हजारीबाग: कोरोना काल (Corona Period) में हजारों लोग बेरोजगार हो गए. वहीं कई फैक्ट्रियों और संस्थान पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. ऐसे में लोगों को रोजगार मुहैया कराना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. हालांकि झारखंड सरकार (Jharkhand Government) ने प्राइवेट स्तर पर 75% स्थानीय और 25% अन्य राज्यों के लोगों को रोजगार देने का फैसला लिया है. वहीं संक्रमण के बाद फिर से कौशल विकास योजना (Skill Development Scheme) की भी शुरुआत की जाएगी.
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कोरोना संक्रमण के कारण पूरे देश में बेरोजगारी बढ़ी है. झारखंड के भी कई लोग महानगरों से बेरोजगार होकर लोग अपने-अपने गृह जिला पहुंच रहे हैं. ऐसे में सभी को रोजगार देना सरकार के लिए चुनौती से कम नहीं है. झारखंड में नियोजन को लेकर किसी तरह का विवाद नहीं होने का दावा श्रम रोजगार एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने किया है. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि हेमंत सरकार 75 फीसदी आरक्षण निजी क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को देगी, शेष 25% बाहर के लोगों को रोजगार दिया जाएगा, लेकिन कंपनी अधिनियम की पहली अनुसूची में सूचीबद्ध औद्योगिक इकाई को इससे मुक्त रखा गया है, जिसमें पेट्रोलियम फार्मास्यूटिकल, कोयला उर्वरक और सीमेंट की कंपनियों में यह नियम लागू नहीं होगा. मंत्री ने कहा कि सरकार के इस कदम से स्थानीय स्तर पर बेरोजगारी की समस्या पर थोड़ा विराम लगेगा.
कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र में लटका ताला
वहीं संक्रमण के कारण राज्य भर के कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र में ताला लटका है, जहां छात्र-छात्राएं राज्य के कोने-कोने से पहुंचकर ट्रेनिंग लेते थे, वो फिलहाल बंद हो गया है. कई ऐसे छात्र हैं जिन्होंने प्रशिक्षण ले भी लिया है, लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल पाया. वहीं कई छात्र प्रशिक्षण लेने के इंतजार में हैं. उन्हें अब कुछ दिन और इंतजार करना होगा. मंत्री सत्यानंद भोक्ता का कहना है कि कोरोना खत्म होने के बाद फिर से कौशल विकास सेंटर पर प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू किया जाएगा, जब प्रशिक्षित युवक और युवतियों की संख्या बढ़ेगी तो विदेशी कंपनियों को भी झारखंड बुलाया जाएगा और लोगों को रोजगार दिया जाएगा.