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12 वर्षों से अर्धनिर्मित पुल हुआ क्षतिग्रस्त, अब नाव बनी सहारा

जामताड़ा में बराकर नदी पर 12 साल से पुल का निर्माण अधूरा पड़ा है. लोग किसी तरह अर्धनिर्मित पुल से आना जाना करते थे लेकिन पुल का पिलर नदी के बहाव में बह जाने के कारण अब लोगों को नदी पार करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. लोग जान जोखिम में डालकर रोजाना आना-जाना कर रहे हैं.

Construction of bridge incomplete in jamtara
नदी पार करते ग्रामीण
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Published : Jan 11, 2021, 8:17 AM IST

Updated : Jan 11, 2021, 8:58 AM IST

जामताड़ा: जामताड़ा और धनबाद दो जिलों को जोड़ने वाली बराकर नदी के वीरगांव और बरबंदिया घाट पर बनने वाला पुल आज भी अधूरा पड़ा है. 12 साल बीत गए लेकिन आज भी पुल का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. नतीजतन जान जोखिम में डालकर लोगों को नाव से आना-जाना करना पड़ता है जिससे कि खतरा बना रहता है.

देखें पूरी खबर

वर्षों से अधूरा पड़ा है पुल

अलग झारखंड राज्य निर्माण के बाद जामताड़ा और धनबाद दो जिला को जोड़ने के लिए आवागमन को सुगम बनाने के लिए बराकर नदी के वीर गांव बरबंदिया घाट पर करोड़ों रुपए की लागत से करीब 12 वर्ष पूर्व पुल निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ जो कि आज तक पूरा नहीं हो पाया है. आज भी अधूरा पड़ा हुआ है.

ये भी पढ़ें-रांची में बीजेपी युवा मोर्चा के मीडिया प्रभारी पर यौन शोषण का आरोप, कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज

पुल नहीं बनने से लोगों को आने-जाने में होती है परेशानी

पुल अधूरा रहने और पूरा नहीं होने से लोगों को आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. नदी में पानी भर जाने के बाद लोगों को आने जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है.

जान जोखिम में डालकर लोग नाव से करते हैं आना-जाना

जान जोखिम में डालकर लोग नाव से नदी के उस पार और इस पर आना-जाना करते हैं, जिससे कि खतरा बना रहता है. अत्यधिक हवा चलने से नाव भी नहीं चल पाती है. बीच नदी में अगर हवा ज्यादा चलने लगे तो नाव के डूबने का भी खतरा बना रहता है.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल नहीं बनने से काफी परेशानी होती है. पुल के जरिए इस पार से उस पार जाने में काफी आसानी होती थी. समय कम लगता था, लेकिन पुल क्षतिग्रस्त होने से मुश्किलें आ रही है. मजबूरन उन्हें नाव का सहारा लेना पड़ रहा है इससे जान का खतरा बना रहता है. स्थानीय लोग बताते हैं कि 12 वर्षों से पुल अधूरा पड़ा है और उन्हें काफी परेशानी हो रही है.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा पुल

जानकारी के अनुसार करोड़ों रुपए की लागत से बना पुल का पिलर अत्यधिक बारिश में नदी का बहाव सह नहीं सका और बह गया, तब से आज तक पुल क्षतिग्रस्त पड़ा है. कब काम शुरू होगा यह नहीं पता, इसे लेकर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है.

फिलहाल अधूरा पड़े पुल को पूरा करने की मांग स्थानीय लोगों की ओर से वर्षों से की जा रही है लेकिन अभी तक इस पुल निर्माण कार्य फिर से शुरू नहीं हो पाया है. पुल निर्माण कार्य फिर से शुरू होगा या नहीं, पुल निर्माण कार्य पूर्ण हो पाएगा या नहीं यह भविष्य के गर्भ में टिका हुआ है, जिसका लोगों को इंतजार है.

जामताड़ा: जामताड़ा और धनबाद दो जिलों को जोड़ने वाली बराकर नदी के वीरगांव और बरबंदिया घाट पर बनने वाला पुल आज भी अधूरा पड़ा है. 12 साल बीत गए लेकिन आज भी पुल का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. नतीजतन जान जोखिम में डालकर लोगों को नाव से आना-जाना करना पड़ता है जिससे कि खतरा बना रहता है.

देखें पूरी खबर

वर्षों से अधूरा पड़ा है पुल

अलग झारखंड राज्य निर्माण के बाद जामताड़ा और धनबाद दो जिला को जोड़ने के लिए आवागमन को सुगम बनाने के लिए बराकर नदी के वीर गांव बरबंदिया घाट पर करोड़ों रुपए की लागत से करीब 12 वर्ष पूर्व पुल निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ जो कि आज तक पूरा नहीं हो पाया है. आज भी अधूरा पड़ा हुआ है.

ये भी पढ़ें-रांची में बीजेपी युवा मोर्चा के मीडिया प्रभारी पर यौन शोषण का आरोप, कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज

पुल नहीं बनने से लोगों को आने-जाने में होती है परेशानी

पुल अधूरा रहने और पूरा नहीं होने से लोगों को आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. नदी में पानी भर जाने के बाद लोगों को आने जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है.

जान जोखिम में डालकर लोग नाव से करते हैं आना-जाना

जान जोखिम में डालकर लोग नाव से नदी के उस पार और इस पर आना-जाना करते हैं, जिससे कि खतरा बना रहता है. अत्यधिक हवा चलने से नाव भी नहीं चल पाती है. बीच नदी में अगर हवा ज्यादा चलने लगे तो नाव के डूबने का भी खतरा बना रहता है.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल नहीं बनने से काफी परेशानी होती है. पुल के जरिए इस पार से उस पार जाने में काफी आसानी होती थी. समय कम लगता था, लेकिन पुल क्षतिग्रस्त होने से मुश्किलें आ रही है. मजबूरन उन्हें नाव का सहारा लेना पड़ रहा है इससे जान का खतरा बना रहता है. स्थानीय लोग बताते हैं कि 12 वर्षों से पुल अधूरा पड़ा है और उन्हें काफी परेशानी हो रही है.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा पुल

जानकारी के अनुसार करोड़ों रुपए की लागत से बना पुल का पिलर अत्यधिक बारिश में नदी का बहाव सह नहीं सका और बह गया, तब से आज तक पुल क्षतिग्रस्त पड़ा है. कब काम शुरू होगा यह नहीं पता, इसे लेकर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है.

फिलहाल अधूरा पड़े पुल को पूरा करने की मांग स्थानीय लोगों की ओर से वर्षों से की जा रही है लेकिन अभी तक इस पुल निर्माण कार्य फिर से शुरू नहीं हो पाया है. पुल निर्माण कार्य फिर से शुरू होगा या नहीं, पुल निर्माण कार्य पूर्ण हो पाएगा या नहीं यह भविष्य के गर्भ में टिका हुआ है, जिसका लोगों को इंतजार है.

Last Updated : Jan 11, 2021, 8:58 AM IST
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