हजारीबागः जिले के विनोबा भावे विश्वविद्यालय में एक और सितारा जुड़ने वाला है. दरअसल, आने वाले दिनों में यहां ट्राइबल स्टडी सेंटर का निर्माण किया जाएगा. जिसे लेकर तैयारी भी शुरू हो चुकी है. इस बाबत विश्वविद्यालय प्रबंधन में उत्सुकता भी देखी जा रही है. संभवत यह भारत का पहला ट्राइबल स्टडी सेंटर होगा.
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दो चरण में बनेगा सेंटर
झारखंड अपनी सभ्यता और संस्कृति के लिए पूरे देश में जाना जाता है. यह आदिवासी जनजाति बहुल क्षेत्र है. कई ऐसे जनजाति भी हैं जो अभी विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गईं हैं. उन्हें संरक्षित करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं. अब विनोबा भावे विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर ट्राइबल स्टडीज केंद्र बनेगा. इसे लेकर फंड भी विश्वविद्यालय में आ चुका है. दो चरण में यह सेंटर बनाया जाएगा. इस बाबत विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव भी काफी उत्साहित है.
सभ्यता और संस्कृति की मिलेगी जानकारी
कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव ने कहा कि यहां यूनिक सेंटर बनने जा रहा है, क्योंकि झारखंड ट्राइबल के लिए पूरे देश में जाना जाता है. अब उनके इतिहास के बारे में लोग जान पाएंगे, यहीं नहीं कई ऐसी सभ्यता और संस्कृति भी है जो इतिहास के पन्नों में दफन हो गई हैं, उनकी भी जानकारी लोगों को इसके जरिए मिलेगी. इस केंद्र में अत्याधुनिक कक्षाएं, लेक्चर हॉल, भव्य पुस्तकालय, सभागार होगा, जिसमें छात्र यहां की सभ्यता और संस्कृति पर रिसर्च कर पाएंगे. इसके साथ ही साथ म्यूजियम भी बनाया जाएगा. यह एक बहुउद्देशीय केंद्र होगा. प्रथम चरण में 6 से 8 करोड़ रुपये में भवन का निर्माण होगा. इसको लेकर परिसर में जमीन भी उपलब्ध करा दी गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हजारीबाग में इस सेंटर का शिलान्यास किया था. उस वक्त उन्होंने कहा था कि सेंटर फॉर ट्राइवल स्टडीज बनने से यहां के समाज और संस्कृति का विस्तार से जानने और आने वाली पीढ़ियों तक समाज के संस्कारों को पहुंचाने में मदद मिलेगी.