जामताड़ा: झारखंड में कोरोना का खौफ बरकारर है. ऐसे में सभी प्रकार की गतिविधियां ठप पड़ी हैं. ऐसे में धार्मिक पर्वों पर गृहण लगा हुआ है. आज रामनवमी का पर्व है, लेकिन इस महामारी ने इस पर्व की चमक भी फीकी कर दी है. इस बार पूरे देश में रामनवमी का पर्व की रौनक नहीं दिखाई देगी.
कोरोना वायरस के लॉकडाउन को लेकर रामनवमी त्योहार इस बार फीका रहा. मंदिरों में सन्नाटा पसरा रहा. लोगों ने घरों में पूजा अर्चना कर भगवान से कोरोना वायरस से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की.
लॉकडाउन को लेकर जामताड़ा में रामनवमी व चैत नवरात्र उत्सव काफी फीका रहा. चैत्र नवरात्र उत्सव और रामनवमी का त्योहार को लेकर जो भक्तिपूर्ण माहौल बना रहता था. पूरे धूमधाम से लोग श्रद्धा के साथ मंदिर में पूजा अर्चना करते थे, ध्वजारोहण करते थे. गाजे-बाजे के साथ अखाड़ा शोभायात्रा जुलूस निकाला जाता था.
लेकिन कोरोना वायरस के कारण श्रद्धालुओं के उत्साह में कमी पड़ गया है. मंदिरों में ताला लटक गया है. श्रद्धालु पूजा-अर्चना नहीं कर पा रहे हैं. पूरे जामताड़ा जिले के यही स्थिति है.
मंदिरों में पूजा अर्चना नहीं
इस क्षेत्र में चैत्र नवरात्र उत्सव धूमधाम से मनाया जाता था, जो कोरोना वायरस के कारण रद्द कर दिया गया. श्रद्धालु भक्तजन अपने-अपने घरों में ही ध्वजारोहण ओर पूजा अर्चना की.
श्रद्धालुओं ने रामनवमी व चैत्र नवरात्रि पर घरों में सादगी से पूजा अर्चना की. महावीर पताका फहरायी और मां भगवती, बजरंगबली की पूजा अर्चना कर कोरोना वायरस जैसी इस महामारी से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की.
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जामताड़ा में रामनवमी का त्योहार चैत्र नवरात्र चैती दुर्गा काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. श्रद्धा के साथ लोग पूजा अर्चना करते हैं और भगवान की श्रद्धा में डूबे रहते हैं.
चारों ओर वातावरण भक्ति में डूब जाता है, लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस के कारण काफी फीका रहा . रामनवमी चैत नवरात्र उत्सव चैती दुर्गा पूजा सिर्फ सादगी में ही बीत गए.
लोग घर से निकल नहीं पाए और सभी लोगों ने घर पर पूजा पाठ कर भगवान से घर में सुख समृद्धि के प्रार्थना करते हुए देश में कोरोना वायरस से दूर करने के लिए प्रार्थना की.