हजारीबाग: राज्य गठन के बाद पहली बार ऐसा मौका आया है कि कंपनी के काम नहीं करने पर अधिग्रहित जमीन रैयतों को वापस किया जा रहा है. बड़कागांव अंचल के 26 रैयतों को लगभग 60 एकड़ जमीन वापस करने का आदेश सरकार ने दिया है. ऐसे में बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने सरकार का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में कोई भी कंपनी इस तरह की धोखाधड़ी करती है तो उसके खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई होगी.
जमीन वापस देने का आदेश
पीठासीन पदाधिकारी सह मंत्री चंपई सोरेन की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. जिन रैयतों की जमीन अधिग्रहित कर लौटाई गई है. वे पसेरिया और बरबनिया गांव के हैं. कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि कई कंपनियों ने माइनिंग के लिए 2011 से 15 के बीच रैयतों का जमीन अधिग्रहित किया था, लेकिन साल बीत जाने के बाद भी काम शुरू नहीं हुआ. ऐसे में अधिग्रहण करने का फायदा भी नहीं हुआ. इस कारण यह फैसला दिया गया है. फैसला आने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अगर कोई कंपनी जमीन का अधिग्रहण करेगी और इकरार के अनुसार, काम नहीं करेगी तो सरकार जमीन वापस देने का भी आदेश दे सकती है.