जामताड़ा: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संथाल परगना में काजू की खेती को बढ़ावा देने में दिलचस्पी दिखायी है. संथाल परगना में काजू की खेती से किसान अच्छी आमदनी कर सकें इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. बीते दिनों नाला प्रखंड में आयोजित आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शिरकत की थी. जहां सीएम ने किसानों की आमदनी बढ़ाने को लेकर चर्चा करते हुए काजू खेती पर बोल रहे थे.
संताल परगना में काजू की खेती की अपार संभावनाः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा कि संथाल परगना में काजू की खेती की अपार संभावना है. उन्होंने कहा कि 80 के दशक में काजू के पेड़ से पूरा संथाल परगना पटा था, लेकिन किसानों को काजू के फल का उपयोग कैसे हो, इसकी प्रोसेसिंग कैसे हो इसकी जानकारी नहीं थी. जानकारी के अभाव में किसान आमदनी नहीं कर पाए.
सरकार किसानों को काजू की खेती की नई तकनीक से अवगत कराएगीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अब उनकी सरकार काजू की खेती से किसान अच्छी आमदनी कैसे प्राप्त करें इस दिशा में काम करेगी. सरकार किसानों को काजू की खेती की नई तकनीक से अवगत कराएगी और काजू की खेती के लिए हर संभव सहयोग देगी.
नाला प्रखंड में होती है काजू की खेती, किसान औने-पौने दाम में बेच देते हैं काजूः जामताड़ा का नाला प्रखंड काजू नगरी के नाम से ही जाना जाता है. यहां काफी मात्रा में काजू की खेती होती है, लेकिन उचित देखरेख के अभाव और प्रोसेसिंग प्लांट नहीं रहने के कारण किसान काजू को औने-पौने दाम में बेच देते हैं. इस कारण किसानों का ज्यादा आय नहीं हो पाती है. किसानों ने कई बार काजू की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन से लेकर सरकार तक गुहार लगाई और प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की मांग की, लेकिन अब तक नतीजा सिफर रहा है. बहरहाल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आश्वासन के बाद नाला प्रखंड के किसानों में आस जगी है कि सरकार अब काजू की खेती को बढ़ावा देने के लिए पहल करेगी.
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