जामताड़ा: जिले में भले ही स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों को बाहर से शौच से मुक्ति दिलाने के लिए लाखों करोड़ों रुपए की लागत से सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया हो. कागज कलम में भले ही जामताड़ा ओडीएफ घोषित हो गया हो, लेकिन जमीनी हकीकत आज भी कुछ अलग ही बयां कर रहा है. आज भी लोग बाहर खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं.
शौचालय में लगा रहता है ताला
स्वच्छ भारत मिशन के तहत जामताड़ा जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में लाखों रुपये खर्च कर शौचालय बनाया गया है, लेकिन इसमें से अधिकतर शौचालय बंद रहता है या फिर इनमें ताला लटका रहता है. इसका उपयोग नहीं किया जाता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सिर्फ कागज कलम में ही लाखों खर्च कर सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है.
ये भी पढ़ें: जमशेदपुर में ट्रक-बाइक की टक्कर में एक की मौत, दोनों वाहनों में लगी आग
जामताड़ा के ग्रामीण क्षेत्र में 1,10,000 शौचालय का निर्माण
स्वच्छ भारत मिशन के तहत जामताड़ा जिले में 1,10,000 शौचालय का निर्माण कराया गया है. चालू वित्त वर्ष में कुल 6000 शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, जामताड़ा जिला के दो प्रमुख शहर जामताड़ा मिहिजाम नगर पंचायत अंतर्गत आते हैं. नगर में राहगीरों प्रवासी लोगों को शौच के लिए परेशानी न हो इसे लेकर सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है, लेकिन सभी सामुदायिक शौचालय में ताला लटका रहता है, जिसका आज तक उपयोग नहीं हो पाया है.
लॉकडाउन से ही बंद है शौचालय
जामताड़ा पुराना कोर्ट परिसर स्थित लाखों की लागत से सार्वजनिक शौचालय बनाया गया है, जो सुलभ इंटरनेशनल शौचालय द्वारा संचालित है. कोर्ट परिसर में काफी संख्या में लोग बाहर से आते हैं, जिन्हें शौच के लिए काफी परेशानी होती है, लेकिन लॉकडाउन के बाद से शौचालय में ताला लग गया है और यह बंद पड़ा हुआ है. कब चालू होगा यह कहना भी कठिन है.