढुलाई को लेकर खनन विभाग की ओर से रोक लगा दी गई है.

कोयले की ढुलाई बंद

जिला के खनन पदाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि चितरा कोलियरी को बिना ई-चालान के कोयले की ढुलाई नहीं करने दी जाएगी. परिवहन विभाग में भी वाहन से कोयले की ढुलाई को लेकर फरमान जारी किया है. जिला परिवहन पदाधिकारी वन विभाग की ओर से कोयले की ढुलाई में प्रयोग किए जाने वाले डंपर वाहन को बिना परमिट, बिना कागजात के परिचालन नहीं करने दिया जाएगा.

ये भी पढ़े- झारखंड में कोरोना से 1000 लोगों की मौत

कार्रवाई की चेतावनी

चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक डंपर से कोयले की ढुलाई की जाती है. इसमें अधिकतर डंपर ओवरलोड क्षमता से अधिक और बिना नियम कानून के ताक में रखकर परिचालन किया जाता है, जिसे लेकर कई बार परिवहन विभाग की ओर से कार्यवाई की भी चेतावनी दी गई.

भूखमरी की स्थिति उत्पन्न

मजदूरों के नेता का कहना है कि 15 दिनों से कोयले की ढुलाई ठप रहने से डंपर चालक और मजदूरों के सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसके कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.