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हजारीबाग: मेडिकल कॉलेज में गिरा मरीजों की संख्या का ग्राफ, अस्पताल प्रशासन ने की वैकल्पिक व्यवस्था - एचएमसीएच बनेगा कोविड अस्पताल

कोरोना का कहर पूरे देश में जारी है. कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए कई अस्पताल चिन्हित किए गए हैं. हजारीबाग मेडिकल कॉलेज को भी इसके लिए चिन्हित किया गया है, जिसके कारण यहांं यहां सामान्य मरीजों की संख्या में भारी कमी हो गई है.

Reduction in number of patients in Hazaribag Medical College Hospital
हजारीबाग मेडिकल कॉलेज
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Published : May 17, 2020, 2:21 PM IST

हजारीबाग: जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है, जिसके कारण भय से मरीज मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए नहीं आ रहे हैं. अस्पताल में ओपीडी के मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है. साल 2020 के जनवरी महीने में 22 हजार से अधिक मरीजों ने अपना इलाज कराया था, लेकिन अप्रैल महीने में मात्र 200 लोगों ने ओपीडी में इलाज करवाया है. ऐसे में भारी गिरावट दर्ज की गई है.

देखें पूरी खबर
हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनने के बाद यहां मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. अगर आंकड़ों की बात की जाए तो जनवरी, फरवरी और मार्च में मरीजों की संख्या औसतन हर महीने 25 हजार के आसपास रही है, लेकिन लॉकडाउन होने के बाद मरीजों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है. ऐसे में आखिर क्या कारण है गिरावट दर्ज करने का यह जानना बेहद जरूरी है.महीना(2020) मरीजों कि संख्याजनवरी 22467फरवरी 28719मार्च 26794अप्रैल 2042मई (13.5.20 तक) 249आंकड़े को देखा जाए तो लॉकडाउन के बाद मरीजों की संख्या सदर अस्पताल ओपीडी में घटी है. इसका कारण यह रहा कि इस अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया. ऐसे में मरीज यहां इलाज करवाने नहीं पहुंच रहे हैं. हजारीबाग के सिविल सर्जन का कहना है कि हमलोग इस पर विचार किए हैं, अब कई निजी अस्पतालों से संपर्क में हैं, जहां ओपीडी की व्यवस्था दी जाएगी. उन्होंने कहा कि हजारीबाग के श्रीनिवास अस्पताल में पहले से हमलोगों ने महिला प्रसव का इंतजाम करवाया है, वहीं पेलावत स्थित लाइफ केयर अस्पताल को भी हमलोगों ने वैकल्पिक अस्पताल के रूप में उपयोग में ला रहे हैं, ताकि मरीजों का इलाज हो सके.

हजारीबाग: जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है, जिसके कारण भय से मरीज मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए नहीं आ रहे हैं. अस्पताल में ओपीडी के मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है. साल 2020 के जनवरी महीने में 22 हजार से अधिक मरीजों ने अपना इलाज कराया था, लेकिन अप्रैल महीने में मात्र 200 लोगों ने ओपीडी में इलाज करवाया है. ऐसे में भारी गिरावट दर्ज की गई है.

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हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनने के बाद यहां मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. अगर आंकड़ों की बात की जाए तो जनवरी, फरवरी और मार्च में मरीजों की संख्या औसतन हर महीने 25 हजार के आसपास रही है, लेकिन लॉकडाउन होने के बाद मरीजों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है. ऐसे में आखिर क्या कारण है गिरावट दर्ज करने का यह जानना बेहद जरूरी है.महीना(2020) मरीजों कि संख्याजनवरी 22467फरवरी 28719मार्च 26794अप्रैल 2042मई (13.5.20 तक) 249आंकड़े को देखा जाए तो लॉकडाउन के बाद मरीजों की संख्या सदर अस्पताल ओपीडी में घटी है. इसका कारण यह रहा कि इस अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया. ऐसे में मरीज यहां इलाज करवाने नहीं पहुंच रहे हैं. हजारीबाग के सिविल सर्जन का कहना है कि हमलोग इस पर विचार किए हैं, अब कई निजी अस्पतालों से संपर्क में हैं, जहां ओपीडी की व्यवस्था दी जाएगी. उन्होंने कहा कि हजारीबाग के श्रीनिवास अस्पताल में पहले से हमलोगों ने महिला प्रसव का इंतजाम करवाया है, वहीं पेलावत स्थित लाइफ केयर अस्पताल को भी हमलोगों ने वैकल्पिक अस्पताल के रूप में उपयोग में ला रहे हैं, ताकि मरीजों का इलाज हो सके.
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