जामताड़ा: कोरोना के संकट काल में सबसे ज्यादा असर गरीबों प्रवासी मजदूरों पर पड़ा है. प्रवासी मजदूरों का आने का सिलसिला लगातार जामताड़ा में जारी है. इनको रोजगार देना सबसे बड़ा चुनौती बन गया है. ऐसे समय में प्रवासी मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा उनके गांव में योजना शुरू कर मनरेगा के तहत रोजगार मिले. जामताड़ा जिला प्रशासन प्रयास कर रहा है. मनरेगा के तहत जामताड़ा जिला प्रशासन ने पौधारोपण कार्यक्रम चलाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देने की योजना तैयार की है. 1000 एकड़ में लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले, इसके लिए पौधारोपण का काम जामताड़ा जिला प्रशासन करेगा.
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जामताड़ा जिले के उप विकास आयुक्त नागेंद्र कुमार सिन्हा ने मनरेगा योजना के तहत आने वाले प्रवासी मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा में रोजगार मिले इसे लेकर जामताड़ा जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि मनरेगा के तहत जामताड़ा में 1000 एकड़ में पौधारोपण का काम किया जाएगा. इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया जा सके. उप विकास आयुक्त ने अब तक 27,000 से अधिक मजदूरों को रोजगार दिए जाने की जानकारी देते हुए बताया कि आने वाले दो-तीन दिनों में मनरेगा के तहत जितने भी योजनाएं हैं. सभी शुरू कर दी जाएगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा जो भी प्रवासी मजदूर आ रहे हैं उन्हें रोजगार दिया जा सके. झारखंड सरकार लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को लाने का काम कर रही है. वहीं, उन्हें सम्मानजनक घर छोड़ने का भी काम कर रही है, तो वहीं प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिले इसे लेकर मनरेगा के तहत कई तरह की योजनाएं और कार्यक्रम भी शुरू किया गया है. इसके तहत जामताड़ा जिला प्रशासन ने सभी योजनाएं मनरेगा के तहत शुरू कर दी हैं.