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हजारीबाग में मुस्लिम समुदाय के महिलाओं का CAA-NRC का विरोध, जामिया की छात्रा भी शामिल

हजारीबाग में नागरिक संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग की महिलाएं जिस तरह अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं. ठीक उसी तरह हजारीबाग में भी मुस्लिम समाज की महिलाएं सड़कों पर उतर कर विरोध दर्ज करा रही हैं. इसी कड़ी में हजारीबाग के खीर गांव मोहल्ला में मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने धरना देकर अपनी आवाज बुलंद की है.

protest against CAA NRC  from Muslim community in Hazaribagh
विरोध करती महिलाएं
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Published : Jan 26, 2020, 11:38 AM IST

हजारीबाग: जिला में मुस्लिम समाज की महिलाओं नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध कर रही हैं. विगत 2 दिनों से विभिन्न मोहल्लों में जाकर मुस्लिम समुदाय की महिलाएं आम सभा कर विरोध दर्ज करा रही हैं.

देखें पूरी खबर

इस प्रदर्शन में दिल्ली यूनिवर्सिटी और जामिया की आई छात्राएं भी हिस्सा ले रही हैं. धरना में शामिल महिला का कहना है कि सीएए सिर्फ देश में नफरत फैला रही है और कुछ नहीं. सरकार को इस कानून को तुरंत वापस लेना चाहिए. केंद्र की बीजेपी सरकार एनआरसी के माध्यम से मुसलमानों को उत्पीड़ित करना चाहती है. स्थानीय महिला भारतीय झंडे के तले विरोध प्रदर्शन कर रही हैं.

ये भी देखें- चाईबासा हत्याकांड आग से खेलने का नतीजा: रघुवर दास

उनका कहना है कि हम सरकार को संविधान बदलने नहीं देंगे. हमारे अधिकारों की लड़ाई है और हम पीछे नहीं हटेंगे. यहां जुटी महिलाओं में कॉलेज की छात्राओं से लेकर 70 वर्ष की वृद्ध महिला भी शामिल है. महिलाएं कहती है कि हमें अपने पति और पड़ोसियों का भी समर्थन मिल रहा है, इसलिए हम घर से बाहर निकल कर तख्ती लेकर मैदान में बैठे हैं.

ये भी देखें- दुमका में सीएम ने स्विमिंग पूल का किया उद्घाटन, कहा- चुनौतियों को अवसर में बदलकर झारखंड का विकास करना है

उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द यह बिल वापस लिया जाए. महिलाओं का यह भी कहना है कि सरकार जानबूझकर मुस्लिम समुदाय को परेशान करना चाहती है और उन्हें मुल्क से बाहर निकालना चाहती है, इसलिए सीएए और एनआरसी का बहाना बना रही है. ऐसे में हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारा मुल्क है और हम इस मुल्क के वफादार सिपाही है.

हजारीबाग में पहली बार ऐसी घटना देखने को मिली है, जब मुस्लिम समुदाय की महिलाएं सड़कों पर उतरी है और नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही हैं. ऐसे में उनका आवाज क्या रंग लाता है यह तो समय ही तय करेगा.

हजारीबाग: जिला में मुस्लिम समाज की महिलाओं नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध कर रही हैं. विगत 2 दिनों से विभिन्न मोहल्लों में जाकर मुस्लिम समुदाय की महिलाएं आम सभा कर विरोध दर्ज करा रही हैं.

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इस प्रदर्शन में दिल्ली यूनिवर्सिटी और जामिया की आई छात्राएं भी हिस्सा ले रही हैं. धरना में शामिल महिला का कहना है कि सीएए सिर्फ देश में नफरत फैला रही है और कुछ नहीं. सरकार को इस कानून को तुरंत वापस लेना चाहिए. केंद्र की बीजेपी सरकार एनआरसी के माध्यम से मुसलमानों को उत्पीड़ित करना चाहती है. स्थानीय महिला भारतीय झंडे के तले विरोध प्रदर्शन कर रही हैं.

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उनका कहना है कि हम सरकार को संविधान बदलने नहीं देंगे. हमारे अधिकारों की लड़ाई है और हम पीछे नहीं हटेंगे. यहां जुटी महिलाओं में कॉलेज की छात्राओं से लेकर 70 वर्ष की वृद्ध महिला भी शामिल है. महिलाएं कहती है कि हमें अपने पति और पड़ोसियों का भी समर्थन मिल रहा है, इसलिए हम घर से बाहर निकल कर तख्ती लेकर मैदान में बैठे हैं.

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उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द यह बिल वापस लिया जाए. महिलाओं का यह भी कहना है कि सरकार जानबूझकर मुस्लिम समुदाय को परेशान करना चाहती है और उन्हें मुल्क से बाहर निकालना चाहती है, इसलिए सीएए और एनआरसी का बहाना बना रही है. ऐसे में हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारा मुल्क है और हम इस मुल्क के वफादार सिपाही है.

हजारीबाग में पहली बार ऐसी घटना देखने को मिली है, जब मुस्लिम समुदाय की महिलाएं सड़कों पर उतरी है और नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही हैं. ऐसे में उनका आवाज क्या रंग लाता है यह तो समय ही तय करेगा.

Intro:नागरिक संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग की महिलाएं जिस तरह अपनी आवाज बुलंद कर रही है। ठीक उसी तरह हजारीबाग में भी मुस्लिम समाज की महिलाएं सड़कों पर उतर कर विरोध दर्ज करा रही है। इसी कड़ी में हजारीबाग के खीर गांव मोहल्ला में मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने धरना देकर अपना आवाज बुलंद किया है।


Body:इन दिनों हजारीबाग में मुस्लिम महिलाओं का विरोध नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहा है। विगत 2 दिनों से विभिन्न मोहल्लो में जाकर मुस्लिम समुदाय की महिलाएं आम सभा कर विरोध दर्ज करा रही हैं ।इस प्रदर्शन में दिल्ली यूनिवर्सिटी और जामिया की आई छात्राएं भी हिस्सा ले रही। धरने में शामिल महिला का कहना है कि सीएएसए सिर्फ देश में नफरत फैले रही है और कुछ नहीं।सरकार को इस कानून को तुरंत वापस लेना चाहिए। केंद्र की बीजेपी सरकार एनआरसी के माध्यम से मुसलमानों को उत्पीड़ित करना चाहती है। स्थानीय महिला भारतीय झंडे के तले विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। उनका कहना है कि हम सरकार को संविधान बदलने नहीं देंगे ।हमारे अधिकारों की लड़ाई है और हम पीछे नहीं हटेंगे। यहा जुटी महिलाओं में कॉलेज की छात्राओं से लेकर 70 वर्ष की वृद्ध महिला भी शामिल है ।महिलाएं कहती है कि हमें अपने पति और पड़ोसियों का भी समर्थन मिल रहा है। इसलिए हम घर से बाहर निकल कर तख्ती लेकर मैदान में बैठे हैं। उन्होंने सरकार से मांग किया है कि जल्द से जल्द यह बिल वापस लिया जाए। महिलाओं का यह भी कहना है कि सरकार जानबूझकर मुस्लिम समुदाय को परेशान करना चाहती है और उन्हें मुल्क से बाहर निकालना चाहती है ।इसलिए सीए और एनआरसी का बहाना बना रही है। ऐसे में हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारा मुल्क है और हम इस मुल्क के वफादार सिपाही।
byte.. . दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा


Conclusion:हजारीबाग में पहली बार ऐसी घटना देखने को मिली है। जब मुस्लिम समुदाय की महिलाएं सड़कों पर उतरी है और नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही हैं। ऐसे में उनका आवाज क्या रंग लाता है यह तो समय ही तय करेगा।
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