ETV Bharat / state

नारायणपुर प्रखंड के करमदाहा मेला में उमड़ रही लोगों की भीड़, दुकानें और झूले लगने से बढ़ी रौनक - झारखंड न्यूज

जामताड़ा के नारायणपुर प्रखंड में बराकर नदी के तट पर करमदाहा मेले में मनोरंजन करने के लिए प्रत्येक दिन हजारों लोग पहुंच रहे हैं. मेला की प्रसिद्धि दुखिया बाबा मंदिर से है. दुखिया बाबा मंदिर के पास हर वर्ष मकर संक्रांति से करमदाहा मेला शुरू होता है और पूरे 15 दिनों तक चलता है. वहीं प्रशासन की ओर से मेला में भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

Karamdaha Fair In Narayanpur Jamtara
Karamdaha Fair In Narayanpur Jamtara
author img

By

Published : Jan 24, 2023, 12:27 PM IST

देखें वीडियो

जामताड़ा: जिले के प्रसिद्ध दुखिया बाबा मंदिर के समीप करमदाहा मेला में इन दिनों लोगों की भीड़ उमड़ रही है. श्रद्धालु दुखिया बाबा मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद मेला का भी लुत्फ उठा रहे हैं. मंदिर के समीप आयोजित मेला में न सिर्फ हिंदू, बल्कि दूसरे समुदाय के लोग भी पहुंच रहे हैं. लोग मेला में मनोरंजन तो कर ही रहे हैं, साथ ही आवश्यक सामानों की खरीदारी भी कर रहे हैं. यह मेला इस क्षेत्र का सांस्कृतिक धरोहर है.

ये भी पढे़ं-जामताड़ा में मां चंचला देवी का दसवां वार्षिक महोत्सव, निकाली गयी शोभा यात्रा

मेले में तरह-तरह की दुकानें लगाई गईं हैंः करमदाहा मेले में तरह-तरह के मनोरंजन के साधन उपलब्ध हैं. बच्चों के लिए खेल-तमाशा के साथ कई तरह की दुकानें लगायी गईं हैं, जो मेले में आने वाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं. मेले में प्रतिदिन काफी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं और मेले का आनंद उठा रहे हैं. वहीं बच्चों के लिए तरह-तरह के झूले भी लगाए गए हैं. बताते चलें कि नारायणपुर प्रखंड का करमदाहा मेला पूरे 15 दिनों तक चलता है. मकर संक्रांति के दिन से मेला प्रारंभ होता है और 15 दिनों तक चलता है. मेले से जुड़ा इतिहास बरसों पुराना है.

दूसरे राज्यों और जिलों से लोग पहुंचते हैं मेला घूमनेः मेले की खासियत यह है कि इस मेले में अन्य पड़ोसी जिला धनबाद, गिरिडीह, देवघर सहित पड़ोसी राज्य बंगाल और बिहार से भी लोग इस मेले में घूमने आते हैं और खरीदारी करते हैं. लोग मेला घूमने साथ प्रसिद्ध दुखिया बाबा मंदिर में पूजा-अर्चना भी करते हैं.15 दिनों तक चलने वाला करमदाहा मेला ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है.

मेला दुखिया बाबा मंदिर की आस्था के साथ जुड़ा है: इस संबंध में स्थानीय लोग बताते हैं कि मेला दुखिया बाबा मंदिर की आस्था के साथ जुड़ा हुआ है. प्रत्येक साल मकर संक्रांति के दिन यह मेला प्रारंभ होता है और पूरे 15 दिनों तक चलता है. मेले में दूर-दराज से लोग पहुंचते हैं और आनंद लेते हैं. इसके साथ ही दुखिया बाबा की पूजा-अर्चना भी करते हैं. वहीं मेला में लाखों-करोड़ों का कारोबार भी होता है.

प्रशासन को मेले से होती है अच्छी आमदनी: करमदाहा मेला से प्रशासन को अच्छी आमदनी भी होती है. मेला में दुकानें लगाने के लिए प्रशासन द्वारा डाक किया जाता है. इसमें प्रशासन को लाखों का राजस्व प्राप्त होता है. इसलिए प्रशासन की ओर से मेले को सुचारू रूप से चलाने के लिए व्यवस्था की जाती है. मेला में सुरक्षा-व्यवस्था के लिए पुलिस बल तैनात किए गए हैं और जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं सीसीटीवी कैमरे से मेला परिसर की निगरानी की जाती है. इस संबंध में प्रखंड के बीडीओ प्रभाकर मिर्धा ने मेले के बारे में बताया कि मेला 15 दिनों तक चलता है. मेला परिसर की निगरानी के लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और पुलिस बल तैनात किए गए हैं.

देखें वीडियो

जामताड़ा: जिले के प्रसिद्ध दुखिया बाबा मंदिर के समीप करमदाहा मेला में इन दिनों लोगों की भीड़ उमड़ रही है. श्रद्धालु दुखिया बाबा मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद मेला का भी लुत्फ उठा रहे हैं. मंदिर के समीप आयोजित मेला में न सिर्फ हिंदू, बल्कि दूसरे समुदाय के लोग भी पहुंच रहे हैं. लोग मेला में मनोरंजन तो कर ही रहे हैं, साथ ही आवश्यक सामानों की खरीदारी भी कर रहे हैं. यह मेला इस क्षेत्र का सांस्कृतिक धरोहर है.

ये भी पढे़ं-जामताड़ा में मां चंचला देवी का दसवां वार्षिक महोत्सव, निकाली गयी शोभा यात्रा

मेले में तरह-तरह की दुकानें लगाई गईं हैंः करमदाहा मेले में तरह-तरह के मनोरंजन के साधन उपलब्ध हैं. बच्चों के लिए खेल-तमाशा के साथ कई तरह की दुकानें लगायी गईं हैं, जो मेले में आने वाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं. मेले में प्रतिदिन काफी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं और मेले का आनंद उठा रहे हैं. वहीं बच्चों के लिए तरह-तरह के झूले भी लगाए गए हैं. बताते चलें कि नारायणपुर प्रखंड का करमदाहा मेला पूरे 15 दिनों तक चलता है. मकर संक्रांति के दिन से मेला प्रारंभ होता है और 15 दिनों तक चलता है. मेले से जुड़ा इतिहास बरसों पुराना है.

दूसरे राज्यों और जिलों से लोग पहुंचते हैं मेला घूमनेः मेले की खासियत यह है कि इस मेले में अन्य पड़ोसी जिला धनबाद, गिरिडीह, देवघर सहित पड़ोसी राज्य बंगाल और बिहार से भी लोग इस मेले में घूमने आते हैं और खरीदारी करते हैं. लोग मेला घूमने साथ प्रसिद्ध दुखिया बाबा मंदिर में पूजा-अर्चना भी करते हैं.15 दिनों तक चलने वाला करमदाहा मेला ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है.

मेला दुखिया बाबा मंदिर की आस्था के साथ जुड़ा है: इस संबंध में स्थानीय लोग बताते हैं कि मेला दुखिया बाबा मंदिर की आस्था के साथ जुड़ा हुआ है. प्रत्येक साल मकर संक्रांति के दिन यह मेला प्रारंभ होता है और पूरे 15 दिनों तक चलता है. मेले में दूर-दराज से लोग पहुंचते हैं और आनंद लेते हैं. इसके साथ ही दुखिया बाबा की पूजा-अर्चना भी करते हैं. वहीं मेला में लाखों-करोड़ों का कारोबार भी होता है.

प्रशासन को मेले से होती है अच्छी आमदनी: करमदाहा मेला से प्रशासन को अच्छी आमदनी भी होती है. मेला में दुकानें लगाने के लिए प्रशासन द्वारा डाक किया जाता है. इसमें प्रशासन को लाखों का राजस्व प्राप्त होता है. इसलिए प्रशासन की ओर से मेले को सुचारू रूप से चलाने के लिए व्यवस्था की जाती है. मेला में सुरक्षा-व्यवस्था के लिए पुलिस बल तैनात किए गए हैं और जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं सीसीटीवी कैमरे से मेला परिसर की निगरानी की जाती है. इस संबंध में प्रखंड के बीडीओ प्रभाकर मिर्धा ने मेले के बारे में बताया कि मेला 15 दिनों तक चलता है. मेला परिसर की निगरानी के लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और पुलिस बल तैनात किए गए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.