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बकाया भुगतान न होने से परेशान हैं जामताड़ा के किसान, खेती के लिए रुपयों की जरूरत

कोरोना काल के चलते जामताड़ा के किसान इन दिनों दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं. किसानों को रोजगार मिलना तो दूर, उनकी फसल की भी पूरी कीमत का सरकार की ओर से भुगतान नहीं हो पाया है, जिसको लेकर किसान बेहद परेशान हैं.

Jamtara farmers are facing trouble for their payment
कोरोना काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे जामताड़ा के किसान, धान खरीदारी के बाद भी बकाए भुगतान का इंतजार करने को मजबूर
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Published : May 23, 2021, 3:08 PM IST

जामताड़ा : कोरोना संक्रमण काल के इस दौर में ग्रामीण क्षेत्रों में जो मध्यम और गरीब तबके के किसान हैं, उनकी स्थिति इन दिनों काफी खराब हो गई है. जो फसल के बाद किसी तरह से रोजी-रोटी कमाकर अपना घर चलाते थे, आज वो किसान दाने-दाने को मोहताज हैं. घर में जो बचा-खुचा अनाज है, उसे बेचकर या चावल बनाकर किसी तरह अपनी जिंदगी जी रहे हैं.

देखें पूरी खबर


इसे भी पढ़ें- क्या 27 मई के बाद भी झारखंड में जारी रहेगा लॉकडाउन, जानिए क्या कहते हैं नेता

किसान एक, समस्या अनेक

गांव के किसानों का कहना है कि कोरोना के चलते कामकाज ठप है, जिससे लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है. सरकार की ओर से भी कुछ बड़ी पहल होती नहीं दिख रही है. किसानों के पास जो धान है, वे उसे बेचकर बाल-बच्चों का पालन-पोषण कर रहे हैं. सरकार से जो 15 किलो चावल मिलता है, उसी का सहारा है. धान की फसल की कीमत का पूरा भुगतान भी नहीं हो पाया है. बकाया भुगतान को लेकर भी किसान परेशान हैं. आलम ये है कि साल भर होने को है, किसानों ने अपनी फसल सरकार को बेचकर सोचा थी कि उन्हें अच्छी कीमत मिलेगी और उससे धान बीज खरीदकर फिर से अच्छी खेती करेंगे. लेकिन ऐसा कुछ हुआ ही नहीं. एक तो देर से धान की खरीदारी शुरू की गई, ऊपर से किसानों की ओर से खरीदारी की गई फसल की पूरी कीमत का भुगतान भी नहीं हुआ. नतीजतन, आज भी किसान अपनी फसल की कीमत नहीं मिलने को लेकर परेशान हैं. मजबूरन किसान सरकारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन आश्वासन के सिवाय उन्हें कुछ अभी तक नसीब नहीं हुआ है.

Jamtara farmers are facing trouble for their payment
धान खरीदारी के बाद भी बकाए भुगतान का इंतजार करने को किसान मजबूर


किसानों की परेशानी
किसानों का कहना है कि बहुत उम्मीद के साथ अपनी फसल सरकार के यहां लैंपस में जाकर बेचा था, ताकि अच्छी कीमत मिले. लेकिन पूरी फसल की कीमत का भुगतान नहीं किया गया. मात्र 40% ही भुगतान किया गया है. शेष राशि का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है. नतीजा इस संक्रमण काल में काफी परेशानी बढ़ गई है. किसानों का कहना है कि जब भी लैंपस और सरकारी पदाधिकारी के पास बकाया भुगतान के लिए जाते हैं, यही कहा जाता है कि मिल जाएगा. किसानों की स्थिति कोरोना संक्रमण काल में दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. पहले के धान की फसल की कीमत का भुगतान सरकार अभी कर नहीं पाई है कि अब किसानों के सामने फसल की बुआई और खेती का समय सामने आ चुका है, जिसकी तैयारी को लेकर अभी से किसान चिंतित हैं.

जामताड़ा : कोरोना संक्रमण काल के इस दौर में ग्रामीण क्षेत्रों में जो मध्यम और गरीब तबके के किसान हैं, उनकी स्थिति इन दिनों काफी खराब हो गई है. जो फसल के बाद किसी तरह से रोजी-रोटी कमाकर अपना घर चलाते थे, आज वो किसान दाने-दाने को मोहताज हैं. घर में जो बचा-खुचा अनाज है, उसे बेचकर या चावल बनाकर किसी तरह अपनी जिंदगी जी रहे हैं.

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किसान एक, समस्या अनेक

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Jamtara farmers are facing trouble for their payment
धान खरीदारी के बाद भी बकाए भुगतान का इंतजार करने को किसान मजबूर


किसानों की परेशानी
किसानों का कहना है कि बहुत उम्मीद के साथ अपनी फसल सरकार के यहां लैंपस में जाकर बेचा था, ताकि अच्छी कीमत मिले. लेकिन पूरी फसल की कीमत का भुगतान नहीं किया गया. मात्र 40% ही भुगतान किया गया है. शेष राशि का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है. नतीजा इस संक्रमण काल में काफी परेशानी बढ़ गई है. किसानों का कहना है कि जब भी लैंपस और सरकारी पदाधिकारी के पास बकाया भुगतान के लिए जाते हैं, यही कहा जाता है कि मिल जाएगा. किसानों की स्थिति कोरोना संक्रमण काल में दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. पहले के धान की फसल की कीमत का भुगतान सरकार अभी कर नहीं पाई है कि अब किसानों के सामने फसल की बुआई और खेती का समय सामने आ चुका है, जिसकी तैयारी को लेकर अभी से किसान चिंतित हैं.

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