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Jamtara News: चिरेका ने 436वां रेल इंजन राष्ट्र को किया समर्पित, महाप्रबंधक ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना लगातार विकास की नई इबारत लिख रहा है. शुक्रवार को चिरेका ने 436वां रेल इंजन का निर्माण कर देश को समर्पित कर दिया. इस अवसर पर चिरेका के महाप्रबंधक ने तमाम कर्मियों और पदाधिकारियों के प्रयासों की सराहना की.

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Chireka Manufactured 436th Rail Engine
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Published : Apr 1, 2023, 3:48 PM IST

जामताड़ा: चिरेका ने अंतिम वित्तीय वर्ष के अंतिम दिवस पर उत्पादित 436वां रेल इंजन राष्ट्र को समर्पित कर दिया है. चिरेका महाप्रबंधक सतीश कुमार कश्यप ने हरी झंडी दिखाकर इंजन को रवाना किया. बताते चलें कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में चिरेका ने अपने इतिहास में द्वितीय सर्वश्रेष्ठ उत्पादन के लक्ष्य को हासिल किया है.

ये भी पढे़ं-चितरंजन रेल इंजन कारखाने में बना विद्युत रेल इंजन 'तेजस एक्सप्रेस'

चिरेका ने रेल इंजन उत्पादन में कीर्तिमान स्थापित कियाः भारतीय रेल की इकाई विद्युत् रेलइंजन के प्रमुख निर्माता चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना (चिरेका) ने रेल इंजन उत्पादन के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. उपकरण और वस्तुओं की आपूर्ति में तमाम बाधाओं के बावजूद चिरेका ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के अंतिम दिन 31 मार्च 2023 तक 436 रेल इंजनों का उत्पादन किया है, जो अपने उत्पादन इतिहास में दूसरी सर्वश्रेष्ठ उत्पादन उपलब्धि है.

चिरेका के महाप्रबंधक ने हरी झंडी दिखाकर इंजन को किया रवानाः शॉप नंबर 19 से 436वें रेलइंजन को चिरेका से हरी झंडी दिखाकर समारोह पूर्वक रवाना किया गया. इस मौके पर विभागों के प्रधान अध्यक्ष, अधिकारी, पर्यवेक्षक और बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित थे. इस मौके पर चिरेका के महाप्रबंधक सतीश कुमार कश्यप ने कहा कि यह उपलब्धि चिरेका के कुशल और समर्पित अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रयासों और प्रेरणा से संभव हो पाया है. इस उपलब्धि को हासिल करने के पीछे चिरेका कर्मियों के असाधारण कौशल, सहयोग, समर्पित प्रदर्शन और अथक परिश्रम का बहुत बड़ा योगदान है.

चिरेका के कर्मियों के प्रयासों की जीएम ने की सराहनाः चिरेका के महाप्रबंधक सतीश कुमार कश्यप ने इस उपलब्धि के लिए टीम चिरेका को बधाई दी और समर्पित अधिकारियों, पर्यवेक्षकों और कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि अब तक के गौरवशाली प्रदर्शन के अनुसार चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना उत्पादन के क्षेत्र में भविष्य में भी कीर्तिमान स्थापित करता रहेगा.

लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है चिरेकाः बताते चलें कि चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना (चिरेका) ने इससे पहले एक दिन में 12 विद्युत रेल इंजन का उत्पादन कर इतिहास रचा था और निरंतर अपने अथक प्रयास से लक्ष्य की ओर अग्रसर है.

जामताड़ा: चिरेका ने अंतिम वित्तीय वर्ष के अंतिम दिवस पर उत्पादित 436वां रेल इंजन राष्ट्र को समर्पित कर दिया है. चिरेका महाप्रबंधक सतीश कुमार कश्यप ने हरी झंडी दिखाकर इंजन को रवाना किया. बताते चलें कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में चिरेका ने अपने इतिहास में द्वितीय सर्वश्रेष्ठ उत्पादन के लक्ष्य को हासिल किया है.

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चिरेका ने रेल इंजन उत्पादन में कीर्तिमान स्थापित कियाः भारतीय रेल की इकाई विद्युत् रेलइंजन के प्रमुख निर्माता चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना (चिरेका) ने रेल इंजन उत्पादन के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. उपकरण और वस्तुओं की आपूर्ति में तमाम बाधाओं के बावजूद चिरेका ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के अंतिम दिन 31 मार्च 2023 तक 436 रेल इंजनों का उत्पादन किया है, जो अपने उत्पादन इतिहास में दूसरी सर्वश्रेष्ठ उत्पादन उपलब्धि है.

चिरेका के महाप्रबंधक ने हरी झंडी दिखाकर इंजन को किया रवानाः शॉप नंबर 19 से 436वें रेलइंजन को चिरेका से हरी झंडी दिखाकर समारोह पूर्वक रवाना किया गया. इस मौके पर विभागों के प्रधान अध्यक्ष, अधिकारी, पर्यवेक्षक और बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित थे. इस मौके पर चिरेका के महाप्रबंधक सतीश कुमार कश्यप ने कहा कि यह उपलब्धि चिरेका के कुशल और समर्पित अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रयासों और प्रेरणा से संभव हो पाया है. इस उपलब्धि को हासिल करने के पीछे चिरेका कर्मियों के असाधारण कौशल, सहयोग, समर्पित प्रदर्शन और अथक परिश्रम का बहुत बड़ा योगदान है.

चिरेका के कर्मियों के प्रयासों की जीएम ने की सराहनाः चिरेका के महाप्रबंधक सतीश कुमार कश्यप ने इस उपलब्धि के लिए टीम चिरेका को बधाई दी और समर्पित अधिकारियों, पर्यवेक्षकों और कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि अब तक के गौरवशाली प्रदर्शन के अनुसार चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना उत्पादन के क्षेत्र में भविष्य में भी कीर्तिमान स्थापित करता रहेगा.

लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है चिरेकाः बताते चलें कि चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना (चिरेका) ने इससे पहले एक दिन में 12 विद्युत रेल इंजन का उत्पादन कर इतिहास रचा था और निरंतर अपने अथक प्रयास से लक्ष्य की ओर अग्रसर है.

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