हजारीबाग: जिले के ग्रामीण इलाकों में अभी भी डॉक्टरों की कमी है, जिसका फायदा झोलाछाप डॉक्टर उठा रहे हैं. झोलाछाप डॉक्टर की वजह से कई बार लोगों की जान चली जाती है. ऐसा ही मामला जिले के कटकमसांडी प्रखंड के नचले गांव से सामने आया है, जहां एक झोलाछाप डॉक्टर की वजह से नेमधारी सिंह भोक्ता की चार उंगलियां काटनी पड़ीं. अब वह न्याय के लिए इधर-उधर भटक रहा है.
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दरअसल, उसके हाथ में दर्द था. जिसके बाद वह कटकमसांडी चौक स्थित डॉ. के अधिकारी उर्फ कार्तिक चंद्रा के क्लिनिक इलाज के लिए गया, जहां डॉक्टर ने उसे एक सुई दी. जिससे उसके हाथ में गैंग्रीन हो गया. ऐसे में उसका हाथ बचाने के लिए उसकी चार उंगलियां काटनी पड़ीं. अब जब यह मामला चिकित्सा विभाग तक पहुंच गया है तो जांच की बात कही गई है.
पीड़ित युवक नेमधारी सिंह भोक्ता (20 वर्ष) कटकमसांडी थाना क्षेत्र के नचले गांव का रहने वाला है. पीड़ित युवक के पिता ने बताया कि उनका बेटा हजारीबाग में रहकर पढ़ाई करता है. दुर्गा पूजा की छुट्टियों में वह घर आया था. घर आने के बाद उसे सर्दी और बुखार हो गया. इलाज के लिए वह कटकमसांडी चौक स्थित तथाकथित डॉक्टर के अधिकारी उर्फ कार्तिक चंद्र अधिकारी के क्लिनिक में गया. इसी क्रम में उन्होंने सर्दी-बुखार की गोली देने का अनुरोध किया. इस पर तथाकथित डॉक्टर ने उनसे कहा कि गोलियों से वह जल्दी ठीक नहीं होगा और उसे इंजेक्शन लगाना पड़ेगा. जिससे वह जल्द ही ठीक हो जाएगा. इसके बाद उसने दाहिने हाथ की नस में एक इंजेक्शन लगा दिया. इंजेक्शन लगते ही हाथ में तेज जलन और सूजन की शिकायत होने लगी.
इंजेक्शन लगने बाद पूरी हथेली पड़ गई काली: इंजेक्शन लगने के तीसरे दिन युवक की एक उंगली काली पड़ गयी. चार दिन में पूरी हथेली ही काली पड़ गई. जलन से युवक परेशान हो गया. जिसके बाद वह दोबारा उसी डॉक्टर के पास गया. डॉक्टर उसे रांची में दूसरे डॉक्टर के पास ले गया. जिसके बाद उस दूसरे डॉक्टर ने जांच के बाद हाथ में गैंग्रीन होने की बात कही और तुरंत हथेली काटने की सलाह दी. डॉक्टर ने कहा कि यदि तुम ऐसा नहीं करोगे तो तुम्हारा पूरा हाथ काटना पड़ेगा. जिसके बाद युवक के हाथ की चार उंगलियां काटनी पड़ीं. अब युवक और उसके घरवाले दोषी तथाकिथित डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.