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सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता से मिलने हजारीबाग पहुंचे बीजेपी के तीन विधायक, कहा- छुआछूत की भावना से ग्रसित है प्रशासन - Chandankiyari MLA Amar Bawri

हजारीबाग में सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग मिलने बीजेपी के तीन विधायक मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे और पीड़ित परिवार वालों से घटना की जनकारी ली. बीजेपी विधायक ने कहा कि हजारीबाग डीसी दलित विरोधी है. यही कारण है कि घटना के 10 दिनों बाद भी प्रशासन ने मिलना भी मुनासिब नहीं समझा है.

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सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता से मिलने हजारीबाग पहुंचे बीजेपी के तीन विधायक
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Published : Sep 29, 2021, 1:20 PM IST

हजारीबागः जिले में 18 सितंबर को दलित नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया. पीड़ित परिवार वालों ने थाने में आरोपी का नाम बताते हुए शिकायत की है, लेकिन आरोपी गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. वहीं, दूसरी ओर पीड़ित नाबालिग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती है, जहां जीवन-मौत से जूझ रही है. इस पीड़ित लड़की और परिजनों से मिलने बीजेपी के तीन विधायक अस्पताल पहुंचे और घटना की जानकारी ली.


यह भी पढ़ेंःहजारीबाग में महापाप, दो अलग-अलग थाना क्षेत्र में महिला और नाबालिग के साथ गैंगरेप


चंदनकियारी विधायक अमर बाउरी, सिमरिया विधायक किशुन दास, कांके विधायक समरी लाल के साथ साथ पूर्व विधायक ब्रज मोहन राम, बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी शामिल थे. विधायकों ने नाबालिग बच्ची और उसके परिजनों से मिलने के बाद राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर कई गंभीर सवाल खड़े किए. विधायक अमर बाउरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि गैर बीजेपी शासित राज्यों में दलित, शोषित, वंचित, आदिवासी महिलाओं और लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं बढ़ गई हैं. इसमें झारखंड का नाम सबसे ऊपर है.

देखें पूरी रिपोर्ट

पीड़ित परिवार से नहीं मिला प्रशासन

अमर बाउरी ने कहा कि 10 दिनों से पीड़ित लड़की जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है, लेकिन जिला प्रशासन और राज्य सरकार के आंखों में आंसू नहीं है. अपनी बेटी को 25 लाख का मुआवजा देने में उन्हें शर्म आ रही है. उन्होंने कहा कि हजारीबाग के डीसी ने अब तक पीड़ित बच्ची से मुलाकात तक नहीं की है. इसकी वजह है कि पीड़ित बच्ची दलित परिवार से है.

प्रशासन की दलित विरोधी मानसिकता

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने जो अनुसूचित समाज को समानता का अधिकार दिया था, वह समानता का अधिकार सिर्फ बीजेपी मान रही है. छुआछूत की मानसिकता ही दलित विरोधी मानसिकता है. इसी मानसिकता से हजारीबाग उपायुक्त ग्रसित है.

25 लाख मुआवजे की मांग

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो बीजेपी सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेगी. इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर राजभवन, केंद्र सरकार और राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग को भी इस मामले में अवगत कराएंगे और जांच का आग्रह करेंगे. उन्होंने सरकार से मांग की है कि अविलंब पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद करें और परिवार के एक सदस्य को नौकरी की व्यवस्था सुनिश्चित करें.

हजारीबागः जिले में 18 सितंबर को दलित नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया. पीड़ित परिवार वालों ने थाने में आरोपी का नाम बताते हुए शिकायत की है, लेकिन आरोपी गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. वहीं, दूसरी ओर पीड़ित नाबालिग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती है, जहां जीवन-मौत से जूझ रही है. इस पीड़ित लड़की और परिजनों से मिलने बीजेपी के तीन विधायक अस्पताल पहुंचे और घटना की जानकारी ली.


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चंदनकियारी विधायक अमर बाउरी, सिमरिया विधायक किशुन दास, कांके विधायक समरी लाल के साथ साथ पूर्व विधायक ब्रज मोहन राम, बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी शामिल थे. विधायकों ने नाबालिग बच्ची और उसके परिजनों से मिलने के बाद राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर कई गंभीर सवाल खड़े किए. विधायक अमर बाउरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि गैर बीजेपी शासित राज्यों में दलित, शोषित, वंचित, आदिवासी महिलाओं और लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं बढ़ गई हैं. इसमें झारखंड का नाम सबसे ऊपर है.

देखें पूरी रिपोर्ट

पीड़ित परिवार से नहीं मिला प्रशासन

अमर बाउरी ने कहा कि 10 दिनों से पीड़ित लड़की जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है, लेकिन जिला प्रशासन और राज्य सरकार के आंखों में आंसू नहीं है. अपनी बेटी को 25 लाख का मुआवजा देने में उन्हें शर्म आ रही है. उन्होंने कहा कि हजारीबाग के डीसी ने अब तक पीड़ित बच्ची से मुलाकात तक नहीं की है. इसकी वजह है कि पीड़ित बच्ची दलित परिवार से है.

प्रशासन की दलित विरोधी मानसिकता

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने जो अनुसूचित समाज को समानता का अधिकार दिया था, वह समानता का अधिकार सिर्फ बीजेपी मान रही है. छुआछूत की मानसिकता ही दलित विरोधी मानसिकता है. इसी मानसिकता से हजारीबाग उपायुक्त ग्रसित है.

25 लाख मुआवजे की मांग

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो बीजेपी सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेगी. इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर राजभवन, केंद्र सरकार और राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग को भी इस मामले में अवगत कराएंगे और जांच का आग्रह करेंगे. उन्होंने सरकार से मांग की है कि अविलंब पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद करें और परिवार के एक सदस्य को नौकरी की व्यवस्था सुनिश्चित करें.

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