जामताड़ाः शहर में पुलिस लाइन निर्माण का कार्य अधर में लटक गया है. नतीजा जिला पुलिस के जवान जिला समाहरणालय भवन के नीचे रहने को मजबूर हैं, जहां उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. जामताड़ा जिला बने हुए 19 साल बीत गए, लेकिन पुलिस लाइन अब तक नहीं बन पायी है. बहुत मुश्किल से पुलिस लाइन निर्माण कार्य प्रारंभ तो हुआ पर वह भी अधर में लटक गया है.
नतीजा कोरोना महामारी में वारियर्स के रूप में काम करने वाले योद्धा जवान समाहरणालय भवन के नीचे रहने को मजबूर हैं. जहां जवानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यहां रह रहे है पुलिस जवान का कहना है कि पुलिस लाइन न होने बहुत दिक्कत हो रही हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पाता है. किसी तरह वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं.
जिला बनने के बाद कई बार पुलिस लाइन निर्माण कार्य के लिए जगह चिन्हित हुई, लेकिन पुलिस निर्माण का आज अधर में ही लटका, लेकिन ग्रामीणों के विरोध और राजनीति के कारण पुलिस लाइन का निर्माण कार्य नहीं शुरू हो पाया.
काफी प्रयास के बाद दक्षिण बहाल पंचायत के समीप ग्रामीणों के विरोध के बावजूद पुलिस लाइन निर्माण कार्य का शिलान्यास हुआ काम भी प्रारंभ हुआ, लेकिन काम प्रारंभ होने के बाद भी अधर में लटक गया है. अब यह काम कब पूर्ण होगा, यह तो कहा नहीं जा सकता है.
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नतीजा पुलिस के जवान को समाहरणालय भवन के नीचे रहने को विवश हैं. यहां सोशल डिस्टेंसिग का सही से पालन नहीं हो पाता है. पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाती है .
इस बारे में जब जामताड़ा जिला के उपायुक्त से पूछा गया तो उपायुक्त ने बताया कि पुलिस लाइन निर्माण कार्य निर्माणाधीन हैं. जिला पुलिस लाइन के जवान की भूमिका कोविड-19 के लड़ाई में काफी महत्वपूर्ण है.
जिला प्रशासन द्वारा पर्याप्त मात्रा में उन्हें सुविधा उपलब्ध करायी जाएंगी . फिलहाल कोरोना जैसे वैश्विक महामारी में योद्धा के रूप में काम करने वाले पुलिस लाइन के जवानों को पुलिस लाइन नहीं रहने के कारण दूसरों को सुरक्षा देने वाले खुद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं .