हजारीबाग: सदर अस्पताल में पीपीपी मोड पर कार्यरत संस्था एसआरएल के बंद होने से इन दिनों जिले के मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार द्वारा चयनित जांच पैथोलॉजी एसआरएल की बकाया राशि का भुगतान सदर अस्पताल ने रोक रखा है. जिसके कारण जांच एजेंसी बंद है.
क्या है मामला
राज्य में उच्चस्तरीय पैथोलॉजी जांच सस्ते में कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी पहल की थी. जिसके तहत सरकार ने पीपीपी मॉडल पर राज्य के कई अस्पतालों के लिए दिल्ली की संस्था एसआरएल लिमिटेड के साथ एमओयू किया था. इसी के तहत 3 सालों से यह कंपनी हजारीबाग सदर अस्पताल में सेवा दे रही थी.
पिछले कई दिनों से हजारीबाग में एसआरएल कंपनी सेवा नहीं दे रही है. क्योंकि उन्हें जांच की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है. जांच राशि की भुगतान की जिम्मेवारी सदर अस्पताल के जिम्मे है. ऐसे में हजारीबाग के गरीब मरीज इन दिनों काफी परेशान हैं और वह निजी पैथोलॉजी में अधिक पैसा देकर जांच कराने को विवश हैं.
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार ने जो दावा किया था, वह स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी पर नही है. इसकी जानकारी जब स्थानीय विधायक मनीष जायसवाल को मिली तब उन्होंने सदर अस्पताल जाकर अधिकारियों की जमकर क्लास ली और उनपर कार्रवाई की बात कही. उन्होंने कहा कि अस्पताल में फंड की कमी नहीं है. लेकिन अस्पताल प्रबंधक की अफसरशाही के कारण सेवा बंद पड़ा है.
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वहीं इस मामले पर सिविल सर्जन ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि पैसा ट्रांसफर कर दिया गया है. एसआरएल क्यों काम नही कर रही है, इसका जवाब उनके पास नही है. इस बाबत में उन्होंने कंपनी को खत भी लिखा है और सरकार को भी अवगत करा दिया गया है.