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दिव्यांग को उपायुक्त ने दिलाया न्याय, 5 दिनों से लगा रहा था कार्यालय का चक्कर

जामताड़ा में मामूली से काम के लिए गरीब दिव्यांग को कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. जहां गरीब दिव्यांग अपने बेटे का नाम राशन कार्ड में अंकित कराने के लिए 5 दिनों से जिला आपूर्ति कार्यालय का चक्कर लगाया, लेकिन किसी ने उसकी परेशानी नहीं समझी. वहीं, उपायुक्त गणेश कुमार ने तुरंत इस मामले को गंभीरता से लिया और कहा कि जल्द से जल्द मंसूर अंसारी की समस्याओं को दूर किया जाए.

गरीब दिव्यांग
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Published : Sep 6, 2019, 5:12 PM IST

जामताड़ा: जिले में छोटे से छोटे काम के लिए भी गरीब दिव्यांग को जिला समाहरणालय का चक्कर लगाना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया. जहां एक गरीब दिव्यांग अपने बच्चे का नाम राशन कार्ड में अंकित कराने के लिए जिला आपूर्ति कार्यालय पहुंचा. लेकिन काम नहीं बना पाया और जिला आपूर्ति पदाधिकारी एवं कार्यालय के बाबू कोई न कोई बहाना से रोज उसकी बात को टालते रहें. वहीं दिव्यांग लगातार 5 दिनों तक कार्यालय का चक्कर काटता रहा. लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की.

देखें पूरी खबर

जानकारी के अनुसार बताया गया कि मंसूर अंसारी नाम का एक दिव्यागं जो नारायणपुर ग्रामीण क्षेत्र का रहने वाला है. वह किसी तरह घूम फिर कर, मांग कर अपना और अपने बच्चों का परवरिश करता है. 5 दिनों से राशन कार्ड के लिए जिला आपूर्ति कार्यालय में अपने बच्चों का नाम अंकित कराने के लिए दौड़ रहे हैं. मंसूर अंसारी ने कहा कि कभी उसे एमओ के पास भेजा जाता है तो कभी उसे जिला आने को भेज कर परेशान किया जाता है, लेकिन उसके बच्चे का नाम राशन कार्ड में नहीं चढ़ाया जा रहा. वहीं कार्यालय के किसी पदाधिकारीयों ने उसकी परेशानी को नहीं समझा और उसे परेशान करना ही उचित समझा. जिसके कारण योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

ये भी देखें- जामताड़ा: 23 और 24 अक्टूबर को किसान समागम का आयोजन

अंत में ईटीवी भारत ने इसकी समस्या को जाना तो तुरंत गरीब दिव्यांग को लेकर जिला उपायुक्त से अवगत कराया गया. जहां परेशान दिव्यांग उपायुक्त के समक्ष अपनी समस्या को रखा. वहीं, इस मामले को उपायुक्त ने गंभीरता से लिया और तुरंत जिला आपूर्ति पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए. उपायुक्त ने कहा कि दिव्यांग की जो भी समस्या है उसे दूर कर दिया जाएगा.

जामताड़ा: जिले में छोटे से छोटे काम के लिए भी गरीब दिव्यांग को जिला समाहरणालय का चक्कर लगाना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया. जहां एक गरीब दिव्यांग अपने बच्चे का नाम राशन कार्ड में अंकित कराने के लिए जिला आपूर्ति कार्यालय पहुंचा. लेकिन काम नहीं बना पाया और जिला आपूर्ति पदाधिकारी एवं कार्यालय के बाबू कोई न कोई बहाना से रोज उसकी बात को टालते रहें. वहीं दिव्यांग लगातार 5 दिनों तक कार्यालय का चक्कर काटता रहा. लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की.

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जानकारी के अनुसार बताया गया कि मंसूर अंसारी नाम का एक दिव्यागं जो नारायणपुर ग्रामीण क्षेत्र का रहने वाला है. वह किसी तरह घूम फिर कर, मांग कर अपना और अपने बच्चों का परवरिश करता है. 5 दिनों से राशन कार्ड के लिए जिला आपूर्ति कार्यालय में अपने बच्चों का नाम अंकित कराने के लिए दौड़ रहे हैं. मंसूर अंसारी ने कहा कि कभी उसे एमओ के पास भेजा जाता है तो कभी उसे जिला आने को भेज कर परेशान किया जाता है, लेकिन उसके बच्चे का नाम राशन कार्ड में नहीं चढ़ाया जा रहा. वहीं कार्यालय के किसी पदाधिकारीयों ने उसकी परेशानी को नहीं समझा और उसे परेशान करना ही उचित समझा. जिसके कारण योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

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अंत में ईटीवी भारत ने इसकी समस्या को जाना तो तुरंत गरीब दिव्यांग को लेकर जिला उपायुक्त से अवगत कराया गया. जहां परेशान दिव्यांग उपायुक्त के समक्ष अपनी समस्या को रखा. वहीं, इस मामले को उपायुक्त ने गंभीरता से लिया और तुरंत जिला आपूर्ति पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए. उपायुक्त ने कहा कि दिव्यांग की जो भी समस्या है उसे दूर कर दिया जाएगा.

Intro:जामताड़ा में मामूली से काम के लिए भी गरीब असहाय दिव्यांग को जिला समाहरणालय का चक्कर लगाना पड़ता है और उसे परेशान होना पड़ता है। एक गरीब दिव्यांग असहाय पिता अपने बच्चों को नाम राशन कार्ड में अंकित कराने को लेकर 5 दिनों से जिला आपूर्ति कार्यालय का चक्कर काटता रहा। पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी एवं कार्यालय के बाबू परेशान इस दिव्यांग पिता का जरा से भी तरस नहीं खाई।


Body:ऐसा ही एक मामला सामने आया है। मामला जिला खाद आपूर्ति विभाग से है ।मंसूर अंसारी नाम का एक दिव्यागं और असहाय जो गरीब है ।किसी तरह घूम फिर मांग कर अपना और अपने बच्चों का परवरिश करता है ।राशन कार्ड में अपने बच्चों का नाम अंकित कराने के लिए 5 दिनों से जिला आपूर्ति विभाग कार्यालय का चक्कर काटते रहा ।भटकते रहे ।लेकिन कार्यालय के किसी बाबू और पदाधिकारी को इस परेशान गरीब दिव्यांग पिता पर तरस नहीं आई नहीं। उसे परेशान करना ही उचित समझा ।परेशान गरीब असहाय इस दिव्यांग पिता पर जब ईटीवी भारत की नजर पड़ी और उनकी परेशानी का कारण जानना चाहा तो ।गरीब असहाय इस पिता ने अपने परेशानी बताते हुए कहा कि नारायणपुर ग्रामीण क्षेत्र से 5 दिनों से राशन कार्ड के लिए जिला आपूर्ति कार्यालय में अपने बच्चों का नाम अंकित कराने के लिए दौड़ रहा है ।परेशान हो रहा है। लेकिन कभी उसे एम ओ के पास भेजा जाता है ।कभी उसे जिला आने को भेज कर परेशान किया जाता है। लेकिन उसका नाम बच्चे का राशन कार्ड में नहीं चढ पा रहा है। जिसके कारण योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
बाईट मंसूर अंसारी परेशान दिव्यांग पिता
V2 परेशान दिव्यांग गरीब असहाय एक पिता अपने बच्चे को राशन कार्ड में नाम अंकित कराने को लेकर जिला आपूर्ति कार्यालय का चक्कर काटते रहा ।लेकिन आपूर्ति विभाग के पदाधिकारी बाबू को जरा सा भी दिल इस परेशान दिव्यांग पिता पर नहीं पसीजा ।अंत में इसकी समस्या को लेकर जिला उपायुक्त से अवगत कराया गया। परेशान दिव्यागं उपायुक्त के समक्ष अपनी समस्या रखी। इस मामले को उपायुक्त ने गंभीरता से लिया और तुरंत जिला आपूर्ति पदाधिकारी आवश्यक निर्देश दिया उपायुक्त ने बताया दिव्यांग को जो परेशानियों समस्या थी उसे दूर कर दिया जाएगा।
बाईट गणेश कुमार उपायुक्त जामताड़ा

बाईट गणेश कुमार उपायुक्त जामताड़ा


Conclusion:एक तरफ सरकार गरीब असहाय दिव्यांग को सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाने की दम भर्ती है ।तो वहीं जामताङा में पदाधिकारियों की लालफीताशाही एवं उदासीन रवैया अपनाये जाने के कारण गरीब को परेशान होना पड़ रहा है।
संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा
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