जामताड़ा: जिले के नारायणपुर प्रखंड का फुदगाही गांव आजादी के 74 साल बाद भी विकास से कोसों दूर है. गांव में मूलभूत सुविधा जैसे सड़क, बिजली और शुद्ध पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. स्थिति यह है कि ग्रामीण डोभा पोखरा का पानी पीने को मजबूर हैं.
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फुदगाही गांव में आने-जाने के लिए नहीं सड़क है और न ही बिजली-पानी. कहने को तो गांव में चापाकल लगाए गए हैं. लेकिन, अधिकतर चापाकल खराब ही पड़ा है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.
एंबुलेंस नहीं पहुंचता है गांव
गांव में आने-जाने के लिए सड़क की बेहतर सुविधा नहीं है. गांव के बीमार आदमी को आपात स्थिति में एंबुलेंस चाहिए तो एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंचता है. इस स्थिति में ग्रामीणों मोटरसाइकिल या फिर अन्य वैकल्पिक व्यवस्था से बीमार मरीज को अस्पताल पहुंचाते हैं.
अंधेरे में जीने को हैं मजबूर लोग
गांव में बिजली नहीं रहने की वजह से ग्रामीण लोग आज भी ढिबरी और लालटेन का सहारा ले रहे है. गांव के अधिकतर लोग अंधेरे में जिंदगी जीने को मजबूर हैं.
क्या कहते हैं ग्रामीण
गांव के लोग बताते हैं कि सड़क नहीं होने से आना-जाना मुश्किल है. पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. चापाकल खराब रहता है. बिजली नहीं है. इसके लेकर प्रखंड पदाधिकारी से दर्जनों बार शिकायत किए हैं. लेकिन, सिर्फ आश्वासन मिलता है.
क्या कहते हैं डीसी
जामताड़ा के डीसी फैज अक अहमद कहते हैं कि फुदगाही गांव की समस्या की जानकारी है. गांव में शीघ्र बिजली, पानी और सड़क की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी.