जामताड़ा: जिले के नारायणपुर प्रखंड अंतर्गत बराकर नदी करमदाहा घाट स्थित प्रमुख धार्मिक स्थल दुखिया बाबा मंदिर है. जो आस्था का प्रतीक है. यहां दूरदराज से लोग आकर पूजा अर्चना करते हैं और अपनी मन्नतें मांगते हैं.
जामताड़ा जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर बराकर नदी के किनारे करमदाहा घाट स्थित प्रमुख धार्मिक स्थल दुखिया बाबा मंदिर है. माना जाता है कि दुखिया बाबा अपने भक्तों का दुख हरण कर लेते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर में सच्चे दिल से मांगी गई मन्नतें जरूर पूरी होती हैं.
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दुखिया बाबा का मंदिर कब बना, दुखिया बाबा कैसे प्रकट हुए कहना कठिन है, लेकिन श्रद्धालुओं का कहना है कि दुखिया बाबा दुखों का हरण करने वाले बाबा हैं. वो अपने भक्तों का दुख हर कर लेते हैं. इसलिए इन्हें दुखिया बाबा के नाम से जाना जाता है. यही कारण है कि धनबाद, गिरिडीह, देवघर और जामताड़ा के आसपास के क्षेत्रों से काफी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं. पूर्णिमा अमावस्या को काफी संख्या में श्रद्धालु दुखिया बाबा के मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं और यहां पूजा करने पहुंचते हैं.
बराकर नदी के किनारे स्थित रहने के कारण यहां न सिर्फ श्रद्धालु बाबा का दर्शन करने पहुंचते हैं, बल्कि पूस माह में मनोरम दृश्य होने के कारण पिकनिक मनाने भी काफी संख्या में आते हैं. सैलानी बाबा के मंदिर में पूजा अर्चना दर्शन करते हैं. इसके साथ ही परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर पिकनिक भी मनाते हैं. मकर संक्रांति के अवसर पर 14 दिन का मेला भी लगता है. जहां सभी धर्म संप्रदाय के लोग मेला में खरीदारी करते हैं और आनंद भी लेते हैं.