जामताड़ा: संथाल परगना के जामताड़ा का मिहिजाम औधोगिक क्षेत्र वीरान पड़ा हुआ है. यहां चलने वाली दर्जनों फैक्ट्रियां बंद पड़ी है, लेकिन इस ओर प्रशासन का न तो ध्यान है और न ही इस पर सरकार गंभीर है.
यहां खुली थी दर्जनों फैक्ट्री
जामताड़ा जिले का मिहिजाम जो पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित है. कहने को तो यह औद्योगिक क्षेत्र है, लेकिन यहां की अधिकतर फैक्ट्रियां बंद रहने से खंडहर में तब्दील हो चुकी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि संयुक्त बिहार के समय में मिहिजाम को औद्योगिक क्षेत्र बनाया गया था. यहां दर्जनों फैक्ट्री खुली, लेकिन धीरे-धीरे सब बंद होते चले गए. अगर सरकार इस पर ध्यान दे तो यह फिर से विकसित किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें-इरफान अंसारी ने चुनाव आयोग के फैसले पर उठाया सवाल, कहा- राज्यसभा चुनाव पर पड़ेगा असर
रोजगार के लिए लोगों को नहीं करना पड़ेगा पलायन
बताया जाता है कि संयुक्त बिहार सरकार में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मिहिजाम में औद्योगिक क्षेत्र बनाया गया था. उस दौरान यहां काफी संख्या में यहां फैक्ट्रियां खोली गयी और चालू भी हुआ, लेकिन धीरे-धीरे वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण एक-एक कर सभी फैक्ट्रियां बंद होती चली गई. जो भी यहां के लोगों के लिए रोजगार का साधन था, वह समाप्त होता चला गया.
फैक्ट्री चालू कराने का प्रयास
स्थानीय विधायक इरफान अंसारी ने इस औद्योगिक क्षेत्र के विकसित नहीं होने की जिम्मेवारी पूर्व की सरकार को ठहराया है. उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार टीम भेजकर सर्वे करवाएगी. सर्वे के बाद अगर लगेगा कि औद्योगिक क्षेत्र विकसित के लायक है तो इस पर काम किया जाएगा. मामले में जामताड़ा उपायुक्त गणेश कुमार ने भी हरसंभव सहयोग करने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि बंद पड़े फैक्ट्रियों को विकसित करने को लेकर फैक्ट्री के मालिकों की जानकारी की जा रही है. जानकारी मिलने के बाद बैठक की जाएगी. बैठक के बाद जो समस्या आएगी, उसे दूर कर फैक्ट्री चालू कराने का प्रयास किया जाएगा.
मिहिजाम औद्योगिक क्षेत्र का कायाकल्प
बता दें कि झारखंड अलग राज्य बनने के बाद लोगों में यह उम्मीद जगी थी कि वीरान पड़े इस मिहिजाम औद्योगिक क्षेत्र का कायाकल्प होगा. कितनी सरकारें आई और गई, लेकिन मिहिजाम औद्योगिक क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया. जरूरत है इसे विकसित करने की, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके.