हजारीबाग: जिले में महिलाएं कोरोना के खिलाफ अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं. जब जिले समेत पूरे राज्य को मास्क की जरूरत पड़ी तो महिला मंडल ने मास्क उपलब्ध कराया. आज के समय में जिला प्रशासन को सबसे अधिक पीपीई किट की जरूरत है, तो अब हजारीबाग की दो महिला मंडल पीपीई किट तैयार कर रही हैं. ताकि हमारे स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित ना हो सके.
आज पूरे देशभर में पीपीई किट की घोर कमी है. बिना इस किट के स्वास्थ्य कर्मी सेवा नहीं दे सकते हैं. ऐसे में भारी संख्या में किट की आवश्यकता है. वहीं, हजारीबाग जिला प्रशासन को भरपूर मात्रा में किट नहीं मिल पाया. ऐसे में हजारीबाग की दो महिला स्वयंसेवी समूह कि 20 दीदियों ने किट बना डाला. जिले की पूजा महिला मंडल और कमला महिला मंडल स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सुरक्षा कवच बना रही हैं. इसके लिए हर महिला लगभग दिनभर में तीन से चार सुरक्षा कवच बना रही है. बता दें कि दिनभर में लगभग 100 पीपीई किट तैयार हो जा रहा है. इसके लिए महिलाएं दिन रात मेहनत कर रही है .वह बताती हैं कि आज के समय में समाज का हर एक तबका कुछ ना कुछ समाज के लिए कर रहा है .ऐसे में हम लोगों ने भी बीड़ा उठाया है कि कुछ देश के लिए कर सके. इस बाबत पैंट, शर्ट, जूता का कभर और सर की टोपी तैयार कर रहे हैं. यह एक तरह का पीपीई किट है. जो स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण होने से बचाएगा.
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महिलाओं ने कहा कि यह किट मात्र 150 रूपए में जिला प्रशासन को मुहैया करा रहे हैं. झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के आजीविका समूह के पदाधिकारी ने बताया कि हजारीबाग में पीपीई किट की कमी है. ऐसे में इन महिला समूह ने पीपीई तैयार किया है. उनका यह भी कहना है कि उन्होंने इस बाबत डॉक्टर से भी बात की उनका भी कहना है कि बहुत हद तक यह सुरक्षा प्रदान करेगा. ऐसे में एंबुलेंस के ड्राइवर ,स्वास्थ्य कर्मी ,वार्ड बॉय ,सफाईकर्मी इसका उपयोग करेंगे. इससे संक्रमण कम से कम फैलेगा. उनका यह भी कहना है कि वर्तमान में किट की कीमत 1000 से 1500 रुपैया के बीच में है और बाजार में उपलब्ध भी नहीं है. ऐसे में यह महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है.