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जामताड़ाः ट्रैक्टर से दबकर मजदूर की दर्दनाक मौत, नदी में बालू लेने जा रहा था - जामताड़ा में मजदूर की दर्दनाक मौत

गोपालपुर पंचायत नदी घाट में बीती रात नदी में बालू लेने जा रहे एक मजदूर की ट्रैक्टर पलटने से मौत हो गई. जामताड़ा में अवैध रूप से बालू का उठाव धड़ल्ले से किया जा रहा है.

मजदूर की मौत
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Published : Aug 28, 2020, 12:06 PM IST

जामताड़ाः जिले में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है. नदी में बालू लेने जा रहे एक ट्रैक्टर के पलटने से एक मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई. घटना सदर थाना क्षेत्र के गोपालपुर पंचायत नदी घाट में बीते रात की है. घटना के बारे में बताया जाता है कि मृतक शिवलाल सोरेन जो गोपालपुर पंचायत कदम पाड़ा गांव का ही रहने वाला है, ट्रैक्टर लेकर मालिक के कहने पर नदी में बालू लेने जा रहा था, कि ट्रैक्टर अचानक पलट गया और जिससे दबकर उसकी मौत हो गई.

मजदूर की मौत

घटना के बाद गांव वालों की जानकारी मिलने पर किसी तरह शव को निकालकर रात में परिजनों ने घर में लाकर रखा. सुबह तक घंटों शव परिजनों के घर में ही रखा रहा. मामला को शॉट आउट करने को लेकर लेकर ट्रैक्टर के मालिक जुड़े हुए थे, तब तक शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजा गया था. घटना को लेकर परिजनों द्वारा बताया गया कि मृतक ट्रैक्टर चलाता था और ट्रैक्टर से गोपालपुर नदी घाट में बालू लेने जा रहा था कि तभी यह घटना घटी.

एनजीटी की रोक के बाद भी हो रहा उठाव

बताया जाता है कि गोपालपुर नदी घाट से अवैध रूप से ट्रैक्टर द्वारा बालू का उठाव किया जाता है और धड़ल्ले से बालू का कारोबार किया जाता है. आए दिन इस तरह की घटना घटती है, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाती है. नतीजा मजदूरों को जान जाने गंवानी पड़ती है.

गोपालपुर पंचायत के मुखिया ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रशासन की लापरवाही और सभी की मिलीभगत से नदी घाट से एनजीटी के रोक के बावजूद बालू का उठाव होता है. इसके लेकर कई बार सूचना दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. नतीजा यह घटना घटती है.

यह भी पढ़ेंः झारखंड में कोरोना का कहर, अब तक 34,676 संक्रमित, 377 लोगों की हुई मौत

इस घटना से प्रशासन और खनन विभाग का असली चेहरा सामने आ गया है और पूरी पोल खुल गई है. एनजीटी द्वारा 15 अक्टूबर तक नदी से बालू उठाव पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.

बावजूद इसके जामताड़ा में अवैध रूप से नदी से ट्रैक्टर द्वारा बालू का उठाव धड़ल्ले से किया जा रहा है. प्रशासन द्वारा खनन विभाग द्वारा पूछे जाने पर सूचना देने पर यही कहा जाता है कि सब जगह बालू बंद है या एक दो गाड़ी पकड़कर खानापूर्ति कर दिखा दिया जाता है. इस घटना ने न केवल प्रशासन की पोल खोल दी है बल्कि उनकी लापरवाही को भी दर्शा दिया है.

जामताड़ाः जिले में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है. नदी में बालू लेने जा रहे एक ट्रैक्टर के पलटने से एक मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई. घटना सदर थाना क्षेत्र के गोपालपुर पंचायत नदी घाट में बीते रात की है. घटना के बारे में बताया जाता है कि मृतक शिवलाल सोरेन जो गोपालपुर पंचायत कदम पाड़ा गांव का ही रहने वाला है, ट्रैक्टर लेकर मालिक के कहने पर नदी में बालू लेने जा रहा था, कि ट्रैक्टर अचानक पलट गया और जिससे दबकर उसकी मौत हो गई.

मजदूर की मौत

घटना के बाद गांव वालों की जानकारी मिलने पर किसी तरह शव को निकालकर रात में परिजनों ने घर में लाकर रखा. सुबह तक घंटों शव परिजनों के घर में ही रखा रहा. मामला को शॉट आउट करने को लेकर लेकर ट्रैक्टर के मालिक जुड़े हुए थे, तब तक शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजा गया था. घटना को लेकर परिजनों द्वारा बताया गया कि मृतक ट्रैक्टर चलाता था और ट्रैक्टर से गोपालपुर नदी घाट में बालू लेने जा रहा था कि तभी यह घटना घटी.

एनजीटी की रोक के बाद भी हो रहा उठाव

बताया जाता है कि गोपालपुर नदी घाट से अवैध रूप से ट्रैक्टर द्वारा बालू का उठाव किया जाता है और धड़ल्ले से बालू का कारोबार किया जाता है. आए दिन इस तरह की घटना घटती है, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाती है. नतीजा मजदूरों को जान जाने गंवानी पड़ती है.

गोपालपुर पंचायत के मुखिया ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रशासन की लापरवाही और सभी की मिलीभगत से नदी घाट से एनजीटी के रोक के बावजूद बालू का उठाव होता है. इसके लेकर कई बार सूचना दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. नतीजा यह घटना घटती है.

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इस घटना से प्रशासन और खनन विभाग का असली चेहरा सामने आ गया है और पूरी पोल खुल गई है. एनजीटी द्वारा 15 अक्टूबर तक नदी से बालू उठाव पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.

बावजूद इसके जामताड़ा में अवैध रूप से नदी से ट्रैक्टर द्वारा बालू का उठाव धड़ल्ले से किया जा रहा है. प्रशासन द्वारा खनन विभाग द्वारा पूछे जाने पर सूचना देने पर यही कहा जाता है कि सब जगह बालू बंद है या एक दो गाड़ी पकड़कर खानापूर्ति कर दिखा दिया जाता है. इस घटना ने न केवल प्रशासन की पोल खोल दी है बल्कि उनकी लापरवाही को भी दर्शा दिया है.

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