हजारीबागः विनोबा भावे विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह के बाद से विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं, आज कुलपति के समर्थन में एनएसयूआई और झारखंड छात्र मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. कुलपति के पक्ष में हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कुलपति को अपमानित किया था, जिसका सभी ने जमकर विरोध किया.
बता दें कि विनोबा भावे के कुलपति रमेश शरण का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता लगातार विरोध कर रहे हैं. पिछले 26 अगस्त को कुलपति रमेश शरण एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए रांची पहुंचे थे, तो वहां भी एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कुलपति का विरोध किया था.
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कुलपति विश्वविद्यालय के अभिभावक, विरोध करना गलत
वहीं, कुलपति का समर्थन कर रहे छात्रों का कहना है कि कुलपति विश्वविद्यालय के अभिभावक होते हैं. उन पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया, जो गुरु-शिक्षक के संबंध को तार-तार करता है. अब ऐसे में एक तरफ जहां विश्वविद्यालय के छात्र कुलपति के साथ खड़े हैं वहीं, दूसरी तरफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं का कुलपति के विरोध में प्रदर्शन चल रहा है.
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कुलपति की कार्यशैली का कर रहे विरोध
बता दें कि विनोबा भावे विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में कई कमियां रह जाने के कारण अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता लगातार कुलपति की कार्यशैली का विरोध कर रहे हैं. सुरक्षा के दृष्टिकोण से दीक्षांत समारोह स्थगित करना पड़ा था. इस कारण अधिकांश स्टूडेंट डिग्री लिए बिना ही लौट गए. इसके बाद एबीवीपी सदस्य वीसी से इस्तीफा की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. गवर्नर से मिलकर पद से हटाने की मांग की थी.
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कब शुरू हुआ हंगामा
बीते दिनों विनोबा भावे यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. रमेश शरण रांची विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रांची आए थे. एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने वीसी के विरोध में जमकर हंगामा किया था. उनकी कार के नंबर प्लेट पर कालिख पोत दी और काला झंडा लगा दिया. इतना ही नहीं कार्यकर्ताओं ने वीसी की कार पर गो बैक और आतंकवादी भी लिख डाला. उग्र विरोध देखते हुए शिक्षकों ने विभाग के अंदर ताला जड़ दिया. जिससे कार्यकर्ता अंदर नहीं आ सकें. लगभग 3 घंटे तक डॉ. शरण विभाग में कैद रहे.