हजारीबाग: प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रख्यात हजारीबाग रामनवमी के लिए भी जाना जाता है. हजारीबाग की ऐतिहासिक रामनवमी कोरोना काल के 2 साल के बाद पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. हजारीबाग की रामनवमी की खास बात यह है कि यहां नवमी और दशमी तिथि, दो दिन जुलूस निकाले जाते हैं. ऐसे में हजारीबाग में रामनवमी जुलूस 36 घंटे तक सड़कों पर रहता है और लाखों श्रद्धालु जुलूस का हिस्सा बनते हैं.
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दो साल के बाद जिला में पूरे उत्साह के साथ रामनवमी जुलूस निकाला गया. सरकार ने गाइडलाइन जारी किया है कि रात 10:00 बजे के बाद जुलूस समाप्त कर देना है. ऐसे में श्रद्धालुओं का उत्साह भी कम नहीं हुआ. जैसे जैसे समय बीतता जाएगा वैसे वैसे जुलूस में उत्साह भी बढ़ता जाएगा. श्रद्धालु लगातार 36 घंटे नाचते गाते और शक्ति प्रदर्शन करते हुए जुलूस आगे बढ़ाते हैं. समाज का हर एक तबका इस जुलूस का हिस्सा बनता है.
लगभग 100 साल पुराने हजारीबाग के रामनवमी जुलूस का इतिहास भी है. जुलूस के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरा जुलूस मार्ग में लगाए गए हैं. हजारीबाग उपायुक्त नैंसी सहाय (Hazaribag DC) और पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चौथे (Hazaribag SP) स्वयं पूरे जुलूस पर नजर बनाए हुए हैं. प्रशासन मंच पर ही सीसीटीवी कैमरा के जरिए पूरे हजारीबाग पर नजर रखे हुए हैं. इस दौरान कई वरीय पदाधिकारी भी जुलूस संपन्न कराने के लिए अन्य जिले से हजारीबाग पहुंचे हैं.