हजारीबागः शहर या गांव साफ-सफाई बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. एक ओर स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव मोहल्ला टोला को साफ रखने के लिए जोर-शोर से अभियान चल रहा है, लेकिन अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में घर का गंदा पानी निकलने का उचित व्यवस्था नहीं हो पाया है. ऐसे में गंदा पानी सड़कों पर बहता नजर आता है. सबसे खराब स्थिति बरसात के दिनों में होती है. जब बरसाती पानी सड़क पर जमा जाता है. जिससे बीमारी तो पनपती है साथ ही साथ सड़क भी खराब हो जाती है.
जलजमाव से होती है दिक्कत
शहर में तो निगम साफ सफाई कर देती है. लेकिन वैसा क्षेत्र जो निगम में नहीं आता है वहां की स्थिति कुछ और ही बयां रहती है. बरसात के दिनों में नगर निगम के बाहरी क्षेत्रों का हाल और भी बेहाल हो जाता है. जहां पानी निकासी नहीं होने के कारण लोग प्रभावित रहते है. ग्रामीण भी कहते हैं कि हम लोगों के लिए सड़क निर्माण के साथ-साथ नाली निर्माण भी करवाना चाहिए ताकि गांव भी साफ रहे. उनका यह भी कहना है कि पिछले कई सालों से हम लोग यह मांग करते आए हैं, हमारी मांग पूरी नहीं हुई. वहीं हाल के दिनों में नगर निगम क्षेत्र का विस्तार भी हुआ है. कई ऐसे ग्रामीण क्षेत्र हैं जो इस बार निगम क्षेत्र में आए हैं. वहां के वार्ड पार्षद भी बताते हैं कि नगर निगम का क्षेत्र तो बढ़ गया लेकिन सुविधा नहीं बढ़ी है. अगर हम लोगों को अपना क्षेत्र स्वच्छ और साफ रखना है तो सबसे महत्वपूर्ण है. गंदा और बरसाती पानी निकासी की व्यवस्था करना वार्ड पार्षद कहते हैं कि सबसे बुरी स्थिति मानसून के वक्त होता है ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण खेत तो हरे भरे हो जाते हैं लेकिन सड़कों पर बरसाती पानी निकासी नहीं होने के कारण स्थिति बद से बदतर हो जाती है.
ड्रेनेज की व्यवस्था नहींः नगर आयुक्त
नगर आयुक्त माधवी मिश्रा का कहना है कि नगर निगम क्षेत्र में अभी कई ऐसे इलाके हैं जहां ड्रेनेज की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में जब हमारे पास बजट की उपलब्धता रहेगी तो हम लोग पूरे हजारीबाग नगर निगम क्षेत्र में बरसाती और गंदा पानी निकासी का भरपूर व्यवस्था करेंगे. उनका भी यह भी मानना है कि अतिक्रमण के कारण में नाली की व्यवस्था खराब हुई है. लोग वाटर बॉडीज को भी प्रभावित किए हैं. इस कारण पानी का समुचित निकासी नहीं हो पाता है.
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फंड की कमीः जिला परिषद अध्यक्ष
हजारीबाग जिला परिषद अध्यक्ष सुशीला देवी का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बरसात के समय समस्या आती है. सड़कों में पानी जमा रहता है. हम लोग हर बोर्ड मीटिंग में यह बात भी रखते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में पानी निकासी के लिए व्यवस्था की जाए. लेकिन वर्तमान समय में जिला परिषद के पास फंड का भाव है इस कारण हम लोग अभी नहीं कर पा रहे हैं. उनका यह भी कहना है कि हजारीबाग के ग्रामीण क्षेत्रों में मुखिया अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. लेकिन मुखिया भी इस बिंदु पर योजना नहीं बना पाते हैं. उनका पहला प्राथमिकता बिजली और पेयजल होता है. लेकिन अब हम लोग मुखिया लोगों को भी इस बाबत जागरूक करने का प्रयास करेंगे कि वह अपने क्षेत्र में जल निकासी के लिए पूरे तरह से योजना बनाकर उस पर कार्य करें.
अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए तो स्पष्ट पता चलता है कि हजारीबाग ग्रामीण क्षेत्र है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की योजनाएं धरातल पर नहीं पहुंच पा रही है. जिसका जीता जागता उदाहरण ड्रेनेज सिस्टम है भले ही सरकार स्वच्छ भारत मिशन युद्ध स्तर पर चला रही है लेकिन इस मिशन की सफलता ड्रेनेज सिस्टम पर भी निर्भर करता है. मौसम के वक्त नगर निगम के बाहरी क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या पानी निकासी की होती है. ऐसे में जिला प्रशासन कि यह कोशिश है कि नाली की व्यवस्था की जाए. लेकिन आजादी के 70 साल से अधिक बीत जाने के बाद भी गांवो में मूलभूत सुविधा नहीं हो पाई है. जरूरत है सरकार को भी इस पर नजर बनाने की.