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जामताड़ा में कोरोना लॉकडाउन के चलते भूखे भटक रहे बेजुबान, सरकार भी नहीं दे रहीं ध्यान - जामताड़ा न्यूज

कोरोना वायरस को रोकने के लिए किया गया लॉकडाउन इंसानों से लेकर बेजुबान जानवरों तक सभी के लिए मुसीबत बन गया है. लॉकडाउन के दौरान लोगों को भूखा न रहना पड़े, इसके लिए तो सरकारों ने तमाम तरह के इंतजाम किए हैं, लेकिन बेजुबान पशु- पक्षियों के लिए इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए गए हैं.

Animals wandering hungry due to Corona lockdown
कोरोना लॉकडाउन के चलते भूखे भटक रहे ये बेजुबान
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Published : Apr 11, 2020, 5:48 PM IST

जामताड़ा: देश में कोरोना वायरस को लेकर लगाए गए लॉकडाउन का असर बेजुबान पशुओं पर भी पड़ रहा है. बेजुबान अपने चारे के लिए भटकने को मजबूर हैं. सूचना के बाद पशुओं का चारा उपलब्ध हो इसके लिए उपायुक्त ने अपने पशुपालन पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिया है. बावजूद इसके सड़क पर भटक रहे पशु अपने चारे के लिए मोहताज हैं.

देखें पूरी खबर

चारे के लिए कूड़ेदान में या फेंके गई झूठी पत्तल को खाकर भूख मिटाने को मजबूर हैं. इनकी तरफ न तो प्रशासन का ध्यान है और न सामाजिक कार्यकर्ता और संगठन का ही. हालांकि उपायुक्त ने पशुओं को चारा उपलब्ध कराने का पशुपालन पदाधिकारी को दिया है. उन्होंने कहा है कि संज्ञान में लाया गया है कि पर्याप्त मात्रा में पशु चारा उपलब्ध है. बावजूद इसके बेजुबान चारे के लिए भटकते देखे जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: 5 ड्रोन से हो रही रांची के हिंदपीढ़ी की मॉनिटरिंग, यहीं से हैं झारखंड में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज

उपायुक्त गणेश कुमार ने बताया कि जिले में जो पशुपालक दूध बेच कर अपना जीवन यापन करते हैं. उनके दूध की बिक्री नहीं हो पा रही है. इसके लिए जिला गव्य विकास विभाग देवघर से बात कर समाधान करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि उचित मूल्य पर उनका दूध कीमत मिल सके और अपने पशुओं को चारा खिला सके.

जामताड़ा: देश में कोरोना वायरस को लेकर लगाए गए लॉकडाउन का असर बेजुबान पशुओं पर भी पड़ रहा है. बेजुबान अपने चारे के लिए भटकने को मजबूर हैं. सूचना के बाद पशुओं का चारा उपलब्ध हो इसके लिए उपायुक्त ने अपने पशुपालन पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिया है. बावजूद इसके सड़क पर भटक रहे पशु अपने चारे के लिए मोहताज हैं.

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चारे के लिए कूड़ेदान में या फेंके गई झूठी पत्तल को खाकर भूख मिटाने को मजबूर हैं. इनकी तरफ न तो प्रशासन का ध्यान है और न सामाजिक कार्यकर्ता और संगठन का ही. हालांकि उपायुक्त ने पशुओं को चारा उपलब्ध कराने का पशुपालन पदाधिकारी को दिया है. उन्होंने कहा है कि संज्ञान में लाया गया है कि पर्याप्त मात्रा में पशु चारा उपलब्ध है. बावजूद इसके बेजुबान चारे के लिए भटकते देखे जा रहे हैं.

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उपायुक्त गणेश कुमार ने बताया कि जिले में जो पशुपालक दूध बेच कर अपना जीवन यापन करते हैं. उनके दूध की बिक्री नहीं हो पा रही है. इसके लिए जिला गव्य विकास विभाग देवघर से बात कर समाधान करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि उचित मूल्य पर उनका दूध कीमत मिल सके और अपने पशुओं को चारा खिला सके.

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