ETV Bharat / state

हजारीबागः लोकगीत गाकर महिलाओं ने की धानरोपनी, की अच्छी फसल की कामना

लोकगीत की परंपरा अपने आप में अनूठी है. हर परिस्थिति में नए रंग पकड़ती है. बारिश का मौसम चल रहा है, किसान खेतों में बुआई कर रहे हैं. बुआई करते हुए भगवान से अच्छी फसल की कामना की जा रही है.

author img

By

Published : Aug 20, 2019, 12:46 PM IST

लोकगीत गाते हुए धान रोपनी करती महिलाएं

हजारीबागः लोकगीत भारतीय संस्कृति की परिचायक है. जीवन के हर एक मोड़ पर लोकगीतों की अपनी पहचान रही है. दो दिन से हजारीबाग में मूसलाधार बारिश हो रही है. बारिश ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौटा दिया. इसी मुस्कान के बीच ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं लोकगीत गाते हुए धान रोप रही हैं.

देखें पूरी खबर

खुशी के पलों को लोकगीत और भी खुशनुमा बना देते हैं. धीरे-धीरे लोकगीत का प्रचलन भी कम होता जा रहा है. फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं लोकगीत गुनगुनाती नजर आती हैं. हालांकि लोकगीत अब पहले जैसी सुनाई नहीं देती है. माना जाता है कि लोकगीत में वह शक्ति है कि ऊपर वाला भी दुआ कबूल करता है. इन दिनों हजारीबाग के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं लोकगीत गाकर इंद्र देव को खुश करने का प्रयास कर रही हैं.

पिछले 2 सालों से हजारीबाग में अच्छी बारिश नहीं हुई. जिसके कारण किसान काफी परेशान हैं. ऐसे में जब इस बार बारिश हुई तो महिलाओं ने खेतों में पानी पड़ने के साथ ही बुआई का काम शुरू कर दिया है. इसी दौरान वे गीत गाती दिखीं.

जानिए इन गीतों का मतलब
इन गीतों का मतलब है कि हमारा भाई पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशा से आया है और खेती का काम कर रहा है. यह खेती अगर अच्छी नहीं होगी तो हमारा जीवन नहीं चलेगा. हमारे जीवन को चलाने के लिए आप वर्षा के रूप में आएं और खेतों में जगह पाएं. जिससे अच्छी बारिश से खेती हो सके.

ये भी पढ़ें- रामगढ़: झारखंड इस्पात लिमिटेड फैक्ट्री को ईडी ने किया जब्त, मनी लॉन्ड्रिंग का है आरोप

महिलाएं कहती हैं कि पहले की तुलना में अब लोकगीत की परंपरा भी कम हो रही है. लोकगीत गाने से ईश्वर भी खुश होते हैं और मनोकामना पूरी करते हैं. उन्होंने कहा कि वे मनोकामना करती हैं कि हजारीबाग में अच्छी बारिश हो. जिससे फसल अच्छी हो और साल भर का अनाज अपने घर में भंडार कर सके. खेती में लगे पुरुष भी कहते हैं कि महिलाएं लोकगीत गा कर भगवान को खुश कर रही हैं.

हजारीबागः लोकगीत भारतीय संस्कृति की परिचायक है. जीवन के हर एक मोड़ पर लोकगीतों की अपनी पहचान रही है. दो दिन से हजारीबाग में मूसलाधार बारिश हो रही है. बारिश ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौटा दिया. इसी मुस्कान के बीच ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं लोकगीत गाते हुए धान रोप रही हैं.

देखें पूरी खबर

खुशी के पलों को लोकगीत और भी खुशनुमा बना देते हैं. धीरे-धीरे लोकगीत का प्रचलन भी कम होता जा रहा है. फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं लोकगीत गुनगुनाती नजर आती हैं. हालांकि लोकगीत अब पहले जैसी सुनाई नहीं देती है. माना जाता है कि लोकगीत में वह शक्ति है कि ऊपर वाला भी दुआ कबूल करता है. इन दिनों हजारीबाग के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं लोकगीत गाकर इंद्र देव को खुश करने का प्रयास कर रही हैं.

पिछले 2 सालों से हजारीबाग में अच्छी बारिश नहीं हुई. जिसके कारण किसान काफी परेशान हैं. ऐसे में जब इस बार बारिश हुई तो महिलाओं ने खेतों में पानी पड़ने के साथ ही बुआई का काम शुरू कर दिया है. इसी दौरान वे गीत गाती दिखीं.

जानिए इन गीतों का मतलब
इन गीतों का मतलब है कि हमारा भाई पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशा से आया है और खेती का काम कर रहा है. यह खेती अगर अच्छी नहीं होगी तो हमारा जीवन नहीं चलेगा. हमारे जीवन को चलाने के लिए आप वर्षा के रूप में आएं और खेतों में जगह पाएं. जिससे अच्छी बारिश से खेती हो सके.

ये भी पढ़ें- रामगढ़: झारखंड इस्पात लिमिटेड फैक्ट्री को ईडी ने किया जब्त, मनी लॉन्ड्रिंग का है आरोप

महिलाएं कहती हैं कि पहले की तुलना में अब लोकगीत की परंपरा भी कम हो रही है. लोकगीत गाने से ईश्वर भी खुश होते हैं और मनोकामना पूरी करते हैं. उन्होंने कहा कि वे मनोकामना करती हैं कि हजारीबाग में अच्छी बारिश हो. जिससे फसल अच्छी हो और साल भर का अनाज अपने घर में भंडार कर सके. खेती में लगे पुरुष भी कहते हैं कि महिलाएं लोकगीत गा कर भगवान को खुश कर रही हैं.

Intro:लोकगीत भारत की संस्कृति का परिचायक है। जीवन के हर एक मोड़ पर लोकगीत का अपना पहचान रहा है ।हर खुशी के पल को लोकगीत और भी अधिक खुशनुमा बनाती रही है। लेकिन धीरे-धीरे लोकगीत का प्रचलन भी कम होता जा रहा है। फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं लोक गीत गुनगुनाती नजर आती है। दो दिन से हजारीबाग में मूसलाधार बारिश हो रही है। बारिश ने किसानों के चेहरे में मुस्कान लौटा दिया है। इसी मुस्कान के बीच ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं लोकगीत गाते हुए धान रोप रही हैं और ईश्वर से कामना कर रही है कि ऐसा ही बरसात हो ताकि हमारा खेत धान से भर जाए।


Body:लोकगीत अब पहले जैसी सुनाई नहीं देती है। माना जाता है कि लोकगीत में वह शक्ति है कि ऊपर वाले भी दुआ कबूल करता है। इन दिनों हजारीबाग के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं लोकगीत गाकर इंद्र देव को खुश करने का प्रयास कर रही हैं। ताकि इंद्रदेव खुश हो और क्षेत्र में झमाझम बारिश हो। ताकि उनका खेत धान से भर जाए ।विगत 2 सालों से हजारीबाग में अच्छी बारिश नहीं हो रही है ।जिसके कारण किसान काफी परेशान हैं ।ऐसे में किसान के घर की महिलाएं खेतों में पानी पड़ने के साथ ही बुआई का काम शुरू कर दी है। इसी दौरान वे गीत गा रही है।

इस गीत का अर्थ है कि हमारा भाई पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशा से आया है और खेती का काम कर रहा है ।यह खेती अगर अच्छी नहीं होगी तो हमारा जीवन नहीं चलेगा। हमारे जीवन को चलाने के लिए आप वर्षा के रूप में आए और खेतों में जगह पाए ताकि अच्छी बारिश से खेती हो सके ।

महिलाएं कहती है कि पहले की तुलना में अब लोकगीत की परंपरा भी कम हो रही है ।लेकिन लोकगीत गाने से ईश्वर भी खुश होता है और मनोकामना पूरा करता है। हम भी मनोकामना करते हैं कि हजारीबाग में अच्छी बारिश हो ताकि खेती अच्छा हो और हम साल भर का अनाज अपने घर में भंडार कर सके।

byte... फुलवंती देवी महिला किसान
byte.... अनंत सिंह किसान


Conclusion:खेती में लगे पुरुष भी कहते हैं कि महिलाएं लोकगीत गा कर भगवान को खुश कर रही है और हम उम्मीद भी करते हैं कि उनकी झोली भी खाली नहीं रहेगी ऊपरवाला झोली धान से भर देगा।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.