जामताड़ा: जिले में मिनी प्लांट लगाकर बोतल में बंद धड़ल्ले से पानी की आपूर्ति की जा रही है. शुद्धता के नाम पर लोगों को क्या पिलाया जा रहा है इसे कोई देखने वाला और सुनने वाला नहीं है. बताया जाता है कि जामताड़ा जिले में करीब 20 पानी के कारोबार करने वाले प्लांट लगा रखे हैं. इनमें से मात्र दो ही के पास लाइसेंस जारी किया गया है. जबकि शेष अवैध रूप से पानी का कारोबार कर रहे हैं. इसमें कितने नियम और मापदंड के अनुरूप काम हो रहा है यह जांच का विषय है.
शुद्धता की गारंटी नहीं
लेकिन आज तक प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसकी जांच नहीं की गई. इसमें जो नियम मापदंड अपनाया जा रहा है पानी की शुद्धता की गारंटी कितनी दी जा रही है, ये सब देखने वाला कोई नहीं. इस बारे में जब जिला के सिविल सर्जन से जानकारी के लिए पूछा गया तो सिविल सर्जन ने इसके लिए गुणवत्ता की जांच करने की तो बात कही, लेकिन कार्रवाई करने का जिम्मा झाड़ दिया.
जांच की जाएगी
वहीं, जिला के उपायुक्त शहर में हो रहे इस कारोबार को लेकर पूछा गया तो उन्होंने जिला उद्योग विभाग को इस बारे में निगरानी करने के निर्देश दिए जाने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग से इसकी सूची मांगी गई है और औचक निरीक्षण कर इसकी जांच की जाएगी.
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बिना मापदंड के कारोबार
सरकार द्वारा लोगों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए चलाई जा रही योजनाएं अधिकतर या तो फेल हैं या तो लोगों को शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में पानी का कारोबार करने वाले लोगों का धंधा काफी चलने लगा है.