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हजारीबाग सदर अस्पताल में पैथोलॉजी सेंटर बंद, मरीजों को हो रही परेशानी

हजारीबाग सदर अस्पताल में संचालित जांच पैथोलॉजी एसआरएल के बंद होने से मरीजों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. जांच के लिए मरीजों को दूसरे निजी जांच घरों में अधिक पैसे देने पड़ रहे हैं. इस पर अस्पताल प्रबंधक भी सुस्त नजर आ रहे है.

अस्पताल प्रबंधन से बात करते विधायक
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Published : Aug 11, 2019, 12:48 PM IST

हजारीबाग: सदर अस्पताल में पीपीपी मोड पर कार्यरत संस्था एसआरएल के बंद होने से इन दिनों जिले के मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार द्वारा चयनित जांच पैथोलॉजी एसआरएल की बकाया राशि का भुगतान सदर अस्पताल ने रोक रखा है. जिसके कारण जांच एजेंसी बंद है.

देखें पूरी खबर

क्या है मामला

राज्य में उच्चस्तरीय पैथोलॉजी जांच सस्ते में कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी पहल की थी. जिसके तहत सरकार ने पीपीपी मॉडल पर राज्य के कई अस्पतालों के लिए दिल्ली की संस्था एसआरएल लिमिटेड के साथ एमओयू किया था. इसी के तहत 3 सालों से यह कंपनी हजारीबाग सदर अस्पताल में सेवा दे रही थी.

पिछले कई दिनों से हजारीबाग में एसआरएल कंपनी सेवा नहीं दे रही है. क्योंकि उन्हें जांच की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है. जांच राशि की भुगतान की जिम्मेवारी सदर अस्पताल के जिम्मे है. ऐसे में हजारीबाग के गरीब मरीज इन दिनों काफी परेशान हैं और वह निजी पैथोलॉजी में अधिक पैसा देकर जांच कराने को विवश हैं.

ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार ने जो दावा किया था, वह स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी पर नही है. इसकी जानकारी जब स्थानीय विधायक मनीष जायसवाल को मिली तब उन्होंने सदर अस्पताल जाकर अधिकारियों की जमकर क्लास ली और उनपर कार्रवाई की बात कही. उन्होंने कहा कि अस्पताल में फंड की कमी नहीं है. लेकिन अस्पताल प्रबंधक की अफसरशाही के कारण सेवा बंद पड़ा है.

ये भी पढ़ें:- आरयू प्रशासन की बढ़ी चिंता, पीजी के 22 विभागों में से 13 विभागों में सीटें रिक्त, विशेष गाइडलाइन जारी

वहीं इस मामले पर सिविल सर्जन ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि पैसा ट्रांसफर कर दिया गया है. एसआरएल क्यों काम नही कर रही है, इसका जवाब उनके पास नही है. इस बाबत में उन्होंने कंपनी को खत भी लिखा है और सरकार को भी अवगत करा दिया गया है.

हजारीबाग: सदर अस्पताल में पीपीपी मोड पर कार्यरत संस्था एसआरएल के बंद होने से इन दिनों जिले के मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार द्वारा चयनित जांच पैथोलॉजी एसआरएल की बकाया राशि का भुगतान सदर अस्पताल ने रोक रखा है. जिसके कारण जांच एजेंसी बंद है.

देखें पूरी खबर

क्या है मामला

राज्य में उच्चस्तरीय पैथोलॉजी जांच सस्ते में कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी पहल की थी. जिसके तहत सरकार ने पीपीपी मॉडल पर राज्य के कई अस्पतालों के लिए दिल्ली की संस्था एसआरएल लिमिटेड के साथ एमओयू किया था. इसी के तहत 3 सालों से यह कंपनी हजारीबाग सदर अस्पताल में सेवा दे रही थी.

पिछले कई दिनों से हजारीबाग में एसआरएल कंपनी सेवा नहीं दे रही है. क्योंकि उन्हें जांच की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है. जांच राशि की भुगतान की जिम्मेवारी सदर अस्पताल के जिम्मे है. ऐसे में हजारीबाग के गरीब मरीज इन दिनों काफी परेशान हैं और वह निजी पैथोलॉजी में अधिक पैसा देकर जांच कराने को विवश हैं.

ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार ने जो दावा किया था, वह स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी पर नही है. इसकी जानकारी जब स्थानीय विधायक मनीष जायसवाल को मिली तब उन्होंने सदर अस्पताल जाकर अधिकारियों की जमकर क्लास ली और उनपर कार्रवाई की बात कही. उन्होंने कहा कि अस्पताल में फंड की कमी नहीं है. लेकिन अस्पताल प्रबंधक की अफसरशाही के कारण सेवा बंद पड़ा है.

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वहीं इस मामले पर सिविल सर्जन ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि पैसा ट्रांसफर कर दिया गया है. एसआरएल क्यों काम नही कर रही है, इसका जवाब उनके पास नही है. इस बाबत में उन्होंने कंपनी को खत भी लिखा है और सरकार को भी अवगत करा दिया गया है.

Intro:सरकार ने सदर अस्पताल में पीपीपी मोड पर एसआरएल को जांच के लिए नियुक्त किया है ।लेकिन हजारीबाग के सदर अस्पताल में कार्यरत एसआरएल कंपनी सेवा देना बंद कर दी है। कारण है कि उसे जो पैसा देना चाहिए वह पैसा का भुगतान सदर अस्पताल ने नहीं किया है ।ऐसे में मरीजों की बीमारी की जांच करने वाली एजेंसी एसआरएल ही बीमार हो गई है और वहां ताला लटका हुआ है ।ऐसे में हजारीबाग के गरीब मरीज परेशान हैं और उनका सुनने वाला कोई नहीं।


Body:राज्य में उच्च स्तरीय पैथोलॉजी जांच सस्ते में कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी पहल की थी। पीपीपी मॉडल पर राज्य के कई जिलों के अस्पताल के लिए दिल्ली की संस्था एसआरएल लिमिटेड के साथ एमओयू किया गया था। 3 सालों से यह कंपनी हजारीबाग में भी सेवा दे रही थी ।लेकिन विगत कई दिनों से हजारीबाग में एसआरएल कंपनी सेवा देना बंद कर दी है। क्योंकि उन्हें भुगतान नहीं किया गया है ।ऐसे में हजारीबाग के गरीब मरीज परेशान है और उन्हें निजी पैथोलॉजी की ओर रुख करना पड़ रहा है। ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि सरकार ने जो दावा किया था कि स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी में लाने के लिए प्रयास किए थे वह खटाई में जाता दिख रहा है ।ऐसे में हजारीबाग विधायक ने सदर अस्पताल में जाकर जमकर अधिकारियों की क्लास ली और उन्हें एहसास दिलाने की कोशिश की कि उनकी वजह से मरीज परेशान हो रहे हैं ।उन्होंने कहा की फंड की कमी हजारीबाग में नहीं है। लेकिन अफसरशाही के कारण हजारीबाग मे सेवा बंद पड़ा है।

वही सेवा क्यों बंद है इसे लेकर जब हजारीबाग सिविल सर्जन से बात की गई तो उन्होंने इस बाबत उन्होंने अपनी समस्या गिनाना शुरू किया। उन्होंने कहा कि पैसा ट्रांसफर कर दिया गया है। लेकिन एसआरएल क्यों काम नहीं कर रही है इसका जवाब नहीं है। इस बाबत उन्होंने कंपनी को खत भी लिखा है और सरकार को भी बताया है कि कंपनी के मनमानी तरीके के कारण हजारीबाग में एसआरएल पैथोलॉजी अपना काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर सदर अस्पताल की जो पैथोलॉजी है वह काम कर रहा है।

byte.... मनीष जायसवाल विधायक हजारीबाग
byte.... डॉ कृष्ण कुमार सिविल सर्जन सदर अस्पताल हजारीबाग


Conclusion:कहना गलत नहीं होगा कि हजारीबाग में स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जहां एक और मेडिकल कॉलेज अस्तित्व में आ रही है तो दूसरी ओर सदर अस्पताल अपनी लापरवाही के कारण मरीजों को सुविधा देने में सफल नहीं हो रही है। जरूरत है अधिकारियों को सजग रहने की तब जाकर गरीब और बेबस मरीजों का इलाज संभव हो पाएगा।

गौरव प्रकाश ईटीवी भारत हजारीबाग
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