जामताड़ा: लॉकडाउन में जिले के मीट-मछली बाजार में कारोबारियों की ओर से नियम-कानून को ताक पर रखकर कारोबार किया जा रहा है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इन कारोबारियों पर स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है. प्रशासन पूरी तरह से बेखबर है.
स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़
लॉकडाउन के दौरान जामताड़ा प्रशासन की ओर से जिले में लोगों को थोड़ी छूट दी गई है, जिसका कुछ कारोबारी फायदा उठाने में लगे हुए हैं. जामताड़ा के मीट-मछली बाजार में कारोबारियों की ओर से नियम-कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है. वो लॉकडाउन का फायदा उठाकर लोगों से मनमौजी कीमत वसूलने में लगे हैं. उनकी ओर से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, सेनेटाइजर और मास्क का उपयोग भी नहीं किया जा रहा है. खुलेआम बिना साफ-सफाई के जैसे-तैसे मीट-मछली बेची जा रही है. स्थानीय लोगों का कहना है स्वास्थ विभाग की ओर से जांच करने के बाद ही मीट बेचने का आदेश है, साथ ही मीट को ढककर भी रखना है, लेकिन यह सारा नियम सिर्फ सुनने को ही मिलता है. जमीनी हकीकत कुछ और ही है. यह लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है.
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जिला प्रशासन ने मामले को लिया संज्ञान
जिला उपायुक्त गणेश कुमार ने कहा कि मामले में पशुपालन पदाधिकारी और पुलिस के सहयोग से जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है. लॉकडाउन में जामताड़ा में मीट-मछली कारोबारी के लिए छूट दी गई है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, सेनेटाइजर और मास्क का उपयोग करना आवश्यक है, साथ ही मीट को ढककर और बेचे जाने वाले मीट का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद ही बेचना है. नियम-कानून का पालन नहीं होने से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना प्रबल हो गई है, जिसका खामियाजा प्रशासन को भुगतना पड़ सकता है.