हजारीबागः गरीबों तक निवाला पहुंचाने वाली पीडीएस एक बार फिर सवालों के घेरे में है. कोरोना काल में लगे लॉकडाउन में लोगों को खाने की दिक्कत न हो, इसलिए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू की थी. इसके तहत राशन कार्ड धारकों को मई से नवंबर तक मुफ्त राशन मिलना था, लेकिन जनता और सरकार के बीच लालची बिचौलिये आ गए. हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड के कई ग्रामीणों ने डीसी से शिकायत की है कि उन्हें योजना का अतिरिक्त राशन नहीं मिला और रिकॉर्ड में राशन दिया जाना दिखा दिया गया.
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कटकमदाग प्रखंड की जिला परिषद सदस्य प्रियंका कुमारी का कहना है कि योजना के तहत कार्ड धारकों को अतिरिक्त यानी पहले से दिए जा रहे राशन का दोगुना राशन दिया जाना था.लेकिन हजारीबाग के बानादाग समेत कई गांवों के दुकानदारों ने लोगों की जागरूकता में कमी का फायदा उठाया. इन्होंने शुरुआत में तो लोगों को आम दिनों और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का राशन मिलाकर दिया, यानी योजना शुरू होने के शुरुआती एक-दो महीनों में लोगों को पहले का दोगुना राशन दिया पर बाद में इन्होंने कम राशन देना शुरू कर दिया. प्रियंका कुमारी का कहना है कि अब तक तीन राशन डीलर के एरिया से शिकायत आ चुकी है. इन्होंने लोगों को जुलाई से नवंबर तक का अतिरिक्त राशन नहीं दिया. जिला परिषद सदस्य का कहना है कि जांच कराई जाय तो पूरे प्रदेश में बड़ी गड़बड़ी सामने आ सकती है.जिला परिषद सदस्य की मानें तो सिर्फ कटकमदाग प्रखंड में हर माह 4000 क्विंटल अनाज बांटा जाता है. इसके बाद 5 माह की गड़बड़ी का अंदाजा लगाएं तो सिर्फ एक प्रखंड में 20 हजार क्विंटल अनाज की हेराफेरी की गई है.
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ऐसे हुआ खुलासा
कोरोना राहत में खेल का खुलासा तब हुआ जब जागरूक ग्रामीणों ने पीडीएस से संबंधित वेबसाइट देखी. वेबसाइट पर उनके नाम से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का अतिरिक्त राशन बांटा जाना दिखाया गया था. इसके बाद उन्होंने हजारीबाग के उपायुक्त के पास शिकायत की. डीसी के पास मामला पहुंचने पर उन्होंने बीडीओ और डीएसओ की जांच टीम गठित की है. टीम ने आरोपी डीलर से रिकॉर्ड ले लिए हैं, एक दो दिन में यह टीम शिकायतकर्ताओं के बयान लेगी. जिला आपूर्ति पदाधिकारी अनिल कुमार यादव का इस संबंध में कहना है कि डीसी की नियुक्त टीम ने मौका मुआयना कर रिकॉर्ड कब्जे में लिए हैं. हम हर एंगल से मामले की जांच कर रहे हैं. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
जांच टीम में जनप्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग
वहीं बानादाग के ग्रामीण भोला प्रसाद की मांग है कि मामले की कड़ाई से जांच की जाय और गरीबों के हक पर डाका डालने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाय. इधर जिला परिषद सदस्य प्रियंका कुमारी ने जांच टीम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी रखने की मांग की है, ताकि मामले की तह तक जाने में सहूलियत हो सके.