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जामताड़ा के सदर अस्पताल में बिना डॉक्टर चल रहा था डायलिसिस सेंटर, जांच के बाद कराया गया बंद - जामताड़ा सदर अस्पताल में डायलिसिस सेंटर बंद

जामताड़ा के सदर अस्पताल में कंपाउंडर के भरोसे डायलिसिस सेंटर चलाया जा रहा था, जिसकी लापरवाही से एक मरीज की मौत हो गई थी. घटना के बाद काफी बवाल हुआ था और मृतक के परिजनों ने जांच की मांग की थी. एसडीओ ने संज्ञाने लेते हुए मामले की जांच की तो मामले का खुलासा हुआ, जिसके बाद डायलिसिस सेंटर को बंद करवा दिया गया है.

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बिना डॉक्टर चल रहा था डायलिसिस सेंटर
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Published : Oct 13, 2020, 3:19 AM IST

जामताड़ा: जिला के सदर अस्पताल में बिना डॉक्टर के ही डायलिसिस सेंटर संचालित किया जा रहा था. डायलिसिस सेंटर में इलाज कराने पहुंचे दुमका के रतन साधु की मौत हो गई थी, जिसके बाद उसके परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर लापरवाही का आरोप लगाया था और इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की थी. मामले में संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने जांच कर खुलासा किया कि डायलिसिस सेंटर में डॉक्टर नहीं होने के कारण ही रतन की मौत हुई है. जिला प्रशासन ने फिलहाल डायलिसिस सेंटर को बंद करवा दिया है और सभी कागजात को जब्त कर लिया है.

देखें पूरी खबर

क्या है मामला

जामताड़ा सदर अस्पताल में संचालित डायलिसिस सेंटर में दुमका के रतन साधु नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. बिना डॉक्टर के ही कंपाउंडर ने रतन का इलाज कर दिया था, जिसके उसकी मौत हो गई. रतन के मौत के परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया था. परिजनों ने डायलिसिस सेंटर में लापरवाही का आरोप लगाया था, जिसके शिकायत पर एसडीओ डायलिसिस सेंटर जांच करने पहुंचे थे. जांच के क्रम में पाया गया कि बिना डॉक्टर के ही डायलिसिस सेंटर संचालित किया जा रहा था.

इसे भी पढे़ं:- हाई स्कूल शिक्षकों के एक प्रतिनिधि मंडल ने जामताड़ा विधायक से की मुलाकात, शिक्षकों ने की इंसाफ दिलाने की मांग

फ्रिज में दवा की जगह मिला चूड़ा

एसडीओ ने बताया कि रतन साधु नाम के व्यक्ति के डायलिसिस सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इसके बाद उसके परिजनों ने शिकायत की थी, जिसके आधार पर जांच की गई. डायलिसिस सेंटर में रखे फ्रीज में जांच के दौरान एसडीओ ने फ्रीज में दवा के जगह चूड़ा पाया, जिसपर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई. वहीं, सिविल सर्जन ने बताया कि डॉक्टर नहीं रहने के कारण प्रशासन के आदेश से डायलिसिस सेंटर को बंद करवा दिया गया है. डॉक्टर पदस्थापित होते ही फिर से सेंटर चालू करा दिया जाएगा.

जामताड़ा: जिला के सदर अस्पताल में बिना डॉक्टर के ही डायलिसिस सेंटर संचालित किया जा रहा था. डायलिसिस सेंटर में इलाज कराने पहुंचे दुमका के रतन साधु की मौत हो गई थी, जिसके बाद उसके परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर लापरवाही का आरोप लगाया था और इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की थी. मामले में संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने जांच कर खुलासा किया कि डायलिसिस सेंटर में डॉक्टर नहीं होने के कारण ही रतन की मौत हुई है. जिला प्रशासन ने फिलहाल डायलिसिस सेंटर को बंद करवा दिया है और सभी कागजात को जब्त कर लिया है.

देखें पूरी खबर

क्या है मामला

जामताड़ा सदर अस्पताल में संचालित डायलिसिस सेंटर में दुमका के रतन साधु नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. बिना डॉक्टर के ही कंपाउंडर ने रतन का इलाज कर दिया था, जिसके उसकी मौत हो गई. रतन के मौत के परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया था. परिजनों ने डायलिसिस सेंटर में लापरवाही का आरोप लगाया था, जिसके शिकायत पर एसडीओ डायलिसिस सेंटर जांच करने पहुंचे थे. जांच के क्रम में पाया गया कि बिना डॉक्टर के ही डायलिसिस सेंटर संचालित किया जा रहा था.

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फ्रिज में दवा की जगह मिला चूड़ा

एसडीओ ने बताया कि रतन साधु नाम के व्यक्ति के डायलिसिस सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इसके बाद उसके परिजनों ने शिकायत की थी, जिसके आधार पर जांच की गई. डायलिसिस सेंटर में रखे फ्रीज में जांच के दौरान एसडीओ ने फ्रीज में दवा के जगह चूड़ा पाया, जिसपर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई. वहीं, सिविल सर्जन ने बताया कि डॉक्टर नहीं रहने के कारण प्रशासन के आदेश से डायलिसिस सेंटर को बंद करवा दिया गया है. डॉक्टर पदस्थापित होते ही फिर से सेंटर चालू करा दिया जाएगा.

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