जामताड़ा: जिला का एक ऐसा सरकारी दफ्तर, जिसके काम करने की शैली ही अलग है. ये ऑफिस आम लोगों के लिए नहीं बल्कि चुनिंदा लोगों के लिए काम करता है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जामताड़ा जिला निबंधन विभाग कार्यालय की तस्वीर ही कुछ ऐसी सामने आई है. ये दफ्तर आधा खुला और आधा बंद रहता है. इस रिपोर्ट से समझिए पूरा माजरा.
जामताड़ा का निबंधन विभाग कार्यालय, जिसका मुख्य द्वार खुला है लेकिन अंदर झांकने पर पता चलता है कि भीतर के दरवाजे में ताला लटका हुआ है. जो लोग जमीन, विवाह संबंधी काम कराने यहां आते हैं, वो ताला देखकर मायूस होकर लौट जाते हैं. लेकिन जब इसकी तस्दीक की गयी तो पता चला कि मेन गेट खुला है और अंदर ताला है पर उसी लॉक कमरे में बैठकर पदाधिकारी और कर्मचारी काम कर रहे हैं यानी ये दफ्तर आधा खुला है और आधा बंद है. दफ्तर में ताला लटका देखकर लोगों में नाराजगी है. क्योंकि उन्हें पता ही नहीं चलता कि दफ्तर में कर्मचारी आते हैं कि नहीं, काम होता है कि नहीं. लेकिन निबंधन विभाग कार्यालय में अनियमितता को लेकर शासन प्रशासन संवेदनशील नजर नहीं आ रहे हैं.
प्रभार पर चल रहा विभागः जामताड़ा जिला का निबंधन विभाग वर्षों से प्रभार में चल रहा है. सरकार द्वारा आज तक निबंधन विभाग में जिला निबंधन पदाधिकारी की पोस्टिंग नहीं की गई है. बताया जाता है सरकार द्वारा निबंधन पदाधिकारी पदस्थापित नहीं किए जाने से जामताड़ा के अनुमंडल पदाधिकारी को ये ऑफिस प्रभार में दिया गया है. लेकिन हमेशा दफ्तर का ताला बंद होने से यह पता ही नहीं चलता कि वो कब यहां बैठते हैं. इसके अलावा निबंधन ऑफिस के लिपिक का देहांत होने के बाद उसकी जिम्मेदारी भी अनुमंडल कार्यालय के ही लिपिक को दी गयी है, जो पहले से कई प्रभार लेकर काम कर रहे हैं. ऐसे में इस दफ्तर में कितना और कैसे काम होता होगा इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.
लोग ने लगाए संगीन इल्जामः जामताड़ा जिला निबंधन विभाग के कार्यालय का हाल यहां के लोगों के लिए छुपा नहीं है. इस दफ्तर के बारे में यहां के स्थानीय लोगों को बेहतर पता है. जामताड़ा कोर्ट के अधिवक्ता और स्थानीय लोग बताते हैं कि यह विभाग में वर्षों से पदाधिकारी की पदस्थापना नहीं हो पाई है, प्रभार में यह विभाग चल रहा है और प्रभार भी उन्हें दिया गया है जो पहले से ही कई विभाग के प्रभार में हैं. इसके अलावा लोगों का यह भी आरोप है कि जिनकी पहचान और सेटिंग होती है वही लोग अंदर जाकर अपना काम करा पाते हैं. क्योंकि उन लोगों के काम के एवज में यहां के कर्मी को मोटी कमीशन मिलती है. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस दफ्तर में बिना पैसे के कोई काम नहीं होता है.
पहले भी सुर्खियों में रहा ये दफ्तरः जामताड़ा का निबंधन कार्यालय अपने कारनामों को लेकर पहले से ही काफी चर्चा में रहा है. जहां गैरमजरूआ और अविक्रयशील जमीन को विक्रयशील दिखाकर मिहिजाम बुटबेड़िया मौजा की जमीन का निबंधन कर दिया गया. जिसको लेकर मामला मिहिजाम थाना में दर्ज है और सरकार ने इस मामले से संबंधित जांच का जिम्मा एसीबी को सौंपा है. लेकिन एक बार फिर से जामताड़ा निबंधन कार्यालय अपनी कार्यशैली को लेकर सुर्खियों में है.