जामताड़ा: कोरोना को लेकर जिले में खौफ कम होने का नाम नहीं ले रहा है. खासकर गांव में इसका खौफ देखा जा सकता है. जिले का अमलाचतर गांव में रेड जोन और दूसरे प्रदेशों से आने वाले लोगों को इंट्री नहीं जाती है. गांव के ही लोगों ने एक सरकारी स्कूल को क्वॉरेंटाइन सेंटर बना दिया है. यहां बाहर से आने वाले लोगों को 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन कर दिया जाता है, उसके बाद ही घर जाने दिया जाता है. गांव के लोग ही क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाले लोगों को खाने-पीने के अलावा अन्य सुविधा मुहैया कराते हैं.
ग्रामीण अशोक महतो ने बताया कि सभी गांव के लोगों ने मिलकर फैसला लिया है कि जो भी गांव के लोग बाहर से या रेड जोन से आएंगे, उन्हें पहले गांव के स्कूल भवन में रखा जाएगा, उसके बाद घर और गांव में उसे प्रवेश करने दिया जाएगा, ताकि कोरोना से बचाव हो सके.
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सरकार के नियम के अनुसार गांव वाले करते हैं क्वॉरेंटाइन
गांव के लगभग 13 युवक जो मुंबई और तेलंगना में मजदूरी करने गए थे. उन्हें गांव वापस आने पर जिला प्रशासन ने क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेज दिया था. क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिन रहने के बाद भी ग्रामीणों ने उन्हें होम क्वॉरेंटाइन किया. गांव के अंदर नहीं जाने दिया. गांव वालों ने उन्हें सरकारी स्कूल भवन में आश्रय दिया. ग्रामीणों का कहना है कि 14 दिनों तक स्कूल भवन में रहने के बाद ही उसे गांव में घुसने दिया जाएगा.