जामताड़ाः पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की कर्मस्थली विद्यासागर में उनके नाम से बने पुस्तकालय भवन और संपत्ति की सुरक्षा करने की मुहिम तेज हो गई है. सोशल मीडिया पर मिली शिकायत पर सीएम हेमंत सोरेन ने संज्ञान लेते हुए जिला के उपायुक्त को जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
विद्यासागर के नाम से बने पुस्तकालय व उनके संपत्ति की रक्षा करने की लंबे समय से मांग हो रही है. ईश्वर चंद्र विद्यासागर के कर्म स्थली के नाम से प्रसिद्ध विद्यासागर कर्माटांड़ जो अब विद्यासागर के नाम से जाना जाता है. उनके नाम से बनाए गए पुस्तकालय भवन और संपत्ति को संरक्षित करने को लिए लोग आगे आए हैं.
इस मामले में स्थानीय राजकीय बुनियादी विद्यालय के प्राचार्य ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भेजकर विद्यासागर के नाम से बने इस पुस्तकालय भवन और उनकी संपत्ति की रक्षा करने की गुहार लगाई है.
अधिवक्ता ने बताया कि विद्यासागर के नाम से उनके पूर्वजों द्वारा जमीन दान दी गई थी, जिस पर पुस्तकालय भवन और राजकीय बुनियादी विद्यालय संचालन होता था. वर्तमान में पुस्तकालय भवन है जिस पर कुछ माफिया तत्वों ने जालसाजी कर पावर ऑफ अटॉर्नी लेकर बेचने का प्रयास कर रहे हैं.
सीएम हेमंत सोरेन ने जिला उपायुक्त को जांच कर कार्रवाई करने का दिया आदेश है. विद्यासागर के नाम से पुस्तकालय व उनके संपत्ति की रक्षा करने को लेकर ट्विटर पर मिली जानकारी के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संज्ञान लिया है.
क्या कहते हैं उपायुक्त
जामताड़ा जिले के उपायुक्त ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि ट्विटर के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया है, जिस पर उन्होंने प्रखंड के सीओ को जांच कर 3 दिन के अंदर जांच प्रतिवेदन रिपोर्ट प्रस्तुत करने और कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
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पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की कर्मस्थली के रूप में कर्माटांड़ प्रसिद्ध है, जो अब विद्यासागर के नाम से जाना जाता है. उन्होंने यहां करीब 20 वर्ष यहां व्यतीत किए थे और लोगों की सेवा की. उनके नाम से विद्यासागर का स्टेशन नामकरण किया गया है और नंदनकानन स्थित हैं. अब देखना है कि उनके पुस्तकालय भवन और संपत्ति की रक्षा हो पाती है या नहीं .