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जामताड़ा: सिस्टम के 'लकवे' ने ले ली गरीब गोपी की जान

जामताड़ा जिले के पबिया उदयपुर गांव में गरीबी के कारण लकवा से ग्रसित गोपी सोरेन ने आखिरकार दम तोड़ दी. बताया गया कि उसे आयुष्मान योजना का लाभ भी नहीं मिल सका. वहीं स्थानीय विधायक ने उसकी मौत को कथित तौर पर भूख से बताया है.

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Published : Aug 2, 2019, 10:21 PM IST

Updated : Aug 17, 2019, 8:35 PM IST

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जामताड़ा: जिले के पबिया उदयपुर गांव में आर्थिक तंगी और गरीबी ने एक आदिवासी की जान ले ली है. आयुष्मान योजना का भी उस शख्स को लाभ नहीं मिल सका. इलाज के अभाव में आखिर उसने दम तोड़ दिया.

देखें पूरी खबर

इलाज के अभाव में मौत
यह दुख भरी कहानी जामताड़ा पबिया उदयपुर गांव की है. जहां लकवा से ग्रसित 51 साल के गोपी सोरेन ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि इलाज करा सके. मिट्टी के मकान में जिंदगी गुजर बसर करने वाले इस आदिवासी के पास आयुष्मान कार्ड भी नहीं था. जिससे कि उसका इलाज हो सकता. जिंदा रहते उसे कोई मदद नहीं मिली. अब मौत पर आंसू बहाने हर कोई आ रहा है. कोई उस पर राजनीति की रोटी सेक रहा है तो कोई अपनी नाकामी पर सफाई दे रहा है.

जांच का विषय
बहरहाल, गोपी सोरेन की कथित तौर पर भूख से मौत हुई है या बीमारी से यह तो जांच का विषय है. लेकिन इस घटना ने पूरी सिस्टम पर सवाल जरुर खड़े कर दिए हैं. एक तरफ सरकार गरीबों के लिए आयुष्मान सहित कई तरह की योजनाएं चला रही हैं, वहीं जरूरतमंदों तक योजना का लाभ नहीं पहुंचने पर लोग दम तोड़ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- शादी के मंडप में ही मां और बेटे की हत्या, आरोपी ने कहा- बहुत परेशान करते थे दोनों

बीडीओ साधी चुप्पी
विधायक ने तत्काल सरकार से 40, 0000 परिवार को देने और जांच कराने की मांग की है. आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं मिलने पर बीडीओ से जब पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली.

जामताड़ा: जिले के पबिया उदयपुर गांव में आर्थिक तंगी और गरीबी ने एक आदिवासी की जान ले ली है. आयुष्मान योजना का भी उस शख्स को लाभ नहीं मिल सका. इलाज के अभाव में आखिर उसने दम तोड़ दिया.

देखें पूरी खबर

इलाज के अभाव में मौत
यह दुख भरी कहानी जामताड़ा पबिया उदयपुर गांव की है. जहां लकवा से ग्रसित 51 साल के गोपी सोरेन ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि इलाज करा सके. मिट्टी के मकान में जिंदगी गुजर बसर करने वाले इस आदिवासी के पास आयुष्मान कार्ड भी नहीं था. जिससे कि उसका इलाज हो सकता. जिंदा रहते उसे कोई मदद नहीं मिली. अब मौत पर आंसू बहाने हर कोई आ रहा है. कोई उस पर राजनीति की रोटी सेक रहा है तो कोई अपनी नाकामी पर सफाई दे रहा है.

जांच का विषय
बहरहाल, गोपी सोरेन की कथित तौर पर भूख से मौत हुई है या बीमारी से यह तो जांच का विषय है. लेकिन इस घटना ने पूरी सिस्टम पर सवाल जरुर खड़े कर दिए हैं. एक तरफ सरकार गरीबों के लिए आयुष्मान सहित कई तरह की योजनाएं चला रही हैं, वहीं जरूरतमंदों तक योजना का लाभ नहीं पहुंचने पर लोग दम तोड़ रहे हैं.

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बीडीओ साधी चुप्पी
विधायक ने तत्काल सरकार से 40, 0000 परिवार को देने और जांच कराने की मांग की है. आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं मिलने पर बीडीओ से जब पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली.

Intro:जामताङा: आर्थिक तंगी और गरीबी ने एक आदिवासी की ले ली जान आयुष्मान योजना का भी नहीं मिल सका लाभ ।इलाज के अभाव में आखिर हो गई उसकी मौत।


Body:यह दुख भरी कहानी मामला जामताड़ा पबिया उदयपुर गांव की है ।जहां गोपी सोरेन 51 साल का एक आदिवासी लकवा बीमारी से ग्रसित इलाज के अभाव में अपना दम तोड़ दिया। उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि कहीं जाकर अपना इलाज करा सके। मिट्टी के मकान में जिंदगी गुजर बसर करने वाले इस आदिवासी मृतक के पास आयुष्मान कार्ड भी नहीं था ।जिससे कि वह उसका इलाज हो सके।प्रशासनिक महकमा का कोई पदाधिकारी मदद करने के लिए कोई आगे आया ।उसने अपना जिंदगी हार गया और मौत हो गयी । इस घटना के खबर फैलने के बाद स्थानीय विधायक प्रशासनिक महकमा गांव पहुंच उस परिवार का सुध लेने पहुंचे ।स्थानीय विधायक ने पीड़ित परिवार के लोगों को आर्थिक सहयोग देकर हर संभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया। स्थानीय विधायक ने गोपिन सोरेन की मौत भूख से होने का आरोप लगाया। कहा कि मामले को लीपापोती किया जा रहा है ।जबकि इसकी मौत भूख से हुई है ।और से बीमारी दिखाकर लीपापोती किया जा रहा है ।विधायक ने तत्काल सरकार से ₹400000 परिवार को देने एवं जांच कराने की मांग की। आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं मिलने पर बीङीओ से जब पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। एमओ ने मौत बीमारी से होने का कारण बताया कहा कि भूख से मौत नहीं हुई है। हर महीने उसे अनाज मिलता था। जबकि मृतक के परिवार और परिजनों का कहना था कि मृतक काफी दिनों से लकवा बीमारी से पीड़ित था। लेकिन उसके पास इलाज के पैसे नहीं थे कि वह इलाज करा सके। आयुष्मान कार्ड भी नहीं था ।

बाईट मृतक के परिजन
बाईट इरफान अंसारी विधायक जामताड़ा
बाईट वीङीओ नारायणपुर
बाईट त्रिपुरारी राय एम ओ


Conclusion:बाहर हाल गोपी सोरेन आदिवासी की मौत भूख से हुई है या बीमारी से यह तो जांच का विषय है। लेकिन इस घटना ने सरकार की पूरी सिस्टम पर सवाल अवश्य खड़ा कर दिया है ।एक तरफ सरकार गरीबों के लिए आयुष्मान सहित कई तरह की योजनाएं चला रही है ।वहीं जरूरतमंदों तक योजना का लाभ नहीं पहुंचने पर लोगों को दम तोड़ना पड़ रहा है।
संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा
Last Updated : Aug 17, 2019, 8:35 PM IST
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