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शहरी जलापूर्ति योजना आज भी है अधूरी, 4 साल बाद भी नगर पंचायत को नहीं हुआ हैंडओवर

जामताड़ा नगर के लोगों को प्यास बुझाने और पानी आपूर्ति को लेकर करोड़ों की लागत से बना शहरी जलापूर्ति योजना 4 साल बाद भी अधूरी है. 4 साल बीत जाने के बाद भी योजना नगर पंचायत को आज तक हैंडओवर नहीं हो पाया है.

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जलमीनार
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Published : Sep 21, 2020, 1:46 AM IST

Updated : Sep 21, 2020, 9:12 AM IST

जामताड़ा: शहरी जलापूर्ति योजना नगर पंचायत को आज तक हैंडओवर नहीं हो पाया है. जामताड़ा नगर के लोगों को प्यास बुझाने शुद्ध जल आपूर्ति को लेकर करोड़ों की लागत से शहरी जलापूर्ति योजना के तहत जलमीनार बनाया गया है और शहर में पाइप बिछाने का भी काम किया गया है. कागज कलम में भले योजना पूर्ण दिखा दिया गया हो, आज तक यह योजना जामताड़ा शहर के लोगों के लिए अधूरी है. शहर के सभी वार्ड में पाइप भी नहीं बिछाये गये हैं.

देखें पूरी खबर

योजना के लाभ से वंचित

सबसे दिलचस्प बात यह है कि 2016 में पूर्ण इस योजना को हैंडओवर नगर पंचायत को नहीं हो पाया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि शहरी जलापूर्ति योजना का लाभ शहर के कुछ हिस्सों तक ही सीमित है. 80% लोगों को इससे पानी नहीं मिल पाती है और इस योजना के लाभ से वंचित हैं.

ये भी पढ़ें- पुलिस गेस्ट हाउस में हुए गैंगरेप में रांची पुलिस का ASI भी था शामिल, हिरासत में आरोपी

नहीं हो सका है हैंडओवर

जामताड़ा नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि डीपीआर के अनुसार काम नहीं हो पाया है. योजना का संयुक्त रुप से पेयजल विभाग और नगर पंचायत विभाग की टीम जांच नहीं कर सकी है.

ये भी पढ़ें- राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन, राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू हुईं शामिल

कई बार लिखा गया पत्र

जामताड़ा नगर पंचायत ने खुलासा किया है कि शहरी जलापूर्ति योजना के नगर पंचायत में ऑडिट टीम की ओर से ऑडिट के दौरान यह पाया गया कि पेयजल स्वच्छता विभाग बिना कार्य आदेश विस्तार का कार्य किया गया है, जिस पर ऑडिट की टीम ने योजना की राशि का 10% संबंधित विभाग के अधिकारी से वसूलने को कहा है. जिसे लेकर नगर पंचायत ने कई बार जिला प्रशासन और पेयजल और स्वच्छता विभाग को पत्र भी लिखा है. लेकिन यह सिर्फ पत्राचार तक ही सीमित होकर रह गया है.

जामताड़ा: शहरी जलापूर्ति योजना नगर पंचायत को आज तक हैंडओवर नहीं हो पाया है. जामताड़ा नगर के लोगों को प्यास बुझाने शुद्ध जल आपूर्ति को लेकर करोड़ों की लागत से शहरी जलापूर्ति योजना के तहत जलमीनार बनाया गया है और शहर में पाइप बिछाने का भी काम किया गया है. कागज कलम में भले योजना पूर्ण दिखा दिया गया हो, आज तक यह योजना जामताड़ा शहर के लोगों के लिए अधूरी है. शहर के सभी वार्ड में पाइप भी नहीं बिछाये गये हैं.

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योजना के लाभ से वंचित

सबसे दिलचस्प बात यह है कि 2016 में पूर्ण इस योजना को हैंडओवर नगर पंचायत को नहीं हो पाया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि शहरी जलापूर्ति योजना का लाभ शहर के कुछ हिस्सों तक ही सीमित है. 80% लोगों को इससे पानी नहीं मिल पाती है और इस योजना के लाभ से वंचित हैं.

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नहीं हो सका है हैंडओवर

जामताड़ा नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि डीपीआर के अनुसार काम नहीं हो पाया है. योजना का संयुक्त रुप से पेयजल विभाग और नगर पंचायत विभाग की टीम जांच नहीं कर सकी है.

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कई बार लिखा गया पत्र

जामताड़ा नगर पंचायत ने खुलासा किया है कि शहरी जलापूर्ति योजना के नगर पंचायत में ऑडिट टीम की ओर से ऑडिट के दौरान यह पाया गया कि पेयजल स्वच्छता विभाग बिना कार्य आदेश विस्तार का कार्य किया गया है, जिस पर ऑडिट की टीम ने योजना की राशि का 10% संबंधित विभाग के अधिकारी से वसूलने को कहा है. जिसे लेकर नगर पंचायत ने कई बार जिला प्रशासन और पेयजल और स्वच्छता विभाग को पत्र भी लिखा है. लेकिन यह सिर्फ पत्राचार तक ही सीमित होकर रह गया है.

Last Updated : Sep 21, 2020, 9:12 AM IST
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