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लाखों की लागत से बने बर्न यूनिट भवन की जली किस्मत, सालों बाद भी मरीजों को नहीं मिल रहा लाभ - जामताड़ा में जलने पर इलाज

जामताड़ा में लाखों रुपए की लागत से बर्न यूनिट भवन तैयार किया गया. लेकिन, यह अब तक शुरू नहीं हो सका है. इसके कारण बर्न पेशेंट को या तो इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है या फिर निजी नर्सिंग होम का सहारा लेना पड़ता है.

Burn unit building in Jamtara
जामताड़ा में बर्न यूनिट भवन
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Published : Sep 14, 2021, 12:23 PM IST

जामताड़ा: स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लाखों रुपए खर्च कर बर्न यूनिट भवन तैयार किया गया लेकिन सालों बीत जाने के बावजूद यह शुरू नहीं हो सका है. इसकी वजह से जामताड़ा के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. उचित देखखेख के अभाव में उपकरण जर्जर होने लगे हैं. वहीं, दूसरी ओर बर्न पेशेंट को भी इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है.

यह भी पढ़ें: जानिए वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने आखिर क्यों कहा- पिछली सरकार की करनी का खामियाजा भुगत रही हेमंत सरकार

बर्न पेशेंट को होती है दिक्कत

बर्न पेशेंट को इलाज के लिए भटकना पड़ता है. ऐसे मरीजों को या तो इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है या निजी नर्सिंग होम का सहारा लेना पड़ता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग ने लाखों रुपए खर्च किए लेकिन लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. अगर यह शुरू हो जाता तो काफी सुविधा होती. इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता.

देखें पूरी खबर

10 बेड का है बर्न यूनिट भवन

बर्न यूनिट भवन 10 बेड का बनाया गया है. यहां इलाज की सुविधा शुरू हो जाती है तो एक साथ 10 बर्न पेशेंट का इलाज संभव हो पाएगा. लेकिन भवन के बनने के बाद भी विभाग या स्थानीय जनप्रतिनिधि कभी इसकी सुध लेने की कोशिश नहीं करते हैं.

सिविल सर्जन बता रहे मैन पावर की कमी

बर्न यूनिट भवन को लेकर जब सिविल सर्जन से सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसके चालू नहीं होने के पीछे मानव बल की कमी बताया. सिविल सर्जन का कहना है कि मैन पावर की कमी के कारण भवन चालू नहीं हो पा रहा है. इसको लेकर सरकार से दिशा निर्देश लिया जा रहा है.

जामताड़ा: स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लाखों रुपए खर्च कर बर्न यूनिट भवन तैयार किया गया लेकिन सालों बीत जाने के बावजूद यह शुरू नहीं हो सका है. इसकी वजह से जामताड़ा के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. उचित देखखेख के अभाव में उपकरण जर्जर होने लगे हैं. वहीं, दूसरी ओर बर्न पेशेंट को भी इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है.

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बर्न पेशेंट को होती है दिक्कत

बर्न पेशेंट को इलाज के लिए भटकना पड़ता है. ऐसे मरीजों को या तो इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है या निजी नर्सिंग होम का सहारा लेना पड़ता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग ने लाखों रुपए खर्च किए लेकिन लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. अगर यह शुरू हो जाता तो काफी सुविधा होती. इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता.

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10 बेड का है बर्न यूनिट भवन

बर्न यूनिट भवन 10 बेड का बनाया गया है. यहां इलाज की सुविधा शुरू हो जाती है तो एक साथ 10 बर्न पेशेंट का इलाज संभव हो पाएगा. लेकिन भवन के बनने के बाद भी विभाग या स्थानीय जनप्रतिनिधि कभी इसकी सुध लेने की कोशिश नहीं करते हैं.

सिविल सर्जन बता रहे मैन पावर की कमी

बर्न यूनिट भवन को लेकर जब सिविल सर्जन से सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसके चालू नहीं होने के पीछे मानव बल की कमी बताया. सिविल सर्जन का कहना है कि मैन पावर की कमी के कारण भवन चालू नहीं हो पा रहा है. इसको लेकर सरकार से दिशा निर्देश लिया जा रहा है.

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