ETV Bharat / state

बंजर जमीन पर किसानों ने की मेहनत, अब हो रहे मालामाल

जामताड़ा में बंजर जमीन को 4 मजदूर किसानों ने मिलकर अपनी मेहनत और लगन से उपजाऊ बना दिया. करीब 4 एकड़ में फैली बंजर जमीन पर सब्जी की खेती कर आत्मनिर्भर बन गए हैं.

farmers are becoming self-sufficient by cultivating vegetables in jamtara
POSITIVE NEWS: जामताड़ा के किसानों की मेहनत हुई कारगर साबित, बंजर जमीन पर हरियाली बिखेर रही सब्जी की खेती
author img

By

Published : Jul 22, 2021, 4:42 PM IST

जामताड़ा: कहते हैं कि जब कुछ करने की मन में चाहत, जज्बा और लगन हो तो सफलता जरूर मिलती है. मदनाडीह गांव के रहने वाले 4 मजदूर किसानों ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया है. इन किसानों ने मिलकर गांव की बंजर भूमि को उपजाऊ बना डाला. आज इनकी मेहनत से सब्जियों की खेती लहलहा रही है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- गोड्डा के नूनबट्टा गांव से कोई पलायन नहीं करता, सब्जी की खेती के बल पर दूसरे गांवों के लोगों को भी दे रहे रोजगार

लॉकडाउन में खेती करने का लिया फैसला
मदनाडीह गांव के सुखदेव मंडल महेश्वर हेंब्रम, लखविंदर हेंब्रम और सुभाष चारों गांव में काम नहीं मिलने के कारण घर में बैठ गए थे. लॉकडाउन में कहीं काम उन्हें नहीं मिल रहा था. ऐसे में चारों ने खेती करने की सोची और गांव में बंजर पड़ी भूमि पर ही खेती करने की ठान ली. फिर क्या था, चारों ने मिलकर बंजर जमीन पर पसीना बहाना शुरू कर दिया. आखिर में उन्हें सफलता मिली और खेती करना शुरू किया. इनकी मेहनत से 4 एकड़ में फैली सब्जी की खेती चारों और हरियाली भी बिखेर रही है. मेहनत करने वाले सुखदेव मंडल का कहना था कि लोग डाउन में काम रोजगार जब नहीं मिल रहा था, तो अपने 4 साथियों के साथ मिलकर इस भूमि पर खेती करने के लिए सोचा और मेहनत भी काम आई.

farmers are becoming self-sufficient by cultivating vegetables in jamtara
किसानों की मेहनत से बंजर जमीन हरियाली में तब्दील
4 एकड़ में हरी सब्जी की खेती कर बने आत्मनिर्भर
गांव के चारों मजदूर किसान बंजर भूमि पर करीब 4 एकड़ में हरी सब्जी की खेती कर रहे हैं, जिनमें बरबटी झींगा, लौकी, मूली और खीरा हैं. इनका कहना है की खेती कर अच्छी आमदनी भी हुई है और इस साल तीन लाख रुपए की आमदनी होने की उम्मीद है. सरकारी योजनाओं का उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता, जिसका इन्हें मलाल है. इन किसानों का कहना था कि यदि उन्हें सिंचाई के लिए एक कूप और पंपसेट दिया जाए तो और अधिक खेती कर ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.

जामताड़ा: कहते हैं कि जब कुछ करने की मन में चाहत, जज्बा और लगन हो तो सफलता जरूर मिलती है. मदनाडीह गांव के रहने वाले 4 मजदूर किसानों ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया है. इन किसानों ने मिलकर गांव की बंजर भूमि को उपजाऊ बना डाला. आज इनकी मेहनत से सब्जियों की खेती लहलहा रही है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- गोड्डा के नूनबट्टा गांव से कोई पलायन नहीं करता, सब्जी की खेती के बल पर दूसरे गांवों के लोगों को भी दे रहे रोजगार

लॉकडाउन में खेती करने का लिया फैसला
मदनाडीह गांव के सुखदेव मंडल महेश्वर हेंब्रम, लखविंदर हेंब्रम और सुभाष चारों गांव में काम नहीं मिलने के कारण घर में बैठ गए थे. लॉकडाउन में कहीं काम उन्हें नहीं मिल रहा था. ऐसे में चारों ने खेती करने की सोची और गांव में बंजर पड़ी भूमि पर ही खेती करने की ठान ली. फिर क्या था, चारों ने मिलकर बंजर जमीन पर पसीना बहाना शुरू कर दिया. आखिर में उन्हें सफलता मिली और खेती करना शुरू किया. इनकी मेहनत से 4 एकड़ में फैली सब्जी की खेती चारों और हरियाली भी बिखेर रही है. मेहनत करने वाले सुखदेव मंडल का कहना था कि लोग डाउन में काम रोजगार जब नहीं मिल रहा था, तो अपने 4 साथियों के साथ मिलकर इस भूमि पर खेती करने के लिए सोचा और मेहनत भी काम आई.

farmers are becoming self-sufficient by cultivating vegetables in jamtara
किसानों की मेहनत से बंजर जमीन हरियाली में तब्दील
4 एकड़ में हरी सब्जी की खेती कर बने आत्मनिर्भर
गांव के चारों मजदूर किसान बंजर भूमि पर करीब 4 एकड़ में हरी सब्जी की खेती कर रहे हैं, जिनमें बरबटी झींगा, लौकी, मूली और खीरा हैं. इनका कहना है की खेती कर अच्छी आमदनी भी हुई है और इस साल तीन लाख रुपए की आमदनी होने की उम्मीद है. सरकारी योजनाओं का उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता, जिसका इन्हें मलाल है. इन किसानों का कहना था कि यदि उन्हें सिंचाई के लिए एक कूप और पंपसेट दिया जाए तो और अधिक खेती कर ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.