हजारीबागः स्थानीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर और रेगुलेटर की चोरी के मामले को लेकर जांच की प्रक्रिया तेज हो गई है. मेडिकल कॉलेज से लगभग 200 ऑक्सीजन सिलेंडर और 60 रेगुलेटर की चोरी की घटना बीते मंगलवार को प्रकाश में आई थी. आज से जांच में तेजी लाई गई है. हजारीबाग एसपी द्वारा एसआईटी टीम का गठन किया गया है.
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मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची टीम ने तमाम बिंदुओं का जांच की है. पीपी किट पहनकर विभिन्न कोविड वार्ड जाकर ऑक्सीजन सिलेंडर की जानकारी इकट्ठा की है और संबंधित स्टॉक रजिस्टर की जांच की गई है.
इस दौरान करीब 1 दर्जन पदाधिकारी और कर्मी से एसआईटी की टीम ने अलग-अलग पूछताछ की है. एसआईटी का नेतृत्व सदर एसडीपीओ महेश प्रजापति कर रहे हैं. जांच दल लगभग 2 घंटे तक अस्पताल परिसर में छानबीन की है.
यहां उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर के रखरखाव और वार्ड में ले जाने के तरीके के बारे में विभिन्न वार्ड बॉय से पूछताछ की है. पदाधिकारियों ने मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सिलेंडर की चोरी पर कई सवाल खड़े किए हैं. सूत्रों की मानें तो यह जांच बेहद महत्वपूर्ण बताई जा रही है और जांच टीम को कई अहम जानकारी भी मिली हैं.
सीसीटीवी के सीडीआर जब्त
प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ चोरी के ऑक्सीजन सिलेंडर एसआईटी टीम को जांच के दौरान कॉलेज परिसर से ही मिले हैं. हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि होना बाकी है. वहीं सूत्रों की मानी जाए तो अस्पताल प्रबंधन को भी यह पता नहीं है कि वास्तविक संख्या में कितने ऑक्सीजन सिलेंडर की चोरी हुई है.
सदर थाना की टीम ने कॉलेज में लगाए गए सीसीटीवी के सीडीआर जब्त की है. अब कहा जा रहा है कि हर 1 मिनट की फुटेज देखकर लोगों को डिटेन कर पूछताछ की जाएगी.
चोरी के बाद पूरे राज्य भर में हजारीबाग जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़ा किए गए हैं कि एक ओर मरीज बिना ऑक्सीजन के तड़प तड़प कर मर रहे थे. दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर से ऑक्सीजन सिलेंडर की चोरी हो रही थी.