जामताड़ाः आम लोगों के लिए संचालित की जा रही योजनाओं का कितना लाभ उनको मिल रहा है, इसके लिए प्रशासन की सजगता जरूरी है. लेकिन सिस्टम में फंसकर इन योजनाओं की साख पर बट्टा लगता जा रहा है. लाखों की लागत से बना वृद्धाश्रम भवन अपने उद्घाटन की वाट जोह रहा है. आज हालत ऐसी है कि ये भवन नया नहीं बल्कि काफी पुराना लगने लगा है.
जामताड़ा में वृद्धाश्रम भवन का निर्माण कराया गया है. इसके लिए झारखंड सरकार ने लाखों रुपये खर्च किये गये. लेकिन भवन बने वर्षों बीत गए पर आज तक वृद्धाश्रम भवन चालू नहीं हो पाया. नतीजा ये है कि जिस उद्देश्य के लिए भवन का निर्माण कराया गया उसका लाभ आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है. ऐसा इसलिए हो रहा है कि शासन और प्रशासन इसके प्रति उदासीन है. बता दें कि इस वृद्धाश्रम भवन का निर्माण जामताड़ा के उदलबनी गांव में कराया गया है.
सरकारी पैसे का दुरुपयोगः सरकारी पैसे से बना वृद्धाश्रम भवन अब तक चालू नहीं हो पाने को लेकर स्थानीय लोग कई तरह के सवाल उठा रहे हैं. लोग इसे सरकारी पैसे का दुरुपयोग बता रहे हैं. लोगों का कहना है कि सिर्फ वृद्धाश्रम भवन ही नहीं कई ऐसे भवन सिर्फ ठेकेदार व पदाधिकारी द्वारा अपने फायदे के लिए भवन का निर्माण तो करा दिया जाता है. लेकिन जिस उद्देश्य के लिए निर्माण कराया जाता है उसकी पूर्ति नहीं हो पाती है.
जर्जर वृद्धाश्रम भवनः आज हालात ऐसे हैं कि उचित देखरेख के अभाव में वृद्धाश्रम भवन बंद पड़ा हुआ है और जर्जर हो रहा है. कोरोना काल में बने इस भवन में कोविड अस्पताल तो चलाया गया. लेकिन कोविड काल खत्म होते ही भवन बंद पड़ा हुआ है और यहां जंगल झाड़ उग आए हैं. वीरान भवन को देखकर ऐसा लगता है कि मानो यह भूत बंगला बनकर रह गया हो.
भवन चालू कराने की मांगः इलाके के समाजसेवी का कहना है कि वृद्धाश्रम भवन जामताड़ा जिला में एकमात्र भवन बना हुआ है और ऐसे असहाय वृद्ध लोगों को इसका लाभ मिलना चाहिए. लेकिन भवन के शुरू ना होने से इसके उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पा रही है. सरकार से शीघ्र पहल कर वृद्धाश्रम भवन को चालू कराने की मांग कर रहे हैं. जिससे जिले में असहाय वृद्ध इससे वंचित ना रह और उनको इसका आश्रय मिल सके.